JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

प्रधानमंत्री किसे कहते हैं | भारत में प्रधानमंत्री किसे कहाँ जाता है ? what is prime minister of india in hindi

what is prime minister of india in hindi definition meaning प्रधानमंत्री किसे कहते हैं | भारत में प्रधानमंत्री किसे कहाँ जाता है ?

प्रधानमंत्री
संविधान के तहत वास्तविक कार्यकारी शक्ति अपने शीर्ष पर प्रधानमंत्री के साथ मंत्रिपरिषद् में निहित है। राष्ट्रपति इस मंत्रिपरिषद् की सलाह के अनुसार ही काम करने को बाध्य है, जो कि शब्द के असली अर्थ में, राष्ट्रपति नहीं वरन् लोकसभा के प्रति उत्तरदायी है।

ब्रिटेन की भाँति ही, प्रधानमंत्री सामान्यतः संसद के निचले सदन का एक सदस्य होता है। 1966 में जब श्रीमती इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गईं, वह राज्य सभा की सदस्या थीं। लोक सभा के लिए चुने जाते ही, उन्होंने निचले सदन के एक सदस्य के रूप में ही प्रधानमंत्री की परिपाटी को दृढ़ता प्रदान की।

प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। तथापि, राष्ट्रपति के पास प्रधानमंत्री को चुनने का अधिकार नाममात्र को ही है। वह सिर्फ लोकसभा में बहुमत दल के नेता, अथवा उस व्यक्ति को, जो सदन में बहुमत का विश्वास जीतने की स्थिति में है, आमंत्रित ही कर सकता है। प्रधानमंत्री राष्ट्रपति की इच्छानुसार ही पद पर रहता है। इस लिहाज से राष्ट्रपति की ‘इच्छा‘ उस अटल बहुमत समर्थन से संबंधित है जो एक प्रधानमंत्री को लोकसभा से प्राप्त होता है।

राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री की सलाह पर मंत्रिपरिषद् के अन्य सदस्यों को नियुक्त करता है। कोई मंत्री किसी भी सदन से चुना जा सकता है और उसे दूसरे सदन की कार्यवाही में बोलने तथा भाग लेने का अधिकार होता है, यद्यपि वह उस सदन में ही मतदान कर सकता है जिससे वह संबद्ध है। वह व्यक्ति भी जो संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं है, मंत्री के रूप में नियुक्त किया जा सकता है, परंतु छह माह की अवधि के भीतर ही किसी सदन हेतु चुने जा कर अथवा नामांकित किए जाकर उसके लिए अर्हता प्राप्त करनी होती है।

 मंत्रिपरिषद् तथा मंत्रिमंडल
‘मंत्रिमंडल‘ अथवा ‘कैबिनेट‘ शब्द का प्रयोग मंत्रिपरिषद् के प्रर्याय के रूप में बहुधा किया जाता है। परंतु वे परस्पर भिन्न हैं। स्वतंत्रताप्राप्ति के समय, भारत में इस प्रकार की कोई प्रथा नहीं थी। तब अस्तित्व में थी – कार्यकारी परिषद्। 15 अगस्त 1947 को कार्यकारी परिषद् एक मंत्रालय अथवा मंत्रिपरिषद् में रूपांतरित हो गई जो संसद के प्रति उत्तरदायी होती है।

‘मंत्रिमंडल‘ शब्द का प्रयोग तदोपरांत मंत्रिपरिषद् के एक विकल्प के रूप में किया गया। इस अवस्था में, मंत्रालय अथवा मंत्रिमंडल के सभी सदस्य प्रधानमंत्री के सिवा, एक-सी ही पदस्थिति रखते थे। परंतु एक बार कनिष्ठ मंत्रियों की मंत्रिपरिषद् हेतु नियुक्त किए जाने के बाद स्थिति बदल गई। 1950 में, गोपालस्वामी अय्यंगर की रिपोर्ट की सिफारिशों पर आधारित, मंत्रालय की एक त्रि-पंक्ति प्रणाली शुरू की गई: शीर्ष पर मंत्रिमंडल अथवा कैबिनेट मंत्रिगण, मध्य में राज्य-मंत्रिगण तथा निम्नतम पायदान पर उप-मंत्रीगण ।

उन ‘वरिष्ठतम मंत्रियों‘ से गठित ‘मंत्रिमंडल‘ यानी कैबिनेट प्रशासन के संपूर्ण क्षेत्र में विभागीय सीमाओं से बढ़कर है, एक छोटी-सी सभा है और सरकार में सर्वाधिक शक्तिशाली निकाय है। मंत्रिमंडल तीन मुख्य कार्य निभाता है: (क) यही वह निकाय है जो संसद में प्रस्तुत्य सरकारी नीति निर्धारित करता हैय (ख) यह सरकारी नीति लागू करने के लिए जिम्मेदार हैय और (ग) यह अंतर्विभागीय समन्वय और सहयोग कायम रखता है।

मंत्रिमंडल की सभा नियमित होती है क्योंकि यह एक निर्णयन निकाय है। इसका सहयोग मंत्रिमंडल सचिवालय द्वारा ही किया जाता है, जिसका अग्रणी होता है – असैनिक सेवाओं का एक वरिष्ठ सदस्य कैबिनेट सचिव। सामने आने वाले काम के ढेर और जटिलताओं को संभालने के कैबिनेट सदस्यों ने स्थायी तथा तदर्थ समितियाँ विकसित की हैं। ऐसी चार स्थायी समितियाँ हैं जो स्वभावतः चिरस्थायी हैं। ये हैं – रक्षा समिति, आर्थिक समिति, प्रशासनिक संगठन समिति तथा संसदीय व विधि-कार्य समिति । तदर्थ समितियाँ समय-समय पर गठित की जाती रहती हैं।

पद-पंक्ति में तदंतर हैं राज्य-मंत्रिगण जो विशिष्ट मंत्रालयों का स्वतंत्र प्रभार रखते हैं और एक कैबिनेट मंत्री की भाँति समान प्रकार्यों को निभाते हैं और समान शक्तियों का प्रयोग करते हैं। एक राज्यमंत्री और एक कैबिनेट मंत्री के बीच एकमात्र अंतर यह है कि पूर्ववर्ती मंत्रिमंडल का सदस्य/सदस्या नहीं होताध्होती है, परंतु मंत्रिमंडल की सभाओं में तभी उपस्थिति होताध्होती है जब उसके प्रभाराधीन विषय के संबंध में उससे ऐसा करने हेतु उसको विशेषरूप से आमंत्रित किया जाता है। अन्य राज्य मंत्री होते हैं जो कैबिनेट मंत्रियों के अधीन प्रत्यक्षतः कार्य करते हैं।

पदानुक्रम में सबसे नीचे हैं – उप-मंत्रिगण, जिनके पास कोई विशिष्ट प्रशासनिक उत्तरदायित्व नहीं हैं। बल्कि उनके कर्तव्यों में शामिल हैं: (1) संबद्ध मंत्रियों की ओर से संसद में उत्तर देना और विधेयकों के मार्गदर्शन में मदद करनाय (2) नीतियाँ तथा कार्यक्रम जनसाधारण को स्पष्ट करना और संसद-सदस्यों, राजनीतिक दलों तथा प्रेस से संपर्क बनाए रखनाय और (3) विशिष्ट समस्याओं के विशेष अध्ययन तथा छान-बीन का काम हाथ में लेना जो कि उन्हें विशिष्ट मंत्री द्वारा समनुदेशित की जा सकती है।

उपर्युक्त से यह स्पष्ट है कि मंत्रिमंडल ही मंत्रिपरिषद् का केंद्र है। असंदिग्धतः यही कारण है कि वाल्टर बेजहॉट मंत्रिमंडल को ‘विधायिका की महानतम समिति‘ कहते हैं। यही कार्यकारी तथा विधायी शक्ति के बीच सेतु‘ है।

Sbistudy

Recent Posts

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

24 hours ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

3 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

5 days ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

5 days ago

elastic collision of two particles in hindi definition formula दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है

दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है elastic collision of two particles in hindi definition…

5 days ago

FOURIER SERIES OF SAWTOOTH WAVE in hindi आरादंती तरंग की फूरिये श्रेणी क्या है चित्र सहित

आरादंती तरंग की फूरिये श्रेणी क्या है चित्र सहित FOURIER SERIES OF SAWTOOTH WAVE in…

1 week ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now