JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

विपरीतार्थक शब्द किसे कहते है | विपरीतार्थक की परिभाषा क्या है | प्रतिलोम का अर्थ vipritarthak shabd in hindi

vipritarthak shabd in hindi vipritarthak shabd kya hote hain vipritarthak shabd kise kehte hain विपरीतार्थक शब्द किसे कहते है | विपरीतार्थक की परिभाषा क्या है | प्रतिलोम का अर्थ ?

विलोम शब्द
अर्थ के स्तर पर विपरीत भाव व्यक्त करने वाले शब्द श्विलोम शब्द कहे जाते हैं। इन्हें ‘विपरीतार्थश् या श्प्रतिलोमश् शब्द भी कहा जाता है। जैसे-अंधकार का विलोम प्रकाश है तो राजा का विलोम रंक है।
 विलोमता के लिए चार बातों पर विचार किया जाता है-विषम संदर्भता, विषम संरचना, विषम घटकता, भौतिक संदर्भता।
 विलोम शब्द दो प्रकार के होते हैं-सामान्य विलोम एवं निर्मित विलोम । जैसे-सुख-दुःख, माता-पिता, युवा-वृद्ध, आदमी-औरत, राजा-रंक सामान्य विलोम हैंय किन्तु-
यश-अपयश, मान-अपमान, उर्वर-अनुर्वर, सुपुत्र-कुपुत्र निर्मित विलोम हैं, क्योंकि पहले शब्द में उपसर्ग जोड़कर (या उपसर्ग बदलकर) इनका निर्माण किया गया है।
 कभी-कभी शब्दों की विविधता के कारण एक शब्द के कई विलोम भी हो सकते हैं, यथा-
राजा-रंक (धनवान-निर्धन के सन्दर्भ में)
राजा-प्रजा (शासक-शासित के सन्दर्भ में)
राजा-रानी (पुल्लिग-स्त्रीलिंग के सन्दर्भ में)
 कभी-कभी एक शब्द के एक से अधिक अर्थ होने पर उनके विलोम भी एक से अधिक होते हैं। यथा-उत्तर का विलोम प्रश्न भी है, दक्षिण भी (दिशा का अर्थ लेने पर)।

विलोम शब्दों की सूची
यहाँ कुछ प्रमुख विलोम शब्दों की सूची दी जा रही है:
शब्द विलोम शब्द विलोम
अथ इति अग्र पश्च
अमृत विष अंधकार प्रकाश
अँधेरा उजाला आयात निर्यात
आरोहण अवरोहण अनुराग विराग
अवनि अम्बर अपमान सम्मान
अग्रज अनुज आस्था अनास्था
आद्र्र शुष्क अधुनातन पुरातन
आरोह अवरोह आदान प्रदान
असूया अनसूया आर्य अनार्य
अनाथ सनाथ इष्ट अनिष्ट
अघ अनघ अधम उत्तम
अपकार उपकार अकाल सुकाल
अनुचित उचित अनेकता एकता
अर्थ अनर्थ आकाश पाताल
आदर अनादर आकर्षण विकर्षण
आविर्भाव तिरोभाव अल्पज्ञ बहुज्ञ
अतिवृष्टि अनावृद्धि अन्तद्र्वन्द्व बहिद्र्वन्द्व
अनिवार्य ऐच्छिक अवर प्रवर
अर्पण ग्रहण इच्छा अनिच्छा
ईद मोहर्रम ईश्वर अनीश्वर
ईश अनीश इहलोक परलोक
इति अथ ईहा अनीहा
ईप्सित अनीप्सित इधर उधर
इकट्ठा बिखरा इसका उसका
इत उत उग्र सौम्य
उत्थान पतन उप र्ग पर र्ग
उन्नति अवनति उद्धत विनीत
उन्मूलन रोपण उन्मीलन निमीलन
श्रोता वक्ता उपयुक्त अनुपयुक्त
उधार नकद एक अनेक
उपत्यका अधित्यका उदात्त अनुदात्त
उत्तम अधम उष्ण शीत
उत्साह अनुत्साह उच्च निम्न
उत्तरायण दक्षिणायन उपमान उपमेय
उत्तीर्ण अनुत्तीर्ण उदार अनुदार
उन्मुख विमुख उत्कर्ष अपकर्ष
उपकार अपकार उदयाचल अस्ताचल
उत्ड्डष्ट निड्डष्ट एकत्र विकीर्ण
एकता अनेकता एकाग्र चंचल
एकल बहुल एकाधिकार र्वाधिकार
एकपक्षीय बहुपक्षीय ऐषणा अनेषणा
ऐश्वर्य अनैश्वर्य एकांगी अनकांगी
औपचारिक अनौपचारिक ऐतिहासिक अनैतिहासिक
ऋण उऋण ऋजु वक्र
कनिष्ठ ज्येष्ठ ऋत अनृत
क्रोध क्षमा कुटिल रल
ड्डत्रिम अड्डत्रिम ड्डपा कोप
कल्पित यथार्थ करुण निष्ठुर
खरा खोटा कोमल कठोर
कृपण दानी कुलदीप कुलांगार
कुख्यात विख्यात कृष्ण शुक्ल
कुलीन अकुलीन कृश पुष्ट, थूल
कृतज्ञ कृतघ्न क्रूर अक्रूर
क्रिया प्रतिक्रिया क्रय विक्रय
कर्ता अकर्ता कुलटा पतिव्रता
कठिन सरल खाद्य अखाद्य
खण्डन मण्डन गम्भीर वाचाल
दुष्ट विनीत दक्षिण उत्तर
दुर्भाग्य सौभाग्य धृष्ट विनीत
धन ऋण ध्वसं निर्माण
धवल कृष्ण धनी निर्धन
धर्म अधर्म धीर अधीर
धनात्मक ऋणात्मक नित्य अनित्य
निर्मल मलिन नूतन पुरातन
नश्वर चिरन्तन निरर्थक सार्थक
नगर ग्राम निर्लज्ज लज्ज
न्यून अधिक नीरस सरस
निरामिष सामिष निषिद्ध विहित
नै£गक कृत्रिम निष्काम काम
निष्क्रिय सक्रिय निराकार साकार
निन्दा स्तुति नया पुराना
निर्दय सदय नागरिक ग्रामीण
निर्यात आयात निरक्षर साक्षर
नख शिख निर्दोष सदोष
निष्फल फल निःस्वार्थ स्वार्थ
निर्दिष्ट अनिर्दिष्ट नीरोग रोगी
याचक दाता निर्धन धनवान
निद्रा जागरण, नकारात्मक सकारात्मक
अनिद्रा
निष्ठा अनिष्ठा न्याय अन्याय
परुष कोमल पण्डित मूर्ख
प्रलय सृष्टि परतन्त्र स्वतन्त्र
पाप पुण्य प्रश्न उत्तर
प्रार संकोच प्रमुख गौण
पूर्व(पूरब) पश्चिम पुरकार दण्ड
पक्ष विपक्ष पूर्ववर्ती परवर्ती
प्रवेश निर्गम बहिरंग अन्तरंग
पतन उत्थान पवित्र अपवित्र
परिग्रह अपरिग्रह परिणत अपरिणत
पाक नापाक पावन अपावन
पारदर्शी अपारदर्शी परकीया स्वकीया
पुरड्डत तिरस्कृत पार्थिव अपार्थिव
पटु अपटु पूर्णिमा अमावया
प्रीति वैर प्रवृत्ति निवृत्ति
पठित अपठित पृथक संयुक्त
पेय अपेय पाश्चात्य पौर्वात्य
पिता माता प्रकट गुप्त
प्रफुल्ल म्लान प्रासरण संकुचन
शब्द विलोम शब्द विलोम
गुप्त प्रकट ग्रहण त्याग
गुण दोष गृहस्थ संन्यासी
गरल सुधा गर्मी सर्दी
गुरु लघु गौरव लाघव
ग्राह्य त्याज्य गोचर अगोचर
ग्रहीत त्यक्त ग्राम्य नागर
घृणा प्रेम घोष अघोष
चेतन अचेतन चिरंतन नश्वर
चिर अचिर चोर साहूकार
चेतन अचेतन चिंतित निश्ंिचत
चर अचर चंचल स्थिर
चपल गंभीर चतुर मूर्ख
चैन बेचैन चढ़ना उतरना
चिकना खुरदरा चिरायु अल्पायु
छली निश्छल चल अचल
छाया धूप छरहरा थुलथुला
जड़ चेतन जय पराजय
जाग्रत सुप्त जटिल सरल
जागरण सुषुप्ति ज्येष्ठ कनिष्ठ
जंगम स्थावर ज्वार भाटा
जन्म मृत्यु जीवन मरण
जागृति सुषुप्ति जंगम स्थावर
ज्योति तम ताप शीत
तृष्णा तृप्ति तुच्छ महान्
तीव्र मन्द दण्ड पुरस्कार
तीक्ष्ण कंुठित तृप्त अतृप्त
त्याग ग्रहण तरल ठोस
तम ज्योति ताना बाना
तिक्त मधुर तर्क कुतर्क
त्याज्य ग्राह्य त्याग ग्रहण
तामसिक सात्विक दुःख सुख
दुरात्मा महात्मा दुराचार सदाचार
दूषित स्वच्छ दुर्लभ सुलभ
द्वन्द्व निद्र्वन्द्व तरुण वृद्ध, तरुणी
देव दानव दिवस रात्रि
दिन रात दीर्घ हस्व
दुर्जन सज्जन दुराचारी सदाचारी
दूषित स्वच्छ दैहिक आध्यात्मिक
दुष्प्राप्य सुप्राप्य दुःशील सुशील
द्वैत अद्वैत दानी कृपण
प्रगति अगति प्रार्थी प्रार्थिनी
बाह्य आन्तरिक बद्ध मुक्त
बैर प्रीति बंजर उर्वर
बाढ़ सूखा बर्बर सभ्य
बध्य अबध्य बन्धन मोक्ष
भावी अतीत भूषण दूषण
भौतिक आध्यात्मिक मधुर कटु
मृसण रूक्ष महात्मा दुरात्मा
मानव दानव मूक वाचाल
मृदुल कठोर मौखिक लिखित
योगी भोगी यथार्थ आदर्श
यश अपयश बुराई भलाई
यौवन बुढ़ापा योग भोग
योगी भोगी युवा वृद्ध
याचक दाता युद्ध शान्ति
राजा रंक, प्रजा रोगी निरोग
राग विराग रक्षक भक्षक
रात दिन रात्रि दिवस
रिक्त पूर्ण रक्षक भक्षक
रुदन हास्य रात्रि दिवस
रूप कुरूप रात दिन
लौकिक अलौकिक लघु गुरु
लिप्त नि£लप्त लाभ हानि
लिखित अलिखित लचीला कठोर
लोभी निर्लोभ लोकतंत्र राजतंत्र
विकीर्ण संकीर्ण विपन्न सम्पन्न
विख्यात कुख्यात विशिष्ट सामान्य
विपत्ति सम्पत्ति विभव पराभव
विधवा सधवा, विधुर विस्तृत संक्षिप्त
वृष्टि अनावृष्टि वैमनस्य सौमनस्य
वैयक्तिक सार्वजनिक शिष्ट अशिष्ट
विस्तार संक्षेप शासक शासित
श्वेत श्याम श्यामल गौर
शालीन अशालीन शुष्क आद्र्र
शोषक पोषक, शोषित साकार निराकार
शाश्वत क्षणिक संक्षिप्त विस्तृत
श्लील अश्लील स्वार्थ परमार्थ
सजीव निर्जीव सदाचारी दुराचारी
सहयोगी प्रतियोगी सूक्ष्म स्थूल
सामान्य विशिष्ट संगठित असंगठित
सादर निरादर सक्षम अक्षम
सत्कर्म दुष्कर्म सुधा गरल
साकार निराकार संकोच प्रसार
सुपंथ कुपंथ स्वस्थ अस्वस्थ
स्तुति निन्दा सौम्य उग्र
स्थिर अस्थिर सृजन संहार
सौभाग्य दुर्भाग्य हास वृद्धि
सृष्टि प्रलय हर्ष विषाद
हृस्व दीर्घ क्षुद्र विराट
हास रुदन क्षम्य अक्षम्य
क्षणिक शाश्वत ज्ञेय अज्ञेय
क्षमा दण्ड ज्ञात अज्ञात

विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न
1. ‘हर्ष‘ का विपरीतार्थ शब्द है
(अ) उल्लास (ब) विषाद
(स) कष्ट (द) दुःख
उत्तर-(ब) विषाद
ज्ञान-उल्लास = प्रसन्नता, कष्ट = शरीरिक असुविधा, दुख = मानसिक कष्ट
2. ‘उत्थान‘ का विलोम है –
(अ) प्रस्थान (ब) विस्थापन
(स) पतन (द) अनुत्थान
उत्तर-(स) पतन
ज्ञान-उत्थान = प्रगति, पतन = अवनति
3. ‘यथार्थ‘ का विलोम है-
(अ) अनुमानित (ब) कल्पित
(स) सत्य (द) मनोवांछित
उत्तर-(ब) कल्पित
ज्ञान-यथार्य = जो यथा स्थिति है, कल्पित = जो कल्पना की वस्तु है।
4. ‘शुष्क‘ का विलोम है-
(अ) सुगंध (ब) आर्द्र
(स) सक्रिय (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(ब) आर्द्र
ज्ञान-आर्द्र = गीला, सुगंध = दुर्गन्ध का विलोम है जबकि सक्रिय = निष्क्रय का विलोम है।
5. ‘अनादर‘ का विलोम है-
(अ) मान (ब) सम्मान
(स) आदर (द) सत्कार
उत्तर-(स) आदर
ज्ञान-अनादर = आदर न देने का भाव अतः यह आदर का विलोम है। मान, सम्मान, आदर क्रमशः पर्यायवाची हैं।
6. ‘कृतज्ञ‘ का विलोम है-
(अ) कृतघ्न (ब) कृतार्थ
(स) निन्दक (द) प्रत्युपकार
उत्तर-(अ) कृतघ्न
ज्ञान-कृतज्ञ = जो किए हुए उपकार को मानता है, कृतघ्न = जो किए हुए उपकार को नहीं मानता है।
7. ‘कृत्रिम‘ का विपरीतार्थक शब्द है-
(अ) सहज (ब) यथार्थ
(स) प्राकृतिक (द) निर्मित
उत्तर-(स) प्राकृतिक
ज्ञान-कृत्रिम = जो मनुष्य ने बनाया है, प्राकृतिक = जो प्रकृति ने बनाया है।
8. ‘विग्रह‘ का विपरीत शब्द है-
(अ) सन्धि (ब) समास
(स) आग्रह (द) परिग्रह
उत्तर-(अ) सन्धि
ज्ञान-विग्रह = अलग-अलग करना, इसका विलोम समास होगा क्योंकि समास का विलोम विग्रह होता है।
9. सृष्टि का विलोम है-
(अ) विनाश (ब) मिटाना
(स) प्रलय (द) विध्वंस
उत्तर-(स) प्रलय
ज्ञान-सृष्टि = निर्माण करना, प्रलय = विध्वंस करना अतः ये एक दूसरे के विलोम हैं। यथा – परमात्मा ही सृष्टि करता है और वही प्रलय करता है।
10. ‘प्रत्यक्ष‘ का विलोम होगा-
(अ) परोक्ष (ब) पीछे
(स) ओझल (द) नेपथ्य
उत्तर-(अ) परोक्ष
ज्ञान-प्रत्यक्ष = जो आँखों के सामने हो, परोक्ष = जो हमारे पीछे हो । अंग्रेजी में प्रत्यक्ष को क्पतमबज और परोक्ष को प्दकपतमबज कहते हैं।
11. ‘मुख्य‘ का विलोम है-
(अ) अनिवार्य (ब) गौण
(स) संक्षिप्त (द) स्वतन्त्र
उत्तर-(ब) गौण
ज्ञान-मुख्य = जो प्रमुख है, गौण = जो महत्वहीन अर्थात प्रमुख नहीं है।
12. ‘अर्वाचीन‘ का विलोम है-
(अ) नवीन (ब) प्राचीन
(स) आधुनिक (द) अधुनातन
उत्तर-(ब) प्राचीन
ज्ञान-अर्वाचीन = नया, प्राचीन = पुराना
13. ‘पुरस्कार‘ का विलोम है-
(अ) पारितोषिक (ब) कोप
(स) कृपा (द) दण्ड
उत्तर-(द) दण्ड
ज्ञान-पुरस्कार = अच्छा काम करने पर मिलता है जबकि, दण्ड = अपराध करने पर दिया जाता है।
14. ‘प्रसार‘ का विलोम है-
(अ) संकुचित (ब) एकत्रित
(स) एकत्र (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(अ) संकुचित
ज्ञान-प्रसार = फैलाना, संकुचित = समेट लेना अतः ये दूसरे के विलोम हैं।
15. ‘सम्पत्ति‘ का विलोम है-
(अ) सम्पदा (ब) विपदा
(स) विपत्ति (द) निर्धनता
उत्तर-(स) विपत्ति
ज्ञान-सम्पत्ति = धन, विपत्ति = दुख, ज्यादातर विपत्तियाँ सम्पत्ति होने पर नष्ट हो जाती हैं, अतः सम्पत्ति का विलोम विपत्ति है।

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now