हिंदी माध्यम नोट्स
मात्रक क्या है , परिभाषा व मानक मात्रक unit and standard unit in hindi
मात्रक (unit) : हमने पिछले टॉपिक में पढ़ा की हमारे दैनिक जीवन में मापन की आवश्यकता बहुत अधिक है और हमें भौतिक राशियाँ मापने के लिए विभिन्न प्रकार के पैमाने की आवश्यकता होती है।
मात्रक की परिभाषा : किसी भी भौतिक राशि को मापने के लिए एक मान नियत किया गया है , राशियों के मापन के लिए किये गए इस नियत मान को ही मात्रक कहते है।
मानक मात्रक (standard unit) : ऐसा मात्रक जिसको देखकर उसके अन्य प्रतिरूप बनाये जाए , जैसे विश्व में सभी जगह 1 kg के बाट का वजन समान है , क्योंकि बाट को बनाने के लिए इसका तौल मानक मात्रक के बराबर रखा जाता है जो सभी जगह निश्चित है |
जैसे एक किलो चीनी तौलने के लिए एक किलो का जो बाट इस्तेमाल किया गया है उसका वजन सभी जगह नियत होता है , अत: इस 1 किलोग्राम का मान नियत किया हुआ है इस एक किलो को मात्रक कहते है।
किसी भी भौतक राशि को लिखने के लिए पहले उसका संख्यात्मक मान लिखा जाता है और उसके पीछे उसका मात्रक लिखा जाता है।
जैसे 1 किलोग्राम चीनी को लिखने के लिए हम निम्न प्रकार लिखते है = 1 Kg
यहाँ Kg मात्रक है।
माना भौतिक राशि को हम x से दर्शाते है तथा इसका संख्यात्मक मान n और मात्रक u है तो जैसा हमने पढ़ा है की भौतिक राशि (x) का मान संख्यात्मक मान और उसके पीछे मात्रक द्वारा लिखा जाता है अत:
x = nu
यहाँ से u का मान निकालने पर
u = x/n
u ∝ 1/n
अत: हम कह सकते है की किसी भी भौतिक राशि का मात्रक राशि के संख्यात्मक मान के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
किसी भी भौतिक राशि का मात्रक चुनते समय हमें कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है , ये बातें निम्न प्रकार है –
1. भौतिक राशि के लिए जो मात्रक हम चुन रहे है वह सभी जगह मान्य होना आवश्यक है। क्योंकि मात्रक विश्व में सभी जगह समान होते है। उनका आकार व परिमाण उतना ही होना चाहिए जितना अन्य देशो या जगहों पर है।
2. जो मात्रक हम चयन कर रहे है उसका मान ताप , दाब आदि से प्रभावित नहीं होना चाहिए , अर्थात मात्रक का मान ताप व दाब की सभी स्थितियों पर नियत रहना चाहिए , विचलन नहीं होना चाहिए। यहाँ विचलन से तात्पर्य है की अलग अलग ताप व दाब पर इसका मान अलग लग नही होना चाहिए , एक समान रहना चाहिए।
3. जब मात्रक बनाया जाता है तो यह ऐसा होना चाहिए की आसानी से समझ में आ जाए और इसके जैसे अन्य प्रतिरूप आसानी से बना सके। जैसे लोगो को आसानी से समझ आता है की 1 kg में 1 किलो का बाट रख दीजिये और इसके बराबर चीज तौल दीजिये। तथा इसके वजन के अन्य प्रतिरूप (इसके समान अन्य 1 kg का बाट) भी बना सकते है।
Recent Posts
सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ
कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…
रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?
अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…