JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Categories: indian

उंडावली गुफाएं के बारे में जानकारी , कहाँ स्थित है , किसने बनवाई थी undavalli caves history in hindi

undavalli caves history in hindi उंडावली गुफाएं के बारे में जानकारी , कहाँ स्थित है , किसने बनवाई थी

उंडावल्ली : आंध्रप्रदेश में विजयवाड़ा के निकट स्थित उंडावली गुफाएं सातवीं शताब्दी के मंदिरों वाली हिंदू गुफाएं हैं जो पीछे से एक ग्रेनाइट पहाड़ी की ढलान को पांच श्रेणियों में काटकर बनायी गयी हैं। इन गुफाओं का मुख्य आकर्षण विष्णु की एक झुकी मूर्ति है जो ग्रेनाइट के एक अकेले पत्थर को काटकर बनायी गयी है। बुद्ध को भी यहां विशेष स्थान एवं सम्मान दिया गया है। प्रसिद्ध स्तूप मौर्य एवं गुप्त काल के दौरान प्राचीन स्तूपों को बड़ा किया गया एवं उनका सौंदर्यीकरण किया गया। इनमें तीन विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं जो मध्य प्रदेश के सांची एवं भरहूत तथा निचली कृष्णा घाटी के अमरावती क्षेत्र में स्थित हैं।
भरहूत स्तूप संभवतःईसापूर्व की दूसरी शताब्दी के मध्य के हैं। अपनी शिल्पकला के कारण वे इसलिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अब स्तूप स्वतः विलुप्त हो गये हैं। जातक कथाओं से ली गयी घटनाओं का चित्रण इतना सजीव व कला समृद्ध है कि बरबस दर्शकों का ध्यान आकर्षित करता है। सुंग शिल्पकारों ने वस्तुतः आश्चर्यजनक कार्य किया है।
सांची स्तूप भी अत्यंत प्रसिद्ध हैं। इनके मूल आकार में दो बार परिवर्तन कर इन्हें विस्तारित किया गया, जिससे ये बढ़कर लगभग 120 फीट के व्यास की गोलाई में पहुंच गये। ये स्तूप ईसापूर्व की दूसरी शताब्दी के हैं। इनकी तब सुदृढ़ चिनाई की गयी थी और यह कार्य नियमित जारी रहा तथा बाद में एक ऊपरी छतीय रास्ता जोड़ा गया। पुरानी लकड़ी की रेलिंग के स्थान पर पत्थर की रेलिंग लगायी गयी जो शिल्पकला का एक अनुपम उदाहरण हैं। रेलिंग में भी आश्चर्यजनक सजावट की गयी, जो जातक से ली गयी कहानियों के चित्रण में दिखाई देती हैं। इसके साथ ही बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति, प्रथम उपदेश एवं बुद्ध का महाप्रयाण, अशोक से जुड़ी अनेक ऐतिहासिक घटनाएं, उनके तीर्थयात्रियों से जुड़ी कुछ घटनाएं, गांव के दृश्य, महल के दृश्य, जंगल के दृश्य, जंगल में हाथियों, बंदरों एवं अन्य जागवरों, चिड़ियों एवं पुष्पों, निर्दयी शिकारियों, सैनिकों, प्राचीन संगीत यंत्रों एवं उसे बजाते लोगों आदि के दृश्य भी अंकित हैं। पत्थर को उच्च कुशल तकनीक से अत्यंत सुंदर ढंग से तराश कर ढका गया है उनमें कुछ गहरी नक्काशी, कुछ बाहरी नक्काशी तथा कुछेक में चारों ओर नक्काशी की गयी है। देखने से नक्काशी अत्यंत साधारण पर, प्राकृतिक लगती है और इसमें किसी भी प्रकार का कोई विदेशी प्रभाव अथवा संकेत नहीं दिखायी देता है।
अमरावती स्तूप पूर्ण रूप से 200 ईसा के आसपास पूरा हुआ था। अमरावती स्तूप में तराशा हुआ द्वारफलक है, जो बुद्ध के जीवन की कहानी दर्शाता है। मूर्तिकला अत्यंत सुंदर एवं आदर्शरूप लिये है जो पहली बार बुद्ध को एक दैव शक्ति के रूप में दिखाती है जो पूजा-अर्चना को स्वीकार कर रहे हैं। इनका उत्खनन करीब 1779 में हुआ और इसके अवशेष टुकड़ों में पड़े हैं। अधिकांश टुकड़ों को भवन निर्माण उद्देश्यों के कारण शताब्दियों से वहां से हटाया जाता रहा है। स्तूप अवश्य 600 वग्र मी- के आसपास के घेरे में रहे होंगे। इनकी सतह को भरहुत शैली में ढका गया था, अशोक के सातों स्तम्भ लेख केवल दिल्ली में ही उपलब्ध हैं। इसी प्रकार सारनाथ, सांची, लुम्बिनी एवं निग्लीव के पाषाण स्तम्भों पर लघु स्तम्भ लेख’ उत्कीर्ण है।
किंतु कुछ विशेषताए,ं मथुरा एवं गांधार मूर्तिकला से भी जुड़ी हैं। फूलों का निष्पादन, फूलपत्तियां, सूचीपत्र-नक्काशी, कमरे की छत के ठीक नीचे बनी नक्काशी पदक आदि को बेहद सुंदर ढंग से चित्रित किया गया है, जो अपने आकार एवं शिल्प कला का अनुपम उदाहरण है। कुछ पत्थर जनित मूर्तियां घेरे में रखी गयी हैं। अमरावती की अवशेष मूर्तियां, जो ‘संगमरमर’ के टुकड़ों के रूप में जागी जाती हैं, ब्रिटिश संग्रहालय पहुंच गयी हैं। (चूना, पत्थर, संगमरमर की छाप देते हैं)।
नागार्जुना कोंडा स्तूप भी शक-सातवाहन काल के हैं जो महायान बौद्ध धर्म को दर्शाते हैं। उनमें अभिचित्रित मूर्तिकला एवं उनमें की गयी साज-सज्जा अत्यंत अनोखी है। ये स्तूप सद्भाव के प्रतीक हैं। अमरावती, भरहुत एवं सांची में यक्ष एवं नागों के स्थानीय धार्मिक पंथ को भी पूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किया गया है।
बाद के स्तूपों में दो अत्यंत प्रसिद्ध स्तूप सारनाथ और नालंदा में हैं। सारनाथ स्तूप गुप्त काल के दौरान ही पूर्णरूपेण तैयार हुआ, लेकिन अब उनके भीतरी भाग का अवशेष ही बचा है। एक स्तूप नालंदा में है जो नष्ट होने की स्थिति में है। यह ईटों की पिरामिड़ का प्रभाव दर्शाता है और इसके छत तक सीढ़ियां जैसी दिखायी देती हैं। गुप्त एवं पाल के शासन में इन स्तूपों में कई संशोधन किये गये।

कि वह स्तंभ धर्म का वाहन था। यह स्तंभ मूल रूप से विशाल पत्थर का है जिसमें पहिये हैं और उस स्तंभ के ऊपर सिंहों की आकृतियां अंकित हैं। उस स्तंभ में अंकित आकृतियां प्राचीन कला का अद्भुत नमूना हैं और उसमें चित्रित कलाकृतियां, इस खूबसूरती से ढाली गयीं कि जिनकी प्रसिद्धि आज भी विद्यमान है। इसी के साथ वे भारत की प्राचीन महान कलात्मक उपलब्धियों की भी परिचायक हैं।

Sbistudy

Recent Posts

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

2 days ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

4 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

7 days ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

7 days ago

elastic collision of two particles in hindi definition formula दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है

दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है elastic collision of two particles in hindi definition…

7 days ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now