JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

जल प्रदूषण (water pollution) , कारण , नियंत्रण , मृदा प्रदूषण (soil pollution) , स्मोग smog in hindi

(water pollution) जल प्रदूषण : प्राकृतिक जल में किसी अवांछनीय बाह्य पदार्थ की उपस्थिति से जल की गुणवत्ता में कमी आ जाती है जिसे जल प्रदुषण कहते है।

जल प्रदूषण के कारण

1. रोग जनक : सबसे ज्यादा गंभीर जल प्रदूषण के कारकों को रोग जनक कहा जाता है।  रोगजनक में जीवाणु व अन्य जीव आते है जो घरेलु सीवरेज व पशु अपशिष्ट द्वारा जल में प्रवेश करते है।
2. प्राकृतिक स्रोतों से जल प्रदुषण : प्राकृतिक स्रोतो के अंतर्गत जंतुओं के मल पदार्थ , पेड़ पौधों व जंतुओं के अवशेष तथा विभिन्न प्रकार के खनिज पदार्थो के अपशिष्ट आदि आते है।
3. मानव जनित स्रोतों से जल प्रदूषण
  • घरेलु अपशिष्ट पदार्थो से।
  • वाहित मल द्वारा
  • औद्योगिक इकाइयों द्वारा।
  • ताप द्वारा प्रदूषण
  • कृषि अपशिष्ट द्वारा
  • पीडकनाशी द्वारा
  • जैविक प्रदूषण
4. B.O.D : जल के एक नमूने के निश्चित आयतन में उपस्थित कार्बन परमाणु को विखण्डित करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा को जैव रासायनिक ऑक्सीजन मांग (B.O.D.) कहते है।
स्वच्छ जल में B.O.D का मान 5 पीपीएम से कम जबकि प्रदूषित जल में 17 पीपीएम या इससे अधिक हो सकता है।

जल प्रदूषण का नियंत्रण

  • पेट्रोलियम व तेल पदार्थो को समुद्र में फैलने से रोकना चाहिए।
  • रेडियोधर्मी पदार्थो को समुद्र में नहीं डालना चाहिए।
  • परमाणु विस्फोट पर प्रतिबन्ध।
  • नदी तालाब व नहरों के पास मल मूत्र त्यागने , नहाने व कपड़े धोने पर पाबंदी लगानी चाहिए।
  • प्रदूषित जल में पादप लगाकर स्वच्छ करना चाहिए।
  • शहरो में सीवरेज की सुविधा अच्छी होनी चाहिए।
  • जनता को प्रदूषित जल से होने वाले खतरों के बारे में समय समय पर बताना चाहिए।

मृदा प्रदूषण (soil pollution)

मृदा प्रदूषक भूमि के भौतिक , जैविक व रासायनिक गुणों में होने वाला वह परिवर्तन है जिसका प्रभाव वनस्पति तथा जीव जगत पर पड़ता है एवं जिससे भूमि की प्राकृतिक उर्वरकता कम होती है , मृदा प्रदुषण कहलाता है।

मृदा प्रदुषण के कारण

  • बड़े बड़े बाँधो के बनने से।
  • खनन उद्योगों से।
  • सड़के बनने की प्रक्रिया से।
  • शहरीकरण तथा इमारते बनने से।
  • रासायनिक खाद तथा कीटनाशको से।
  • लवण युक्त या खारे पानी की सिंचाई से।
  • शहरी कचरा डालने से।
  • ताप बिजली गृहों से निकलने वाली राख से।
  • अम्ल वर्षा से।

मृदा प्रदूषण के दुष्प्रभाव

  • धरती पर कूड़े कचरे के ढेर बीमारी फैलाते है , इसमें मच्छर मक्खी , कीटाणु पनपते है जिससे टाइफाइड , टीबी आदि बीमारियाँ होने का खतरा रहता है।
  • मल मूत्र की व्यवस्था सही ढंग से नहीं होने पर ये जमीन के पानी को दूषित करके कई रोगों का कारण बनती है।
  • जल निकासी की अव्यवस्था से पानी सडक पर फैलता है तो इस पानी से कीचड़ व गंदगी होती है जिससे मक्खी व मच्छर पनपते है जो मलेरिया , डेंगू आदि फैलाते है।
  • उद्योगों द्वारा भूमि पर छोड़े गए अपशिष्ट पदार्थ तथा कार्बनिक पदार्थ मृदा की उर्वरक शक्ति को कम कर देते है।
  • उर्वरकों में उपस्थित लेड , आर्सेनिक आदि धातुएं मृदा की उपज शक्ति को कम करके मानव के लिए जहरीली बन जाती है।
  • सल्फर के यौगिक मृदा को अम्लीय बनाते है जो पेड़ पौधों को ख़राब कर देते है।
  • पीडकनाशी , कवकनाशी , कीटनाशी आदि मिटटी में एकत्रित होकर खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करते है जिससे कई घातक बीमारियाँ फैलती है।

मृदा प्रदुषण के नियंत्रण के उपाय

  • औद्योगिक अपशिष्टों को उपचारित करके घातक रसायनों को अलग किये बहाने पर पाबंदी लगानी चाहिए।
  • औद्योगिक अपशिष्ट युक्त जल को खेती पर छोड़ने पर सख्त पाबंदी होनी चाहिए।
  • कृषि में कम से कम कीटनाशको का उपयोग करना चाहिए।
  • खाद के रूप में कार्बनिक और जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए।
  • वनों की कटाई व अनियंत्रिक पशुचारण पर रोक लगानी चाहिए।
  • मृदा अपरदन व भूमि कटाव को रोकने के लिए आस पास पेड़ लगाने चाहिए।
  • शहरी कचरे का निस्तारण भूमि पर न करके इसको आधुनिक तकनिकी से विद्युत उत्पादन आदि काम में लिया जाना चाहिए।
  • अनियंत्रित खनन पर पाबंदी लगानी चाहिए।
  • साबुन व अपमार्जक का उपयोग कम किया जाना चाहिए।
  • भूमिगत परीक्षणों पर रोक लगानी चाहिए।
  • पोलीथिन की थैलियो का उपयोग कम करना चाहिए।
  • उन्नत किस्म के बीजो का उपयोग किया जाना चाहिए।

स्मोग (smoge)

स्मोग दो शब्दों से मिलने से बना है –
smoke + fog
स्मोक  + फोग
स्मोक का मतलब धुआं और फोग का मलतब होता है कोहरा।
जिन देशो में तापमान कम होता है वहां स्मोग की समस्या पायी जाती है।  संरचना के आधार पर यह दो प्रकार का होता है –
1. अपचायक स्मोग : धुआं , कोहरा + SO2 के मिश्रण से बना ऑक्साइड अपचायक स्मोग कहलाता है।  यह ठंडी , नम जलवायु  होता है।
सूर्य का प्रकाश SO2 को SO3 में ऑक्सीकृत कर देता है। SO3 , जल  से क्रिया कर H2SO4 का निर्माण करता है जो धुंए  कार्बन कणों पर संघनित होकर स्मोग का निर्माण करती है।
2SO2 + O2 → 2SO3

SO3 + H2O → H2SO4

2. ऑक्सीकारक स्मोग : इसे प्रकाश रासायनिक धुम कोहरा भी कहते है , इसकी रासायनिक प्रकृति ओक्सिकारक होती है क्योंकि इसमें ऑक्सीकारक अभिक्रमको की सांद्रता उच्च होती है इसे ऑक्सीकारक धूम कोहरा भी कहते है।

प्रकाश रासायनिक धूम कोहरे का निर्माण

यह स्वचलित वाहनों तथा कल कारखानों से निकलने वाले नाइट्रोजन के ऑक्साइड तथा हाइड्रोकार्बन पर प्रकाश की क्रिया के कारण उत्पन्न होता है।
NO2 → NO + [O]
[O] + O2 → O3
NO + O3 → NO2 + O2

3CH4 + 2O3 → 3HCHO + 3H2O

प्रकाश रासायनिक धूम कोहरे का नियन्त्रण

  • स्वचालित वाहनों में उत्प्रेरक परिवर्तन लगाने पर इन वाहनों से नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा हाइड्रो-कार्बन का वायुमण्डल में उत्सर्जन नहीं होता है जिससे इसका निर्माण नहीं होता है।
  • कुछ पौधे जैसे क्वेरकस , बीटीस , पायनस पायरस आदि नाइट्रोजन ऑक्साइड का उपापचयन कर देते है अत: इन पौधों को लगाने से भी रासायनिक धूम कोहरे के निर्माण को रोका जा सकता है।

हरित रसायन एक वैकल्पिक साधन

पर्यावरण प्रदुषण को नियंत्रित करने के लिए 1990 में एक सिद्धांत प्रतिपादित किया गया , जिसे हरित रसायन के नाम से जाना जाता है।
इस सिद्धान्त के अनुसार उन क्रियाओं , प्रणाली एवं उत्पादों को विकसित करने पर जोर दिया गया जो हानिकारक पदार्थो के उपयोग और उत्पादन को कम कर दे या रोक दे।  जिससे विषैले पदार्थ वायुमण्डल तथा भूमि में वितरित न हो एवं पर्यावरण को दूषित न कर सके।
वस्त्रो की धुलाई में प्रयुक्त होने वाले अपमार्जको को एंजाइमो द्वारा समाप्त किया जाए।
वाहनों में उपयोग किये जाने वाले इंधन के धुंए से वायु प्रदूषण होता है अत: वैज्ञानिक खोजो में हाइड्रोजन , बायोडीजल व ईंधन सेल से चलने वाले वाहनों को विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है।
C.F.C. (क्लोरो फ्लोरो कार्बन) के स्थान पर नाइट्रोजन व कार्बन डाई ऑक्साइड का उपयोग किया जा रहा है , कुछ देशो में सल्फर डाई ऑक्साइड को चूने के पत्थर से परिवर्तित कर दिया जाता है जिससे प्रदूषक कम हो जाता है।

पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के उपाय

  • अपशिष्टो का प्रबंधन अतिआवश्यक है।
  • ईंधन के उच्च ओक्टेन का उपयोग करके लेड के विषैलेपन को कम किया जा सकता है इसे हरित ईंधन कहते है।
  • घरेलु अपशिष्टो को छोटे पात्रो में एकत्रित करके सार्वजनिक कचरा पात्रों में डाल दिया जाता है जहाँ से इन्हें निस्तारण स्थल तक पहुँचाया जाता है। यहाँ पर इनका जैव निम्नीकरण किया जाता है जो अंत में कम्पोस्ट खाद में परिवर्तित हो जाता है।

नोट : PAN का अर्थ : परोक्सी एसिटाइल नाइट्रेट।

ओजोन का विरचन एवं विघटन

पराबैंगनी किरणें प्रकाश विघटनकारी प्रक्रिया के द्वारा ओजोन को ऑक्सीजन व नवजात ऑक्सीजन में विभक्त कर देती है।
यह एक उत्क्रमणीय अभिक्रिया है।
समतापमण्डल में उपस्थित ओजोन सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है अर्थात वायुमंडल में एक सुरक्षा कवच की भांति कार्य करती है।  वर्तमान समय में इस ओजोन परत का क्षय होता जा रहा है जिनका कारण CFC के यौगिको का उत्सर्जन है।  इन्हें फ्रिओन भी कहते है।
पराबैंगनी प्रकाश की उपस्थिति में CFC सक्रीय क्लोरिन तथा ClO युक्त मूलक में विभक्त होते है।  रासायनिक अभिक्रिया में ये मध्यवर्ती ओजोन को ऑक्सीजन में परिवर्तित कर देते है , इस प्रकार क्लोरिन युक्त मूलक लगातार बनते रहते है तथा समताप मण्डल में ओजोन को लगातार विघटित करते रहते है।
O2 O + O
O + O2 O3
CF2Cl2 Cl + CF2Cl
Cl + O3 ClO + O2

ClO + O → Cl.O2

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now