JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Geology

विषम विन्यास unconformity in hindi

(unconformity in hindi ) विषम विन्यास : विषम विन्यास अपरदन की सतह है जो दो संस्तरों को विभाजित करती है।  विषम विन्यास  विकास कई स्तरों में होता है।  पहले पुराने शैल संस्तर निक्षेपित होते है फिर उत्थान होता है और फिर अपरदन होता है।
इस प्रकार पुन: अवसादन शुरू होता है।

विषम विन्यास का विकास

विषम विन्यास के प्रकार

1. कोणीय विषम विन्यास (angular unconformity)
2. अपसम विन्यास (dis conformity)
3. स्थानीय विषम विन्यास (local unconformity)
4. असम विन्यास (non conformity)
1. कोणीय विषम विन्यास (angular unconformity) : जब शिलायें तिरछी हो तथा विपरीत दिशाओं में झुकी हो तब कोणीय विन्यास माना जाता है।
2. अपसम विन्यास (disconformity) : इनमे विषम विन्यास तल के दोनों ओर संस्तर अनिवार्यत: समानांतर होते है यह विस्तृत विन्यास माना जाता है।
3. स्थानीय विषम विन्यास (local unconformity) : यह अपसम विन्यास के समान ही होता है परन्तु इनका क्षेत्र सिमित होता है।
4. असम विन्यास (non conformity) :जब एक शिला आग्नेय हो और पुरानी हो तब उसे असम विन्यास कहते है।

Recognition of unconformity

इनकी पहचान कई विधियों से की जा सकती है –
1. यदि कोणीय विषम विन्यास हो तो पूरा क्रम समान्तर नहीं होगा।  उदग्र क्लिफ , रोड कटान तथा रेलवे कटान में ये आसानी से पहचाने जा सकते है।
2. अगर दोनों स्तर के रंगों में अंतर हो और यदि संस्तर असमान हो तथा अगर दोनों के बीच में संगुटीकाश्म संस्तर हो तो अपसम विषम विन्यास होगा।
3. अगर निचे आग्नेय शिला हो तो असम विन्यास होगा।
4. अगर अपरदन की क्रिया तेज हो तो इससे वहाँ पर अधिक मात्रा में मिट्टी बन जाती है इसे मिश्रित विन्यास कहते है।
5. नयी  शैलों की श्रेणियां पुरानी श्रेणियों से कम कायांतरित होती है।

fault and unconformity

अनुनती तिर्यक या विकर्णि तथा अन्य भ्रंश पहचानने में कठिनाई नहीं होती , परन्तु विषम विन्यास तथा संस्तर भ्रंश में विभेद करना कठिन है।
यदि दोनों संस्तरो के बीच में गुटिका हो तो विषम विन्यास होगा , अगर ऊपरी संस्तर स्पर्श सतह पर नत हो तो वह भ्रंश माना जायेगा।
यदि विषम विन्यास होगा तो निचे की शिलाओ में कुछ न कुछ अवशेष उठे हुए भागों में अवश्य होंगे।
गाज (मृद्लेप ) , ब्रेसिया (संकोणाश्म) आदि विषम विन्यास में होगा।  कभी कभी भ्रंश विषम विन्यास के तल पर ही होता है।  साधारण तिरछे विन्यास के तल पर भ्रंश बनते है।
Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

12 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

12 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now