JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

बलाघूर्ण : बल आघूर्ण किसे कहते है ? torque in hindi , Torque on an Electric Dipole in a Uniform Electric Field

(Torque on an Electric Dipole in a Uniform Electric Field) समरूप विद्युत क्षेत्र में विद्युत द्विध्रुव पर बल एवं बलाघूर्ण : माना एक समरूप विद्युत क्षेत्र ‘E’ में एक एक विद्युत द्विध्रुव जिसके आवेश क्रमशः +q व -q है तथा प्रभावकारी लम्बाई ‘2a’ है को θ कोण पर रखा गया है तो इस द्विध्रुव के दोनों आवेशो पर लगने वाले विद्युत बल F = +qE तथा F = -qE परिमाण में समान व दिशा में एक दूसरे के विपरीत होने के कारण विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाला परिणामी बल शून्य होता है परन्तु दोनों बलों की क्रियारेखा अलग-अलग होने के कारण विद्युत द्विध्रुव में बलाघूर्ण उत्पन्न होता है।

अत: विद्युत द्विध्रुव पर लगने वाला बलाघूर्ण –

बलाघूर्ण (τ) = एक बल का परिमाण x बलों की क्रिया रेखा के बीच की लम्बवत रेखा

  बलाघूर्ण (τ) =  F x OB

बलाघूर्ण (τ) = F x 2a Sinθ

τ = qE x 2a Sinθ

 चूँकि q x 2a = p (विद्युत द्विध्रुव)

अत:

τ = pESinθ

स्थिति 1 : यदि विद्युत द्विध्रुव को विद्युत क्षेत्र की दिशा में रखा जाए अर्थात θ = 0 हो तो –

Sin0 = 0

अत: τ = 0

स्थिति 2 : यदि विद्युत द्विध्रुव को विद्युत क्षेत्र के विपरीत दिशा में रखा जाता है तो अर्थात θ = 180 हो तो –

Sin180 = 0

अत: τ = 0

स्थिति 3 : यदि विद्युत द्विध्रुव को विद्युत क्षेत्र की दिशा के लम्बवत रखा जाए तो अर्थात θ = 90 हो तो –

Sin90 = 1

अत: τ = pE (अधिकतम)

बलाघूर्ण का मात्रक “न्यूटन x मीटर” या जूल या किग्रा x मी2/सै2 होता है।

बलाघूर्ण की विमा [ML2T-2] होती है।

बलाघूर्ण एक सदिश राशि है जिसकी दिशा द्विध्रुव आघूर्ण (p) तथा विद्युत क्षेत्र की तीव्रता (E) से बने तल के लम्बवत अन्दर या बाहर की ओर होगी।

प्रश्न : निर्वात में स्थित दो बिंदु आवेशो के मध्य F बल लग रहा है यदि इन आवेशों के मध्य पीतल की प्लेट रख दी जाए तब बल का मान क्या होगा ?

उत्तर : निर्वात में आवेशों पर कार्यरत बल = F

चूँकि आवेशो के मध्य पीतल रखते है।

अत: पीतल/धातु का पैरावैधुतांक अन्नत होता है।

अत: Fm = F/Er

Fm = F/अनंत

अत: Fm = शून्य होगा । 

प्रश्न : आदर्श विधुत द्विध्रुव की शर्त लिखिए।

उत्तर : 1. आवेशो के मध्य की दूरी कम होनी चाहिए।

  1. उच्च आवेश होने चाहिए।

प्रश्न : एबोनाइट की छड को फर से रगड़ने पर एबोनाइट की छड़ ऋण आवेशित क्यों हो जाती है ?

उत्तर : जब एबोनाईट की छड को फर से रगड़ते हो तो उष्मीय प्रभाव के कारण फर से इलेक्ट्रॉन निकलकर एबोनाइट की छड में जाते है जिससे एबोनाइट की छड ऋणावेशित तथा फर धनावेशित हो जाती है क्योंकि फर में इलेक्ट्रॉन नाभिक से अधिक दूरी पर स्थित है जिससे इलेक्ट्रान आसानी से निकल जाते है तथा एबोनाइट में इलेक्ट्रॉन नाभिक के पास दृढ़ता से बंधे होते है जिससे एबोनाइट में इलेक्ट्रॉन प्रवेश करते है।

प्रश्न : दो बिंदु आवेशो के मध्य उन्हें मिलाने वाली रेखा के किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य है।  इससे आप आवेशो के बारे में क्या निष्कर्ष निकाल सकते हो ?

उत्तर : यदि दो आवेशो को मिलाने वाली रेखा पर दोनों आवेशो के मध्य विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य है तो दोनों आवेशो की प्रकृति समान होगी परन्तु यदि दोनों आवेशो को मिलाने वाली रेखा पर दोनों आवेशो के बाहर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता शून्य है तो दोनों आवेशो की प्रकृति विपरीत होगी।

प्रश्न : एक इकाई ऋण आवेशित आयन तथा एक इलेक्ट्रॉन विद्युत क्षेत्र E के प्रभाव में गतिमान है।  इन दोनों में से कौन सा कण तीव्र गति से चलेगा और क्यों ?

उत्तर : जब एक इकाई ऋणावेशित आयन अर्थात एक ऋण आवेशित आयन तथा एक इलेक्ट्रॉन को समरूप विद्युत क्षेत्र में रखा जाए तो इलेक्ट्रान व आयन का आवेश समान होने के कारण दोनों विद्युत क्षेत्र के प्रभाव में समान गति करेंगे परन्तु ऋणावेशित आयन का द्रव्यमान इलेक्ट्रान के द्रव्यमान से बहुत अधिक होने के कारण ऋण आवेशित आयन धीमी गति से तथा इलेक्ट्रॉन तीव्र गति से गति करता है।

प्रश्न : एक समान विद्युत क्षेत्र में एक विद्युत द्विध्रुव रखा जाता है दिखाए कि यह स्थानांतरित त्वरित गति नहीं करेगा।

उत्तर : जब किसी विद्युत द्विध्रुव को एक समान विद्युत क्षेत्र में रखा जाता है तो विद्युत द्विध्रुव के दोनों आवेशो पर विद्युत बल परिमाण में समान तथा दिशा में एक दूसरे के विपरीत होने के कारण विद्युत द्विध्रुव पर परिणामी बल शून्य होता है जिसके कारण विद्युत द्विध्रुव एक समान विद्युत क्षेत्र में स्थानान्तरित त्वरित गति नहीं करता है।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now