हिंदी माध्यम नोट्स
सार्वभौमिकरण क्या है | सार्वभौमिकरण की परिभाषा किसे कहते है अर्थ मतलब universalization in hindi
Uttar Pradesh, Sept 01 (ANI): Students attend prayer at a government Primary school as the UP government allow to reopen schools for class 1 to 5th following COVID Norms at Gomti Nagar in Lucknow on Wednesday. (ANI Photo)
universalization in hindi meaning definition in sociology सार्वभौमिकरण क्या है | सार्वभौमिकरण की परिभाषा किसे कहते है अर्थ मतलब ?
सार्वभौमिकरण : वह प्रक्रिया जिसमें एक क्षेत्र में पाये जाने वाले मूल्य किसी बड़े समाज की मूल्य पद्धति के अंग बन (universalisation) जाएं। जैसे वे किसी राष्ट्र के या पूरे विश्व की मूल्य पद्धति के अंग बन जाएं।
अर्थात यदि किसी समाज विशेष के मूल्य आदि किसी देश अथवा विश्व के मूल्य बन जाए तो इस प्रक्रिया को सार्वभौमिकरण कहते है |
कुछ उपयोगी पुस्तकें
घुर्ये, गोविंद सदाशिव 1986. कास्ट एंड रेस इन इंडिया. पोपुलरः मुंबई
मुकर्जी, राधाकमल 1984. द कल्चर एंड आर्ट ऑफ इंडिया. मुंशीराम मनोहर लाल प्रकाशकः नई दिल्ली
मुकर्जी, धूर्जटी प्रसाद 1986. डाइवर्सिटीज, पॉपुलरः मुंबई
संदर्भ ग्रंथ सूची
(अ)
बेली, डेविड एच. 1962. द पैडागॉजी ऑफ डेमोक्रेसीः कोअर्सिव पब्लिक प्रोटेस्ट इन इंडिया. द अमेरिकनपोलिटिकल साइंस रिव्यू 56(2)
बनर्जी, सुमंत 2002 (1980 ंदक 1996 मूल प्रकाशन). नक्सलबाड़ी एंड द लैफ्ट मूवमैंट. घनश्याम शाह (सम्पा.) सोशल मूवमैंट्स इन इंडियाः सेज पब्लिकेशन्सः नई दिल्ली में, पृष्ठ 125-194
बेकर, एच. और बार्नस बॉटोमोर, एच.ई. 1961. सोशल थॉट फ्रॉम लोर टू साइंस. (तृतीय संस्करण) वाल्यूम 3, डोवर पब्लिकेशनः न्यूयार्क
बर्जर, पी. 1963. इन्विटेशन टू सोशियोलॉजीः ए ह्यूमनिस्टिक पर्सपक्टिव. ऐंकर बुक्स डबलडे एंड कंपनीः न्यूयार्क
बॉटोमोर, टी.बी. 1962. सोशियोलॉजीः एक गाइड टू प्रॉब्लम्स एंड लिटरेचर. जॉर्ज एलन एंड अन्विनः लंदन
कोजर, एल.ए. 1971. मास्टर्स ऑफ सोशियोलॉजिकल थॉटः आइडियॉज इन हिस्टोरिकल एंड सोशल कॉन्टेंट. (अंडर द जनरल एडीटरशिप ऑफ राबर्ट के. मर्टन) द्वितीय संस्करण. हरकोर्ट ब्रेस जेनॉनविचः न्यूयार्क
डार्विन, चाल्र्स 1859. ऑन द ओरिजिन्स ऑफ स्पीशीज बाइ मीन्स ऑफ नेचुरल सेलेक्शन. नई दिल्ली
देसाई ए. आर. 1965. पब्लिक प्रोटेस्ट एंड पार्लियामेन्टरी डेमोक्रेसी. एस.पी. डाइबी और आर. श्रीनिवासन (सम्पा.) स्टडीज इन इंडियन डेमोक्रेसी. अलाइड पब्लिशर्सः मुम्बई में, पृष्ठ 299-324
देसाई, नीरा 1988. ए डिकेड ऑफ विमेन्स मूवमैंट इन इंडिया. हिमालय पब्लिकेशन्सः मुम्बई
धनागरे, डी.एन. 2002 (1983). सेशल ओरिजिन्स ऑफ द पैजेंट इनजरैक्शन इन तेलंगाना, 1946-51. घनश्याम शाह (सम्पा.) सोशल मूवमैंट्स इन इंडियाः सेज पब्लिकेशन्सः नई दिल्ली में, पृष्ठ 91-124
फर्नान्डेस, वॉल्टर 2000. फ्रॉम मार्जिनलाइजेशन टु शेयरिंग द प्रोजेक्ट बेनेफिट्स. इन माइकेल सर्निया एण्ड क्रिस्टोफर मक्डॉवल (सम्पादक) रिस्क्स एण्ड रिकंस्ट्रक्शनः ऐक्सपिरियंसस ऑफ सैटलर्स एण्ड रिफ्यूजीस. द वर्ल्ड बैंकः वाशिंगटन डी.सी. पृष्ठ 205-226
घुर्ये, जी.एस. 1973. आई एंड अदर एक्सप्लोरेशन्स. पॉपुलर प्रकाशनः मुंबई
घुर्ये, जी.एस. 1986. कास्ट एंड रेस इन इंडिया. पॉपुलरः मुंबई
गुहा, अमलेंदु 2002 (1980 मूल प्रकाशन). लिटिल नैशनलिज्म टर्ड शोवनिस्टः असमन्स एंटी फौरेन अपसर्ज, 1979-80. घनश्याम शाह (सम्पा.) सोशल मूवमैंट्स इन इंडियाः सेज पब्लिकेशन्सः नई दिल्ली में पृष्ठ 402-422
इंकल्स, ए. 1975. वॉट इज सोशियोलॉजी? प्रेटिस हालः नई दिल्ली
जैन, शोभिता 1984ं. स्टैंडिग अप फॉर ट्रीसः विमेंस रोल इन द चिपको मूवमेंट. यूनासिल्वा (एफ ए ओ, यू एन जर्नल ऑफ फोरेस्ट्री) 36 (146)ः 12-20
जैन, शोभिता 1984इ. विमैन एंड पीप्लस इकोलॉजिकल मूवमैंटः ए केस स्टडी ऑफ विमैन्न्स रोल इन चिपको मूवमेंट इन उत्तर प्रदेश. इकोनॉमिक एंड पोलिटिकल वीकली. 19(41)ः 1788-94
जैन, शोभिता 1994ं. लैंडः एक्सेस, कंट्रोल एण्ड मैनेजमेंट. इन इकोलॉजी एण्ड नैचुरल रिसोर्सेस. मॉड्यूल 7 ऑफ सोशल प्रोब्लम्स इन इंडिया. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालयः नई दिल्ली
जैन. शोभिता 1994इ. एं पनोरामिक वैब ऑफ डाइवर्स स्टैंड्स. द बुकरिव्यू 18(6)ः 15-17
जैन, शोभिता 1995ं. विमेन एण्ड मैनेजमेंट ऑफ फॉरेस्ट्स. इन आशा कँवर एण्ड नीला जगन्नाथन (सम्पादक) स्पीकिंग फॉर अवरसेल्वसः विमेन एण्ड डिस्टेंस एजूकेशन इन इंडिया. मनोहरः नई दिल्ली पृष्ठ 5-29
जैन, शोभिता 1995इ. हैबिटट, ह्यूमन डिस्प्लेसमेंट एंड डेवलपमेंट कॉस्टः ए केस स्टडी. सोशल ऐक्शन 45ः 299-317
जैन शोभिता 1998-99. 1. वन्य प्रकृति की विविधता और मनुष्य, 2. संसाधनों का वहनीय उपयोगः पुनरूत्पत्ति परिप्रेक्ष्य, 2. वन प्रबंधन के मुख्य चरण, 4. प्रबंधन किसका?, 5. प्रबंधन कैसे करे? 6. प्रबंधक कौन?, 7. सहभागी दृष्टिकोण, 8. सहभागिता के प्रकार, 9. सहभागिता की चुनौतियाँ एवं समस्याएं. 10. गैर इमारती लकड़ी वन उत्पाद. 11. बीते हुए कल के वन रक्षक, 12. आज के वनरक्षक, 13. वनरक्षकों की चुनौतियाँ, 14. सहभागिता का नारा, 15. स्थानीय क्षमता की मान्यता, 16. भारतीय वन सेवा में महिलाएंः निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी भूमिका साझा वन प्रबंधन. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालयः नई दिल्ली
जैन. शोभिता 2001ं. प्लांटेशन लेबर इन साउथ एंड साउथईस्ट एशिया. इन सूजन विश्वनाथन (सम्पादक) स्ट्रक्चर एण्ड ट्रांसफॉर्मेशनः थियरी एंड सोसाइटी इन इंडिया. ऑक्सफर्ड यूनीवर्सिटी प्रेसः नई दिल्ली
जैन. शोभिता 2001इ. 1. पार्टिसिपेशनः फिलॉसफी, नेचर एण्ड अप्रोच, 2. ऑपरेशनलाइजेशन ऑफ पार्टिसिपेटरी प्रोसेसेज, 3. डाटा कलैक्शन टैक्नीक्स फॉर मोबिलाइजिंग पार्टिसिपेशन, 4. टैक्नीक्स ऑफ डाटा अनालिसिस एंड मोड्स ऑफ अनालिसिस (सहलेखन-सुश्री नीति भार्गव के साथ). एम आर आर 02ः पार्टिसिपेटरी मैंनेजमेंट ऑफ डिस्पलेसमैंट, रिसैटलमैंट एंड रिहैबिलिटेशन. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालयः नई दिल्ली
जैन, शोभिता 2001ब. पार्टिसिपेटरी लर्निंग एण्ड डिसकोर्स ऑन लोकल एंड ग्लोबल कल्चर ऑफ द डिस्ऐडवांटेज्ड. इंडियन जर्नल ऑफ ओपन लर्निग 10(2)ः 159-173
जैन. शोभिता 2003. पंचायत्स, विमैन एंड एम्पावरमैंट, में विद्युत मोहंती एंड शशि नारायन (सम्पादक) विमैन एंड पोलिटिकल एम्पावरमैंट. इंस्टिट्युट ऑफ सोशल साइंसेज. पृष्ठ 60-66
लिंगम्, लक्ष्मी 2002 (1998). टेकिंग स्टॉकः विमेनन्स मूवमैंट एंड द स्टेट. घनश्याम शाह (सम्पा.) सोशल मूवमैंट्स इन इंडियाः सेज पब्लिकेशन्सः नई दिल्ली में, पृष्ठ 335-360
मुकर्जी, डी.पी. 1986. डाइवर्सिटीज पॉपुलरः मुंबई
मुकर्जी, पार्थ 1977. सोशल मूवमैंट एंड सोशल अजंट टु ए कन्सेप्चुअल क्लैरीफिकेशन एंड थियरिटिकल फ्रेमवर्क. सोशियोलॉजिकल बुलेटिन 26(1)ः 38-59
मुकर्जी. राधाकमल 1984. द कल्चर एंड आर्ट ऑफ इंडिया. मुंशीराम मनोहरलाल पब्लिशर्सः नई दिल्ली
ओमवैट, गेल 2002 (2001 मूल प्रकाशन). अम्बेदकर एंड आफ्टरः द दलित मूवमैंट इन इंडिया घनश्याम शाह (सम्पादित) सोशल मूवमेंट्स एंड द स्टेट. सेज पब्लिकेशन्सः नई दिल्ली में पृष्ठ 335-360
ऊमन. टी.के. 1977. सोशियोलॉजिकल इश्यूस इन दि अनालिसिस ऑफ सोशल मूवमैंट्स इन इन्डिपेंडेंट इंडिया. सोशियोलॉजिकल बुलेटिन. 26(1)ः 14-37
ऊमन, टी के. और मुखर्जी, पी.एन. (सम्पादित) 1986. इंडियन सोशियोलॉजी, पॉपुलर प्रकाशनः मुंबई
पटेल, तुलसी 1994. फर्टीलिटी बिहेवियरः पॉपुलेशन एण्ड सोसाइटी इन ए राजस्थान विलेज. ऑक्सफर्ड यूनीवर्सिटी प्रेसरू नई दिल्ली
रायसॅन, टी. (सम्पादित) 1969. द फाउंडिंग फॉदर्स ऑफ सोशल साइंस. पेंगुइन बुक्सः मिडल सेक्स
राव, चलपथि एम., उन्निथन टी.के.एन. तथा अन्य (सम्पादित) 1965. टुवर्ड्स ए सोशियोलॉजी आफ कल्चर इन इंडिया. पेंटिस हॉल आफ इंडिया प्रा. लिमिटेडः नई दिल्ली
राव, एम एस.ए. 1978. कसप्चुअल प्रोब्लम्स इन द स्टडी ऑफ सोशल मूवमैंट्स. एम.एस.ए. राव (सम्पा). सोशल मूवमैंट्स इन इंडिया. मनोहरः दिल्ली में, पृष्ठ 1-16 सेलिगमैन, एडविन आर.ए. 1963. एनसाइक्लोपिडिया ऑफ द सोशल साइंसिज वाल्यूम – 1 से प्ट. द मैकमिलन कंपनीरू न्यूयार्क
शाह, घनश्याम 2002 (1983 मूल प्रकाशन). डायरैक्ट एक्शन इन इंडियाः ए स्टडी ऑफ गुजरात एंड बिहार एजेटेशन्स. घनश्याम शाह (सम्पादित) सोशल मूवमेंट्स एंड द स्टेट. सेज पब्लिकेशन्सः नई दिल्ली
शिल्स, एडवर्ड, ए. 1961. द इंटलेक्चुअल बिटवीन ट्रेडीशन एंड मॉडर्निटीः द इंडियन सिचुएशन. मूतोंः द हेग
सिन्हा, सुरजीत 2002. ट्राइबल सौलीडैरिटी मूवमेंट्स इन इंडियाः ए रिव्यू. घनश्याम शाह (सम्पादित) सोशल मूवमैंट्स एंड द स्टेट. सेज पब्लिकेशन्सः नई दिल्ली में, पृष्ठ 251-266
सिंह, बलजीत (सम्पादित) 1956. द फ्रन्टियर्स ऑफ सोशल साइंस. राधाकमल मुकर्जी के सम्मान में, मैकमिलन एंड कंपनी लिमिटेडः लंदन
सिंह, के एस. 2002 (1983 मूल प्रकाशन). ट्राइबल ऑटोनॉमी मूवमैंट्स इन छोटा नागपुर घनश्याम शाह (सम्पादित) सोशल मूवमैंट्स एंड द स्टेट. सेज पब्लिकेशन्सः नई दिल्ली में, पृष्ठ 267-292
टिमाशेफ, निकोलस एस. 1967. सोशियोलॉजिकल थ्यरीः इट्स नेचर एंड ग्रोथ. तृतीय संस्करण, रैनडॅम हाउसरू न्यूयार्क
उबेरॉय पैट्रीशिया 1993. फैमिली, किनशिप एण्ड मैरिज इन इंडिया. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी प्रेसः नई दिल्ली
उन्निथान, टी.के.एन . इन्द्र देव, योगेन्द्र सिंह, (सम्पादित) 1965. टूवर्डस ए सोशियोलॉजी ऑफ कल्चर इन इंडिया. प्रो. डी.पी. मुकर्जी के सम्मान में लेख, पेंटिस हाल ऑफ इंडिया (प्राइवेट) लिमिटेडः नई दिल्ली
(ब) हिंदी में उपलब्ध कुछ पुस्तकें
गुप्ता, पार्थसारथि (संपा.) 1987. यूरोप का इतिहास. हरियाणा हिंदी ग्रंथ अकादमीः चण्डीगढ़
चैहान, आई.एस., 1989. समाजशास्त्र की रूपरेखा. मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमीः भोपाल
गुप्ता, मिथलेश एवं सैनी, रामेश्वरलाल 1991. समकालीन समाजशास्त्रीय सिद्धांत. रावत पब्लिकेशन्सः जयपुर
फर्फे, पाल हान्ले 1973. समाजशास्त्र का क्षेत्र एवं पद्धति. (अनुवादक) हरिश्चन्द्र उप्रेती, राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमीः जयपुर
बार्कर, अर्नेस्ट 1972. सामाजिक तथा राजनैतिक शास्त्र का सिद्धांत. हरियाणा हिंदी ग्रंथ अकादमीः चण्डीगढ़
सिंह, आर.जी. 1986. समाजशास्त्र की मूल अवधारणाएं. मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमीः भोपाल
शर्मा, एस.एस. 1988. प्रारंभिक समाजशास्त्र. सरूप एंड सन्सरू मेरठ
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…