हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

शक्ति की परिभाषा क्या है , इकाई , मात्रक , सूत्र , अवधारणा ,शक्ति किसे कहते है (what is power in hindi)

By   November 13, 2018

(what is power in hindi) शक्ति की परिभाषा क्या है , इकाई , मात्रक , सूत्र , अवधारणा , विद्युत शक्ति किसे कहते है ?

प्रस्तावना : किसी वस्तु पर किया गया कार्य उस वस्तु पर आरोपित बल द्वारा विस्थापन उत्पन्न करने को कहा जाता है। किये गये कार्य में समय की कोई भूमिका नहीं है अर्थात जब हम कार्य की गणना करते है तो समय की उसमे कोई भागीदारी नहीं होती है।

सब्सक्राइब करे youtube चैनल

जैसे जब एक आदमी किसी पहाड़ पर चढ़ता है और दूसरा आदमी उतनी ही नीचे ऊपर से उतरता है तो हम देखते है कि हो सकता है की दोनों के द्वारा किया गया कार्य का मान समान हो लेकिन दोनों समान समय ले यह आवश्यक नहीं है अर्थात उतरने वाले व्यक्ति को कम समय लगता है तथा चढ़ने वाले व्यक्ति को अधिक समय लगता है।

शक्ति की परिभाषा (definition of power)

कार्य करने की दर को शक्ति कहते है , अर्थात कोई व्यक्ति इकाई समय में कितना कार्य करता है उस इकाई समय में किया गया कार्य का मान उस व्यक्ति की शक्ति कहलाती है।
माना कोई व्यक्ति t समय में W कार्य करता है तो उस व्यक्ति की शक्ति का मान निम्न होगा –
शक्ति (power) = w/t
अत: कार्य व समय के अनुपात को शक्ति कहते है।
शक्ति का SI मात्रक “वाट” (watt) अथवा “जूल/सेकंड” होता है।
किसी मशीन द्वारा स्थानान्तरित की गति शक्ति को ‘हॉर्स पॉवर’ अर्थात अश्वशक्ति के रूप में भी व्यक्त करते है।
1 अश्वशक्ति = 750 वाट

शक्ति का दूसरा सूत्र

शक्ति का सूत्र = कार्य/समय
चूँकि कार्य = बल x विस्थापन
कार्य का मान शक्ति के सूत्र में रखने पर
शक्ति = (बल x विस्थापन)/समय
चूँकि हम जानते है कि –
विस्थापन/समय = वेग
यह मान शक्ति के सूत्र में रखने पर
शक्ति = बल x वेग
यह शक्ति का ही सूत्र ही अर्थात शक्ति का मान इसके द्वारा भी ज्ञात किया जा सकता है जब जरुरत हो।

विद्युत ऊर्जा और विद्युत शक्ति (electric energy and power in hindi) : हम सब जानते है कि विद्युत धारा बहने पर कोई चालक तार गर्म हो जाता है। इसका कारण यह है कि जब किसी चालक के सिरों पर विभवान्तर लगाया जाता है तो उसके मुक्त इलेक्ट्रॉन अनुगमन वेग से चालक के धनात्मक सिरे की ओर चलने लगते है तथा तार में विद्युत धारा बहने लगती है। अपनी गति के दौरान मुक्त इलेक्ट्रॉन चालक के धन आयनों से बार बार टकराते है तथा अपनी ऊर्जा उन्हें देते रहते है। मुक्त इलेक्ट्रॉन लगातार बैटरी से ऊर्जा लेते रहते है एवं चालक के धन आयनों को देते रहते है। इस प्रकार धन आयनों की ऊर्जा बढ़ने से उनकी उष्मीय गति बढ़ जाती है तथा चालक तार का ताप बढ़ जाता है अर्थात वह गर्म हो जाता है। इस प्रकार बैट्री से ली गयी ऊर्जा ऊष्मा में बदलती रहती है।

माना किसी चालक तार का प्रतिरोध R है और उसके सिरों पर V विभवान्तर लगाने पर उसमें धारा i बहने लगती है। यदि धारा t सेकंड तक प्रवाहित हो तो प्रवाहित आवेश –

q = i.t कूलाम

इस आवेश के प्रवाहित होने में कृत कार्य –

W = v.q = V.it

अथवा

w = Vit . . . . . . . . . . . समीकरण-1

लेकिन ओम के नियम से ,

V = iR

चूँकि w = iR.it

अत:

w = i2Rt  . . . . . . . . . . . समीकरण-2

पुनः i = V/R

अत:

w = V2.Rt/R2

w = V2.t/R  . . . . . . . . . . . समीकरण-3

परिभाषा : किसी विद्युत परिपथ में ऊर्जा क्षय होने की दर अर्थात कार्य करने की दर को वैद्युत शक्ति कहते है।

अत:

P = w/t

समीकरण-1 , 2 और 3 से –

P = V.i   . . . . . . . . . . . समीकरण-4

P =  i2R . . . . . . . . . . . समीकरण-5

और

P = V2/R  . . . . . . . . . . . समीकरण-6

किलोवाट घंटा (kilowatt hour)

घरों , कारखानों और अन्य सभी कार्यो में व्यय होने वाली बिजली का मूल्य विद्युत ऊर्जा के आधार पर ज्ञात किया जाता है न कि विद्युत शक्ति के आधार पर।
वैद्युत ऊर्जा का मूल्य निकालने के लिए एक विशेष मात्रक किलोवाट घंटा या बोर्ड ऑफ़ ट्रेड यूनिट (BTU) प्रयोग किया जाता है। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे केवल यूनिट कहते है।
एक किलोवाट घंटा या एक यूनिट विद्युत ऊर्जा की वह मात्रा है जो एक किलोवाट की विद्युत शक्ति वाले परिपथ में एक घंटे में व्यय होती है।
चूँकि 1  किलोवाट घंटा = 1 किलोवाट x 1 घंटा
= 1000 वाट x 3600 सेकंड
= 3.6 x 106 जूल
वैद्युत ऊर्जा की गणना निम्नलिखित सूत्र से की जा सकती है –
किसी विद्युत उपकरण में व्यय ऊर्जा = [शक्ति x समय/1000] यूनिट
यहाँ शक्ति वाट में और समय घंटे में रखा जाता है।
किसी विद्युत उपकरण में महीने में व्यय कुल ऊर्जा = [शक्ति x समय x दिनों की संख्या/1000] यूनिट
प्रश्न : 2 किलोवाट का एक हीटर प्रतिदिन 6 घंटे तक चलाया जाता है। हीटर द्वारा एक महीने में व्यय ऊर्जा ज्ञात कीजिये।
उत्तर : नोट : जब दिनों की संख्या महीने में न दी हो तो संख्या 30 दिन ली जाती है।
चूँकि दिया है – दिनों की संख्या = 30  दिन
समय = 6 घंटे
हीटर की शक्ति P = 2 किलोवाट
= 2000 वाट
उपकरण द्वारा व्यय विद्युत ऊर्जा = उपकरण की शक्ति x समय (घंटे) x दिनों की संख्या / 1000
 अर्थात
व्यय विद्युत ऊर्जा = P H D/1000
मान रखने पर
= 2000 x 6 x 30/1000
= 360 यूनिट