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Categories: sociology

सार्वभौमिकरण क्या है | सार्वभौमिकरण की परिभाषा किसे कहते है अर्थ मतलब universalization in hindi

universalization in hindi meaning definition in sociology सार्वभौमिकरण क्या है | सार्वभौमिकरण की परिभाषा किसे कहते है अर्थ मतलब ?

सार्वभौमिकरण : वह प्रक्रिया जिसमें एक क्षेत्र में पाये जाने वाले मूल्य किसी बड़े समाज की मूल्य पद्धति के अंग बन (universalisation) जाएं। जैसे वे किसी राष्ट्र के या पूरे विश्व की मूल्य पद्धति के अंग बन जाएं।

अर्थात यदि किसी समाज विशेष के मूल्य आदि किसी देश अथवा विश्व के मूल्य बन जाए तो इस प्रक्रिया को सार्वभौमिकरण कहते है |

कुछ उपयोगी पुस्तकें
घुर्ये, गोविंद सदाशिव 1986. कास्ट एंड रेस इन इंडिया. पोपुलरः मुंबई
मुकर्जी, राधाकमल 1984. द कल्चर एंड आर्ट ऑफ इंडिया. मुंशीराम मनोहर लाल प्रकाशकः नई दिल्ली
मुकर्जी, धूर्जटी प्रसाद 1986. डाइवर्सिटीज, पॉपुलरः मुंबई

संदर्भ ग्रंथ सूची
(अ)
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बेकर, एच. और बार्नस बॉटोमोर, एच.ई. 1961. सोशल थॉट फ्रॉम लोर टू साइंस. (तृतीय संस्करण) वाल्यूम 3, डोवर पब्लिकेशनः न्यूयार्क
बर्जर, पी. 1963. इन्विटेशन टू सोशियोलॉजीः ए ह्यूमनिस्टिक पर्सपक्टिव. ऐंकर बुक्स डबलडे एंड कंपनीः न्यूयार्क
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घुर्ये, जी.एस. 1986. कास्ट एंड रेस इन इंडिया. पॉपुलरः मुंबई
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जैन. शोभिता 2001ं. प्लांटेशन लेबर इन साउथ एंड साउथईस्ट एशिया. इन सूजन विश्वनाथन (सम्पादक) स्ट्रक्चर एण्ड ट्रांसफॉर्मेशनः थियरी एंड सोसाइटी इन इंडिया. ऑक्सफर्ड यूनीवर्सिटी प्रेसः नई दिल्ली
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जैन, शोभिता 2001ब. पार्टिसिपेटरी लर्निंग एण्ड डिसकोर्स ऑन लोकल एंड ग्लोबल कल्चर ऑफ द डिस्ऐडवांटेज्ड. इंडियन जर्नल ऑफ ओपन लर्निग 10(2)ः 159-173
जैन. शोभिता 2003. पंचायत्स, विमैन एंड एम्पावरमैंट, में विद्युत मोहंती एंड शशि नारायन (सम्पादक) विमैन एंड पोलिटिकल एम्पावरमैंट. इंस्टिट्युट ऑफ सोशल साइंसेज. पृष्ठ 60-66
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मुकर्जी, डी.पी. 1986. डाइवर्सिटीज पॉपुलरः मुंबई
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उबेरॉय पैट्रीशिया 1993. फैमिली, किनशिप एण्ड मैरिज इन इंडिया. ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी प्रेसः नई दिल्ली
उन्निथान, टी.के.एन . इन्द्र देव, योगेन्द्र सिंह, (सम्पादित) 1965. टूवर्डस ए सोशियोलॉजी ऑफ कल्चर इन इंडिया. प्रो. डी.पी. मुकर्जी के सम्मान में लेख, पेंटिस हाल ऑफ इंडिया (प्राइवेट) लिमिटेडः नई दिल्ली

(ब) हिंदी में उपलब्ध कुछ पुस्तकें
गुप्ता, पार्थसारथि (संपा.) 1987. यूरोप का इतिहास. हरियाणा हिंदी ग्रंथ अकादमीः चण्डीगढ़
चैहान, आई.एस., 1989. समाजशास्त्र की रूपरेखा. मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमीः भोपाल
गुप्ता, मिथलेश एवं सैनी, रामेश्वरलाल 1991. समकालीन समाजशास्त्रीय सिद्धांत. रावत पब्लिकेशन्सः जयपुर
फर्फे, पाल हान्ले 1973. समाजशास्त्र का क्षेत्र एवं पद्धति. (अनुवादक) हरिश्चन्द्र उप्रेती, राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमीः जयपुर
बार्कर, अर्नेस्ट 1972. सामाजिक तथा राजनैतिक शास्त्र का सिद्धांत. हरियाणा हिंदी ग्रंथ अकादमीः चण्डीगढ़
सिंह, आर.जी. 1986. समाजशास्त्र की मूल अवधारणाएं. मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमीः भोपाल
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