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Categories: Biology

हल्दी क्या है , हल्दी वानस्पतिक नाम , कुल , उत्पत्ति तथा उत्पादक , हल्दि पादप की बाह्य आकारिकी , महत्व

हल्दी (turmeric in hindi) :

वानस्पतिक नाम : Curcuma Longa / curcuma domestica
कुल : Zingiberaceae
उपयोगी भाग : भूमिगत तना (प्रकंद) या Rhizeue
उत्पत्ति तथा उत्पादक :
  • हल्दी की उत्पत्ति मुख्यतः दक्षिण एशिया में हुई है।
  • भारत हल्दी का सबसे बड़ा उत्पादक तथा सबसे बड़ा उपभोक्ता है।
  • भारत के अतिरिक्त हल्दी मुख्यत: चीन , श्रीलंका , इंडोनेशिया तथा वेस्टइंडीज में उत्पादित की जाती है। भारत का सर्वाधिक मात्रा में हल्दी का उत्पादन आंध्रप्रदेश के द्वारा किया जाता है इसके अतिरिक्त इसका उत्पादन महाराष्ट्र , केरल , पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा में भी किया जाता है।

पादप की बाह्य आकारिकी

  • हल्दी का पादप प्रमुखत: एक वर्षीय या बहुवर्षी शाखीय पादप होता है।
  • हल्दी में मुख्यतः भूमिगत तना पाया जाता है जिसके रूपांतरण को प्रकन्द के नाम से जाना जाता है तथा यह प्रकन्द भूमि के समान्तर वृद्धि करता है।
  • हल्दी में पत्ती चौड़े पर्ण फलक वाली भाले के आकार की व एक बीज पत्रित होने के कारण पत्तियों में मुख्यतः समान्तर शिरा विन्यास पाया जाता है।
  • हल्दी के पादप में लम्बा , पीले रंग का spike प्रकार का पुष्प क्रम पाया जाता है [असिमाक्षी प्रकार का पुष्पक्रम]
  • हल्दी में प्रमुखत: कैप्सूल प्रकार का फल पाया जाता है।
  • हल्दी का उपयोगी भाग प्रकंद है तथा निर्मित ताजे प्रकंदो को एकत्रित करके उपयुक्त संसाधनों की सहायता से सुखाकर पाउडर में परिवर्तित किया जाता है तत्पश्चात इसका उपयोग किया जाता है।
  • हल्दी के प्रकन्दो को सुखाने की क्रिया curing कहलाती है।
  • हल्दी का पीला , नारंगी रंग हल्दी में पाए जाने वाले करकुमीन के कारण होता है वही हल्दी में आने वाली कस्तूरी सुगंध निम्न प्रकार के सहगंध तेलों के कारण होती है –
(A) सेसक्विटरपीन (B) जिन्जीबेरिन (C) टेरमेरिक तेल

हल्दी का आर्थिक महत्व

  • हल्दि को व्यापक रूप से मसाले तथा औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • हल्दि को मसालों के रूप में सब्जी , अचार , मक्खन , पनीर आदि के निर्माण में उपयोग किया जाता है।
  • हल्दी एक प्रभावी रक्त शोधन का कार्य करती है।
  • हल्दि के उपयोग से शरीर की आंतरिक तथा बाह्य चोटों का उपचार किया जाता है।
  • हल्दी वातहर तथा कृमिहर की तरह करती है।
  • त्वचा के रोग , सौन्दर्य प्रसादन तथा विभिन्न प्रकार के उदंड के निर्माण में हल्दी का उपयोग का उपयोगी किया जाता है।
  • विवाह समारोह में एक विशेष पदार्थ पीठी का निर्माण किया जाता है।
  • हल्दि को सूती , ऊनी तथा रेशमी वस्त्रो को रंगने में भी उपयोग किया जाता है।
  • विभिन्न धार्मिक उत्सव में हल्दि को एक पवित्र पदार्थ के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • सर्दी खासी , जुखाम , पीलिया तथा दमा के रोग में हल्दी एक उपयोगी पदार्थ की तरह उपयोग की जाती है।
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