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विदेशी उपसर्ग कौन-कौन से हैं | विदेशी भाषा के उपसर्ग क्या है , किसे कहते है , उदाहरण , प्रश्न videshi bhasha upsarg in hindi
videshi bhasha upsarg in hindi विदेशी उपसर्ग कौन-कौन से हैं | विदेशी भाषा के उपसर्ग क्या है , किसे कहते है , उदाहरण , प्रश्न ?
उपसर्ग
उपसर्ग वे शब्दांश हैं, जो किसी शब्द से पहले जुड़कर उसके अर्थ में विशिष्टता ला देते हैं । जैसे-प्र $ हार = प्रहार, वि $ हार = विहार, उप $ हार = उपहार । यहाँ प्र, वि, उप उपसर्ग हैं।
ज्ञान-हिन्दी भाषा में संस्कृत उपसर्गों के साथ-साथ हिन्दी के अपने उपसर्ग एवं अरबी-फारसी तथा अंग्रेजी के कुछ उपसर्ग प्रयुक्त होते हैं।
संस्कृत में कुल 22 उपसर्ग हैं, जिनमें से 21 का प्रयोग हिन्दी में होता है। इन उपसर्गों की सूची इस प्रकार है-अति, अधि, अनु, अप, अभि, अव, आ, उत, उन, दुर्, दुस्, नि, निर्, निस्, परा, परि, प्र, प्रति, वि, सम्, सु । ‘अभि‘ उपसर्गों का प्रयोग हिन्दी में नहीं होता है।
उपसर्ग से बने कुछ शब्द हैं-अत्यधिक, अभ्यर्थी, आजन्म, अवरोध, अपवर्तन, अपमान, निःसंदेह, उन्नति, उन्नीस, परामर्श, परिवार, प्रत्यक्ष, संशय, सुपुत्र, सुयोग्य।
हिन्दी के कुछ उपसर्ग-अ (अभाव), अध (अधखिला), अन (अनजान), उन (उन्नीस), औ (औगुन), उ (उनींदा), क (कपूत), दु (दुबला), नि (निडर), पर (परलोक), स (सदय), चै (चैराहा), ति (तिपाई), दु (दुगुना)।
अरबी-फारसी उपसर्ग-अल (अलगरज), कम (कमजोर), खुश (खुशबू), गैर (गैर-हाजिर), बद (बदबू), बा (बाइज्जत), बे (बेइज्जत), बिला (बिलावजह), ला (लाचार), दर (दरकिनार), ना (नालायक), सर (सरपंच), हम (हम-उम्र), हर (हरेक)।
अंग्रेजी उपसर्ग-सब (सब-रजिस्ट्रार), हाफ (हाफपैंट), डिप्टी (डिप्टीसाब), हैड (हैडमुनीम), चीफ (चीफ साहब)।
जो शब्दांश स्वतन्त्र रूप से किसी अर्थ में प्रयुक्त होते हैं, वे उपसर्ग नहीं कहे जा सकते, क्योंकि उपसर्ग का स्वतन्त्र अस्तित्व नहीं होता।
कुछ प्रमुख उपसर्गों से निर्मित शब्द
संस्कृत उपसर्ग-
1. अति अत्यन्त, अत्यधिक, अतिरिक्त, अतीन्द्रिय, अत्यल्प
2. अधि अधिकार, अध्यक्ष, अध्यात्म, अधिनायक, अधिसूचना
3. अनु अन्वय, अनुरूप, अनुशासन, अनुकूल, अनूदित
4. अप अपमान, अपयश, अपकार, अपव्यय, अपहरण
5. अभि अभ्यर्थी, अभ्यागत, अभीष्ट, अभियन्ता, अभिमान
6. अव अवगुण, अवसान, अवनति, अवधान, अवसाद
7. आ आजन्म, आजीवन, आमरण, आयात, आजीविका
8. उत् उन्नति, उत्कर्ष, उन्मुख, उच्चारण, उल्लंघन
9. उप उपभाषा, उपमन्त्री, उपवन, उपयोग, उपचार
10. दुर् दुर्बल, दुर्जन, दुराचार, दुर्गम, दुर्लभ
11. दुस् दुस्साहस, दुष्प्राप्य, दुश्चरित्र, दुष्कर्म
12. नि निपात, निडर, निगम, निबन्ध, निवास
13. निर् निरपराध, निर्बल, निर्जन, निर्गुण, निराहार
14. निस् निस्सार, निश्चल, निष्पादन, निष्कासन, निस्तारण
15. परा पराभव, परामर्श, पराधीन, पराकाष्ठा
16. परि परिपूर्ण, परिमाप, परीक्षा, पर्यवेक्षक, पर्यटन
17. प्र प्रबल, प्रयोग, प्रसार, प्रकीर्ण, प्रमाद
18. प्रति प्रतिकूल, प्रतिनिधि, प्रत्यक्ष, प्रतिष्ठा, प्रत्यर्पण
19. वि विशेष, विज्ञान, विवाद, वियोग, व्यसन
20. सम् सम्यक्, संयोग, संयम, संचार, संजय
21. सु सुकर्म, सुपुत्र, सुयश, स्वागत, सुपरिचित
हिन्दी उपसर्ग-
1. अन अनपढ़, अनजान, अनमोल, अनगिनत, अनहोनी, अनभल
2. अ अथाह, अजान, अचेत, अधीन, अमर, अछूत, अपच
3. अध अधपरा, अधमरा, अधखिला, अधकचरा, अधपार
4. उन उनसठ, उनईस, उन्तीस, उनतालीस, उनचास, उनासी
5. औ औगुण, औसर, औघड़, औतार
6. उ उनीदा, उथला, उभरना, उचक्का
7. कु कुमार्ग, कुठौर, कुरूप, कुकर्म, कुदृष्टि, कुढंग
8. पूर्व पूर्वाह्न, पूर्वार्द्ध, पूर्वोक्त, पूर्वापर
9. स सफल, सहज, सशक्त, सगुण, सस्वर
10. सह सहयात्री, सहगामी, सहयोग, सहधर्मिणी, सहकर्मी
11. स्व स्वदेश, स्वगत, स्वचालित, स्वरचित, स्वरूप, स्वधर्म
12. न नास्तिक, नपुंसक, नेति
विदेशी उपसर्ग-
1. कम कमजोर, कमबख्त, कमसिन, कमअक्ल
2. खुश खुशकिस्मत, खुशहाल, खुशबू, खुशदिल, खुशखबरी
3. गैर गैरबाजिब, गैरहाजिर, गैरसरकारी, गैरकानूनी, गैरजिम्मेदार
4. ब बदस्तूर, बमुश्किल, बतौर, बखूबी, बशर्ते, बदौलत
5. बद बदमाश, बदनाम, बदबू, बदतमीज, बदजबान, बदजात
6. बे बेइज्जत, बेखटका, बेजुबान, बेसहारा, बेरहम
7. बा बाइज्जत, बाकायदा, बाअदब, बामशक्कत, बामुलाहिजा
8. दर दरअसल, दरहकीकत, दरकिनार, दरवेश, दरकार
9. ना नालायक, नाराज, नापाक, नाचीज, नाबालिग, नाखुश
10. हम हम हमराज, हमबिस्तर, हमउम्र, हमवतन, हमजुल्फ,
हमसफर
11. हर हर हरदम, हरवक्त, हररोज, हरएक, हरघड़ी, हरतरफ
प्रत्यय
प्रत्यय वह शब्दांश है, जो किसी शब्द के बाद (पीछे) जुड़ता है और उसके अर्थ में विशिष्टता ला देता है। जैसे-एरा (ममेरा, लुटेरा), ई (बेईमानी), आलु (दयालु, कृपालु) आदि।
बेईमानी शब्द में बे उपसर्ग है, ईमान (मूल शब्द), ई प्रत्यय है। इनसे मिलकर बेईमानी शब्द बना है।
ज्ञान-संस्कृत में प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं तद्धित प्रत्यय एवं कृत प्रत्यय।
जो प्रत्यय किसी संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण शब्द में जुड़ते हैं, वे तद्धित प्रत्यय कहे जाते हैंय जैसे-दया $ आलु = दयालु । यहाँ आलु तद्धित प्रत्यय है, क्योंकि यह दया संज्ञा में जुड़ा है और इससे बना शब्ददयालु तद्धितांत कहलायेगा।
जो प्रत्यय किसी धातु में जुड़ते हैं वे ‘कृत‘ प्रत्यय कहलाते हैं और इनके जोड़ने से जो शब्द बनता है, उसे कृदन्त कहते हैं। जैसे-चल (धातु) + अक (कृत प्रत्यय) = चालक (कृदन्त शब्द)। ज्ञान-हिन्दी प्रत्ययों को डॉ. भोलानाथ तिवारी ने चार वर्गों में बाँटा हैतत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी प्रत्यय।
तत्सम प्रत्यय के कुछ उदाहरण-अक (निन्दक), अनीय (पठनीय), आ (युवा), य (देय), इक (आलंकारिक), इल (पंकिल), इमा (मधुरिमा), एय (कौन्तेय), वती (भाग्यवती), धर (विद्याधर)।
तद्भव प्रत्यय के कुछ उदाहरणकृआई (पढ़ाई), आका (लड़ाका), आर (सुनार), आस (मिठास), ऐला (विषैला), ता (सोता), नी (ओढ़नी), ल (मंजुल), वान (गाड़ीवान), अक्कड़ (पियक्कड़), आटा (सन्नाटा)।
विदेशी प्रत्यय के कुछ उदाहरणकृआना (जुर्माना), इन्दा (वाशिन्दा), ईन (संगीन), खाना (दवाखाना), खोर (घूसखोर), सार (मिलनसार), बीन (तमाशबीन), दान (खानदान), ची (नकलची), दार (दुकानदार), इज्म (बुद्धिज्म), इस्ट (कम्युनिस्ट)।
संज्ञा से विशेषण तथा विशेषण से संज्ञा बनाने में प्रत्ययों का प्रयोग होता है। यथा-शिष्ट (विशेषण) से शिष्टता (संज्ञा), काला (विशेषण) से ।
कालिया (संज्ञा), निशा (संज्ञा) से नैश (विशेषण), फल (संज्ञा) से फलित (विशेषण), बाजार (संज्ञा) से बाजारू (विशेषण)। प्रत्ययों से बने कुछ अन्य शब्ददृठाकुर से ठकुरा, कोठा से कोठरी, खाट से खटिया, सोना से सुनहरा, कड़वा से कड़वाहट, आनन्द से आनन्दित, कुन्ती से कौन्तेय, मूर्ख से मूर्खता, लोक से लौकिक, माँस से माँसल, देहात से देहाती, धन से धनवान।
कुछ प्रमुख प्रत्ययों से बने शब्द इस प्रकार हैं-
ऽ अक निंदक, पाचक, हिंसक, पाठक, लेखक
ऽ अनीय पठनीय, दर्शनीय, कथनीय, रमणीय, पूजनीय
ऽ आ इच्छा, पूजा, कथा, व्यथा, शिक्षा
ऽ अ कौशल, पौरुष, गौरव, मौन
ऽ इक आलंकारिक, धार्मिक, आर्थिक, व्यावसायिक, व्यावहारिक
ऽ इत फलित, हर्षित, पल्लवित, मुकुलित, पठित
ऽ इमा मधुरिमा, गरिमा, महिमा, कालिमा, नीलिमा
ऽ इल पंकिल, फेनिल, धूमिल, कुटिल, चोटिल
ऽ ईन कुलीन, शौकीन, ग्रामीण, प्राचीन, नवीन
ऽ ईय भवदीय, भारतीय, परकीय, नारकीय, स्वकीय
ऽ एय कौन्तेय, राधेय, गांगेय, भागिनेय, आंजनेय
ऽ तया सामान्यतया, विशेषतया, मुख्यतया
ऽ ता शूरता, वीरता, निडरता, कायरता, नवीनता
ऽ कार साहित्यकार, स्वर्णकार, पक्षकार, पत्रकार, चित्रकार
ऽ ज अम्बुज, नीरज, आत्मज, अग्रज, अनुज
ऽ वती भाग्यवती, रूपवती, प्रभावती
ऽ दायी सुखदायी, कष्टदायी, दुखदायी, उत्तरदायी
ऽ आई पढ़ाई, लिखाई, लड़ाई, सिलाई, बुराई
ऽ अन चलन, कहन, सुवन, पालन, मिलन
ऽ आर सुनार, गँवार, लुहार
ऽ आस मिठास, खटास, प्यास, निंदास
ऽ आल ससुराल, ननिहाल, घड़ियाल, ददिआल
ऽ आवना लुभावना, डरावना, सुहावना
ऽ आवट सजावट, तरावट, मिलावट, बनावट
ऽ इयल मरियल, अड़ियल, सड़ियल
ऽ इन पुजारिन, तेलिन, साँपिन, पापिन, बाघिन, लोहारिन
ऽ इया लुटिया, डिबिया, मुखिया, रसिया, छलिया
ऽ ईला पथरीला, चमकीला, नुकीला, जहरीला
ऽ एरा सँपेरा, ममेरा, चचेरा, घनेरा, बहुतेरा
ऽ ऐत डकैत,लठैत, अल्हैत
ऽ ऐला विषैला, कसैला, मटैला, बनैला
ऽ नी ओढ़नी, वरनी, चटनी, मिलनी
ऽ पन बचपन, लड़कपन, बालपन, पागलपन
ऽ ल मंजुल
ऽ वान गाड़ीवान, कोचवान, मेजवान, मेहरवान
ऽ वाल कोतवाल, हरा इकहरा, दोहरा, तिहरा
ऽ अक्कड़ भुलक्क्ड़, सुवक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़
ऽ आक तैराक, तड़ाक, खटाक, धड़ाक
ऽ इयत इंसानियत, हैवानियत, असलियत
ऽ आना जुर्माना, नजराना, सालाना
ऽ ईन संगीन, रंगीन, नमकीन, बेहतरीन
ऽ खोर सूदखोर, हरामखोर, घूसखोर, आदमखोर
ऽ ची नकलची, बन्दूकची, मशालची, तबलची
ऽ बीन तमाशबीन, खुर्दबीन, दूरबीन
ऽ कार पक्षकार, जानकार, सलाहकार, पैरोकार, कास्तकार,
ऽ मन्द हुनरमन्द, दौलतमन्द, सेहतमन्द, फायदेमन्द
ऽ बन्द बख्तरबन्द, कलमबन्द, बाजूबन्द, मोहरबन्द
ऽ नाक दर्दनाक, खौफनाक, खतरनाक,शर्मनाक
ऽ जादा रईसजादा, पीरजादा, शाहजादा, हरामजादा
ऽ साज घड़ीसाज, कारसाज, जिल्दसाज, जालसाज
ऽ वर ताकतवर, नामवर, दिलवर
ऽ दार इज्जतदार, सरदार, जमींदार, दुकानदार
ऽ दान पानदान, खानदान, पीकदान
ऽ गार मददगार, यादगार, खिदमदगार, रोजगार, कामगार, गुनाहगार
ऽ इन्दा बाशिन्दा, परिन्दा, कारिन्दा, शर्मिन्दा, जिन्दा
ऽ उआ गेरुआ, फगुआ, बबुआ, नउआ
ऽ ऊ पेटू, खाऊ, चालू, ढालू, दब्बू, नक्कू
ऽ ओला मँझोला, सँपोला, खटोला
ऽ औना बिछौना, खिलौना, दिठौना
ऽ हरा इकहरा, दोहरा, तिहरा, सुनहरा
ऽ हारा लकड़हारा, पनिहारा,
ऽ हार कहार, मनिहार, होनहार, भूमिहार
ऽ नशीन परदानशीन, गद्दीनशीन, तख्तनशीन
विभिन्न परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न
1. ‘अप्रत्याशित‘ शब्द में उपसर्ग, प्रत्यय अलग अलग कीजिए
(अ) अ, प्रति, इत (ब) अ, प्रत्य, त
(स) अ, प्रत्या, शित (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(अ) अ, प्रति, इत
ज्ञान-अ, प्रति, उपसर्ग हैं, इत प्रत्यय है। मूल शब्द आशा है। प्रति $ आशा = प्रत्याशा, इत प्रत्यय जोड़कर शब्द बनेगा प्रत्याशित और इसमें अ उपसर्ग जोड़कर शब्द बनेगा अप्रत्याशित ।
2. किस शब्द में प्रत्यय है?
(अ) ससुराल (ब) बेहाल
(स) बहाल (द) बेअदब
उत्तर-(अ) ससुराल
ज्ञान-ससुराल में ससुर (प्रकृति) + आल (प्रत्यय) है। शेष शब्दों में उपसर्ग जुड़ा है।
3. ‘उच्छिष्ट‘ शब्द से उपसर्ग अलग कीजिए-
(अ) उ (ब) उच्
(स) उत् (द) उच्छि
उत्तर-(स) उत्
ज्ञान-उत् + शिष्ट = उच्छिष्ट
4. ‘अध्यक्ष‘ में कौन-सा उपसर्ग है?
(अ) अ (ब) अधि
(स) अध्य (द) अक्ष
उत्तर-(ब) अधि
ज्ञान-अधि + अक्ष = अध्यक्ष-यण सन्धि
5. इसमें कौन-सा प्रत्यय नहीं है ?
(अ) ई (ब) पन
(स) ता (द) अनु
उत्तर-(द) अनु
ज्ञान-अनु उपसर्ग है, शेष तीनों प्रत्यय हैं।
6. ‘बेईमान‘ में उपसर्ग बताइये-
(अ) बे (ब) बा
(स) बेई (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(अ) बे
7. कौन-सा शब्द उपसर्ग रहित है?
(अ) संगम (ब) क्रोध
(स) अभ्यर्थी (द) प्रत्यर्पण
उत्तर-(ब) क्रोध
ज्ञान-क्रोध उपसर्ग रहित है। संगम में सम् उपसर्ग, अभ्यर्थी में अभि उपसर्ग, प्रत्यर्पण में प्रति उपसर्ग है।
8. ‘लठैत‘ शब्द में प्रत्यय बताइये
(अ) त (ब) ऐत
(स) एत (द) ठैत
उत्तर-(ब) ऐत, लाठी (प्रकृति) $ ऐत प्रत्यय = लठैत
9. ‘गुरुत्व‘ में प्रत्यय बताइये
(अ) गुरु (ब) त्व
(स) व (द) अ
उत्तर-(ब) त्व
10. कौन-सा उपसर्ग ‘प्रत्यागमन‘ में है?
(अ) प्र (ब) प्रत्य
(स) प्रति (द) प्रत्या
उत्तर-(स) प्रति
ज्ञान-प्रति । प्रति + आगमन = प्रत्यागमन । मूल शब्द गमन है जिसमें पहले आ उपसर्ग जोड़ा, फिर आगमन में प्रति उपसर्ग जोड़ा है। शब्द बना-प्रत्यागमन ।
11. अभ्यर्पण में कौन-सा उपसर्ग है?
हरियाणा टी.ई.टी.
(अ) अभि (ब) अ
(स) अभ्य (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(अ) अभि
12. अधमरा में कौन-सा उपसर्ग है?
(अ) अ (ब) अध
(स) मरा (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(ब) अध
13. इनमें से कौन-सा शब्द उपसर्ग रहित है?
(अ) संगम (ब) बैर
(स) विमोचन (द) प्रत्यर्पण
उत्तर-(ब) बैर
14. इनमें से कौन-सा प्रत्यय कृत प्रत्यय नहीं है?
उत्तराखण्ड टी.ई.टी.
(अ) मान (ब) आऊ
(स) अक्कड़ (द) ओड़
उत्तर-(अ) मान
15. ‘निशा‘ से बना विशेषण शब्द है
(अ) निशि (ब) निशित
(स) नैश (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(स) नैश
16. ‘ससुराल‘ में कौन-सा प्रत्यय है?
(अ) राल (ब) ल
(स) लु (द) आल
उत्तर-(द) आल
17. ‘पूजनीय‘ में कौन-सा प्रत्यय है?
हरियाणा टी.ई.टी.
(अ) नीय (ब) य
(स) अनीय (द) पूजा
उत्तर-(स) अनीय
18. शब्द के अन्त में जुड़ता है
(अ) उपसर्ग (ब) प्रत्यय
(स) निपात (द) सन्धि
उत्तर-(ब) प्रत्यय
19. उज्ज्व ल में कौन-सा उपसर्ग है?
(अ) उ (ब) उत्
(स) उज् (द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर-(ब) उत्
20. ‘उन्नति‘ में कौन-सा उपसर्ग है ?
(अ) उ (ब) उन्
(स) उत् (द) उन्न
उत्तर-(स) उत्
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