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श्यानता क्या है , श्यानता गुणांक की परिभाषा , उदाहरण , si मात्रक इकाई , सूत्र (viscosity in hindi)
(viscosity in hindi) श्यानता क्या है , श्यानता गुणांक की परिभाषा , उदाहरण , si मात्रक इकाई , सूत्र : किसी तरल के बहने का विरोध करने की क्षमता को उस तरल की श्यानता कहते है।
जब किसी द्रव की विभिन्न परतें एक दुसरे पर फिसलती है या फिसलने का प्रयास करती है तो उनकी परतों के मध्य एक स्पर्श रेखीय घर्षण बल कार्य करता है तो परतों के आपस में फिसलने या गति का विरोध करता है तरल के इस गुण को श्यान बल कहा जाता है और तरल के इस गुण को श्यानता कहते है।
अन्य शब्दों में यह भी कह सकते है कि जब किसी तरल पर बाह्य बल लगाया जाता है तो बल के कारण तरल का विकृत होने का तरल विरोध करता है और तरल के इस विरोधी गुण को श्यानता कहा जाता है।
अत: श्यानता को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है “तरलों का वह गुण जिसके कारण तरल अपनी अलग अलग परतों के मध्य होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करता है , इस गुण को तरल का श्यानता कहते है। ”
श्यानता का गुण तरलों में अर्थात द्रवों तथा गैसों , दोनों में पाया जाता है जो तरल की विभिन्न परतों के मध्य सापेक्ष गति तथा विरूपण का विरोध करता है।
अलग अलग पदार्थ या द्रव में श्यानता का गुण अलग अलग होता है जैसे किसी द्रव में श्यानता का गुण अधिक पाया जाता है जिससे ये आसानी से बहते नहीं है और न ही आसानी से फैलते है , क्यूंकि श्यानता का गुण अधिक होने के कारण इनकी परतों के मध्य अवरोध अधिक होता है जो इनकी सतहों के मध्य गति का विरोध करती है।
उसी प्रकार कुछ तरलों में श्यानता का गुण कम पाया जाता है जिससे इस प्रकार के द्रव आसानी से गति करते है और आसानी से फ़ैल जाते है क्यूंकि इनकी परतों के मध्य सापेक्ष गति आसानी से हो जाती है।
उदाहरण : शहद में बहने का गुण कम पाया जाता है क्यूंकि इसमें श्यानता का गुण अधिक पाया जाता है जो इनकी परतो के मध्य सापेक्ष गति का विरोध करता है।
पानी में श्यानता का गुण कम पाया जाता है जिससे यह आसानी से बह सकता है , क्यूंकि श्यानता गुण का मान कम होने के कारण इनकी परतों के मध्य सापेक्ष गति का विरोध कम होता है।
अन्य शब्दों में यह भी कह सकते है कि जब किसी तरल पर बाह्य बल लगाया जाता है तो बल के कारण तरल का विकृत होने का तरल विरोध करता है और तरल के इस विरोधी गुण को श्यानता कहा जाता है।
अत: श्यानता को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है “तरलों का वह गुण जिसके कारण तरल अपनी अलग अलग परतों के मध्य होने वाली आपेक्षिक गति का विरोध करता है , इस गुण को तरल का श्यानता कहते है। ”
श्यानता का गुण तरलों में अर्थात द्रवों तथा गैसों , दोनों में पाया जाता है जो तरल की विभिन्न परतों के मध्य सापेक्ष गति तथा विरूपण का विरोध करता है।
अलग अलग पदार्थ या द्रव में श्यानता का गुण अलग अलग होता है जैसे किसी द्रव में श्यानता का गुण अधिक पाया जाता है जिससे ये आसानी से बहते नहीं है और न ही आसानी से फैलते है , क्यूंकि श्यानता का गुण अधिक होने के कारण इनकी परतों के मध्य अवरोध अधिक होता है जो इनकी सतहों के मध्य गति का विरोध करती है।
उसी प्रकार कुछ तरलों में श्यानता का गुण कम पाया जाता है जिससे इस प्रकार के द्रव आसानी से गति करते है और आसानी से फ़ैल जाते है क्यूंकि इनकी परतों के मध्य सापेक्ष गति आसानी से हो जाती है।
उदाहरण : शहद में बहने का गुण कम पाया जाता है क्यूंकि इसमें श्यानता का गुण अधिक पाया जाता है जो इनकी परतो के मध्य सापेक्ष गति का विरोध करता है।
पानी में श्यानता का गुण कम पाया जाता है जिससे यह आसानी से बह सकता है , क्यूंकि श्यानता गुण का मान कम होने के कारण इनकी परतों के मध्य सापेक्ष गति का विरोध कम होता है।
श्यानता गुणांक (viscosity coefficient in hindi)
जैसा की हमने ऊपर पढ़ा कि श्यानता किसी तरल का प्रतिरोध गुण है , यही कारण है कि पानी , पेट्रोल , डीजल आसानी से बह सकते है क्यूंकि इनमे श्यानता का गुण कम होता है जबकि शहद में श्यानता गुण अधिक होता है इसलिए यह आसानी से बह नहीं सकता है।
किसी तरल की श्यानता का मापन गुणांक के रूप में किया जाता है जिसे श्यानता गुणांक कहते है।
यह हर तरल के लिए नियत होता है और इसका मान तरल की प्रकृति पर निर्भर करता है।
किसी बहते हुए तरल की दो परतों के मध्य लगने वाला श्यान बल (F) का मान निम्न दो चीजो पर निर्भर करता है –
1. श्यान बल (F) का मान दोनों परतों के सम्पर्क क्षेत्रफल (A) के समानुपाती होता है।
2. श्यान बल (F) का मान दोनों परतों के मध्य वेग प्रवणता (dV/dx) के भी समानुपाती होता है।
दोनों शर्तों को साथ में रखने पर
F ∝ A(dV/dx)
समानुपाती का चिन्ह हटाने पर
किसी तरल की श्यानता का मापन गुणांक के रूप में किया जाता है जिसे श्यानता गुणांक कहते है।
यह हर तरल के लिए नियत होता है और इसका मान तरल की प्रकृति पर निर्भर करता है।
किसी बहते हुए तरल की दो परतों के मध्य लगने वाला श्यान बल (F) का मान निम्न दो चीजो पर निर्भर करता है –
1. श्यान बल (F) का मान दोनों परतों के सम्पर्क क्षेत्रफल (A) के समानुपाती होता है।
2. श्यान बल (F) का मान दोनों परतों के मध्य वेग प्रवणता (dV/dx) के भी समानुपाती होता है।
दोनों शर्तों को साथ में रखने पर
F ∝ A(dV/dx)
समानुपाती का चिन्ह हटाने पर
यहाँ n = एक स्थिरांक है जिसे श्यानता गुणांक कहते है।
श्यानता गुणांक की परिभाषा : एकांक पृष्ठ क्षेत्रफल की दो परतों के मध्य लगने वाला श्यान बल का मान श्यानता गुणांक कहलाता है।
श्यानता गुणांक का SI मात्रक किग्रा-मी-1-से-1 या
न्यूटन-से/मी2 होता है।
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