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विस्पन्द क्या है , परिभाषा , उदाहरण , चित्र (what is beats in hindi)
(what is beats in hindi) विस्पन्द क्या है , परिभाषा , उदाहरण , चित्र : कोई भी तरंगे सिर्फ खुले स्पेस में ही गति करती बल्कि समय के साथ भी गति कर सकती है अर्थात समय अक्ष पर भी गति कर सकती है।
जब दो तरंगे स्पेस में एक दूसरे पर अध्यारोपित होती है व्यतिकरण उत्पन्न होता है उसी प्रकार जब तरंग समय के साथ संचरित होता है और तरंगे एक दुसरे पर अध्यारोपित होती है जिससे व्यतिकरण उत्पन्न होता है , और समय के साथ उत्पन्न इस व्यतिकरण की घटना को ही विस्पंद कहते है।
जब दो तरंगे स्पेस में एक दूसरे पर अध्यारोपित होती है व्यतिकरण उत्पन्न होता है उसी प्रकार जब तरंग समय के साथ संचरित होता है और तरंगे एक दुसरे पर अध्यारोपित होती है जिससे व्यतिकरण उत्पन्न होता है , और समय के साथ उत्पन्न इस व्यतिकरण की घटना को ही विस्पंद कहते है।
विस्पन्द कब उत्पन्न होता है
जब दो समान आयाम और लगभग समान आवृत्ति की दो तरंगे समय के साथ एक ही साथ एक ही दिशा में गति करती है तो दोनों तरंगे आपस में एक दुसरे पर अध्यारोपित हो जाती है और परिणाम स्वरूप एक नयी तरंग का निर्माण करती है , इस नयी तरंग की आवृत्ति समय के साथ परिवर्तनशील रहती है , इसी घटना को ही विस्पन्द कहते है।
जब एक न्यूतम और एक अधिकतम ध्वनि की तीव्रता मिलती है तो एक विस्पन्द का निर्माण होता है और एक सेकण्ड में जितने विस्पन्द की संख्या प्राप्त होती है , उन विस्पन्दो की संख्या को विस्पन्द की आवृत्ति कहते है।
विस्पंद को उदाहरण की सहायता से समझाओं
विस्पन्द को समझने के लिए दो तरंगे लेते है जिनके आयाम समान और और जिनकी आवृत्ति 700 Hz व 705 Hz है अर्थात लगभग समान ही है जैसा चित्र में दिखाया गया है –
चूँकि दोनों ध्वनि तरंगे थोड़ी ही भिन्न है अत: जब इनको अलग अलग चलाकर सुना जाता है तो दोनों ही तरंगे सुनने में लगभग समान ही सुनाई देती है लेकिन जब दोनों को साथ में चलाया जाता है अर्थात साथ में समय के साथ संचरित किया जाता है तो दोनों तरंगे आपस में अध्यारोपित होकर व्यतिकरण के कारण एक नयी तरंग का निर्माण कर लेते है।
दोनों तरंगों के शिखर-शिखर मिलकर एक नया रचनात्मक व्यतिकरण बनाते है और इसके कारण परिणामी तरंग के शिखर का मान और अधिक प्राप्त होता है। अर्थात परिणामी तरंग का आयाम बढ़ जाता है और आयाम बढ़ने के कारण परिणामी ध्वनि तरंग की प्रबलता का मान बढ़ जाता है अर्थात आवाज तेज सुनाई देती है।
जब दोनों तरंगों के शिखर-गर्त आपस में मिलते है तो यहाँ भी व्यतिकरण उत्पन्न होता है लेकिन यह नष्टकारी व्यतिकरण कहलाता है जिसमें परिणामी ध्वनि तरंग का आयाम का मान शून्य हो जाता है , क्योंकि दोनों तरंगों के आयाम एक दुसरे को नष्ट कर देते है जिससे ध्वनि की आवाज शून्य प्राप्त होती है।
अत: वह तरंग जिसमे ध्वनि आवृत्ति का मान अधिकतम और न्यूनतम होता है अर्थात घटता और बढ़ता है उस आवृत्ति को ही विस्पंद आवृत्ति कहते है।
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