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Categories: Physicsphysics

चल सूक्ष्मदर्शी की सहायता से कांच पट्टिका का अपवर्तनांक ज्ञात करना To determine refractive index of a glass slab using a travelling microscope

To determine refractive index of a glass slab using a travelling microscope in hindi चल सूक्ष्मदर्शी की सहायता से कांच पट्टिका का अपवर्तनांक ज्ञात करना ?

प्रयोग संख्या
Experiment No –
उद्देश्य (Object):
चल सूक्ष्मदर्शी की सहायता से कांच पट्टिका का अपवर्तनांक ज्ञात करना।
उपकरण (Apparatus): .
एक ही पदार्थ (कांच) के भिन्न-भिन्न मोटाई की 3-4 पट्टिकाएं, चल सूक्ष्मदर्शी, लाइकोडियम या चॉक पाउडर, कागज, स्प्रिट लेबल आदि।
किरण चित्र (Ray Diagram):
सिद्धान्त (Theory):
यदि किसी कांच पट्टिका की वास्तविक मोटाई t तथा वायु में प्रेक्षित या आभासी मोटाई t1 है तब कांच पट्टिका के पदार्थ का वायु के सापेक्ष अपर्तनांक
μ = कांच पटिका की वास्तविक मोटाई कांच पटिका की प्रेक्षित (आभासी मोटाई) = t/t1
प्रयोग विधि (Method) :
(1) सर्वप्रथम चल सूक्ष्मदर्शी को मेज पर ऐसे स्थान पर रखते हैं जहां पर्याप्त प्रकाश उपलब्ध हो।
(2) अब चल सूक्ष्मदर्शी के वर्नियर पैमाने का अल्पतमांक ज्ञात कर लेते हैं।
वर्नियर पैमाने का अल्पतमांक = मुख्य पैमाने का एक भाग/ वर्नियर पैमाने के कुल भागों की संख्या
(3) अब सूक्ष्मदर्शी के आधार को स्प्रिट लेवल एवं क्षैतिजकारी पेंचों की सहायता से क्षैतिज कर लेते हैं। .
(4) अब सूक्ष्मदर्शी की नलिका में नेत्रिका को ऊपर नीचे खिसकाकर इस प्रकार फोकसित कर लेते हैं कि नेत्रिका में क्रॉस तार स्पष्ट दिखाई देने लगे।
(5) अब एक सफेद कागज पर पैन से एक डॉट चिन्ह P बना लेते हैं तथा कागज को सूक्ष्मदर्शी के आधार पर इस प्रकार रखते हैं कि चिन्ह सूक्ष्मदर्शी के अभिदृश्यक लेंस के ठीक नीचे रहे।
(6) अब सूक्ष्मदर्शी को पेंच की सहायता से धीरे-धीरे इतना ऊपर-नीचे चलाते हैं कि क्रॉस-तार पर डॉट चिन्ह फोकसित हो जाए तथा डॉट चिन्ह एवं क्रॉस तार में लम्बन न रहे। इस स्थिति में सूक्ष्मदर्शी की मुख्य पैमाने पर स्थिति (वर्नियर पैमाने का शून्य, मुख्य पैमाने के जिस अंश को पार कर चुका है) तथा वर्नियर पैमाने का संपाती चिन्ह ज्ञात कर लेते हैं तथा कुल पाठ्यांक x1 = मुख्य पैमाने का पाठ्यांक ़ (वर्नियर पैमाने का संपाती चिन्ह x अल्पतमांक) नोट कर लेते हैं।
(7) अब कागज के ऊपर कांच का गुटका रखते हैं, प्रकाश के अपवर्तन के कारण इस डॉट चिन्ह का प्रतिबिम्ब अब कुछ ऊपर उठी हुई स्थिति में बनता है। सूक्ष्मदर्शी को पेंच की सहायता से धीरे-धीरे ऊपर चलाकर क्रॉस तार को डॉट चिन्ह पर फोकसित कर लेते हैं तथा पद 6 के अनुसार सूक्ष्मदर्शी की पैमाने पर स्थिति x2 नोट कर लेते हैं।
(8) अब गुटके की ऊपरी सतह पर लाइकोडियम पाउडर (या चॉक पाउडर) के कण डालकर पुनः सक्ष्मदर्शी को ऊपर ले जाकर सक्ष्मदर्शी के क्रॉस तार को इन कणों पर फोकसित कर लेते हैं तथा सूक्ष्मदर्शी की पैमाने पर स्थिति x3 नोट कर लेते हैं।
(9) अब प्रयोग को (पद 5 से 8 तक) भिन्न-भिन्न मोटाई की कांच पट्टिकाओं के लिए दोहराते हैं तथा प्रेक्षा को प्रेक्षण. सारणी में लिखते हैं-
प्रेक्षण (Observations) :
1. सूक्ष्मदर्शी के वर्नियर पैमाने का अल्पतमांक = मुख्य पैमाने का एक भाग / वर्नियर पैमाने के कुल भाग = ………सेमी
2. सारणी
क्र.सं. सूक्ष्मदर्शी की मुख्य पैमाने पर स्थिति
(सेमी. में)
x = मुख्य पैमाने का पाठ्यांक $
(वर्नियर का संपाती चिन्ह × अल्पतमांक) पट्टिका की वास्तविक मोटाई
t= x3- x1
(सेमी.) पट्टिका की आभासी
(प्रक्षित)
t1= x2- x1
(सेमी.) पट्टिका के पदार्थ का अपवर्तनांक
𝛍 = t/ t1
(मात्रकहीन) माध्य अपवर्तनांक
𝛍 = 𝛍1़ 𝛍2़ 𝛍3़ 𝛍4/4
(मात्रकहीन)
जब क्राॅस
तार केवल
डाॅट चिन्ह
पर फोकसित
है। x1
(सेमी.) जब कांच
पट्टिका
रखने पर
प्राप्त
प्रतिबिम्ब
पर क्राॅस
तार
फोकसित
है। x2
(सेमी.) जब क्राॅस तार पट्टिका के ऊपरी तल पर लाइकोडियम के कणों पर फोकसित है x3
(सेमी.)
1.
2.
3.
4.

𝛍1=
𝛍2=
𝛍3=
𝛍4=

गणना (Calculation):
1. प्रत्येक प्रेक्षण सेट के लिए कांच की पट्टिका के पदार्थ का अपवर्तनांक निम्न सूत्र से ज्ञात कर लेते है-
अपवर्तनांक μ त्र कांच पट्टिका की वास्तविक मोटाई / कांच पटिका की प्रेक्षित (आभासी मोटाई) = t/t1
2. प्रत्येक प्रेक्षण से प्राप्त अपवर्तनांक के मानों से माध्य अपवर्तनांक ज्ञात कर लेते हैं।
माध्य अपवर्तनांक μ = μ 1 ़ μ 2 ़ μ 3 ़ μ 4 / 4 = …..

परिणाम (Result) :
दिए गए गुटके के पदार्थ का अपवर्तनांक ………… प्राप्त हुआ।
सावधानियां (Precautions):
प्रयोग करने से पूर्व सूक्ष्मदर्शी का आधार पूर्णतः क्षैतिज कर लेना चाहिए।
सूक्ष्मदर्शी की नली ऊर्ध्वाधर होनी चाहिए।
प्रयोग प्रारंभ करने से पूर्व नेत्रिका को क्रॉस तार पर फोकस कर लेना चाहिए तथा प्रयोग के दौरान नेत्रिका का समंजन स्थिर रखना चाहिए।
सूक्ष्मदर्शी को फोकसित करते समय केवल एक ही दिशा में (ऊपर की ओर) चलाना चाहिए ताकि पिछट त्रुटि उत्पन्न न हो।
कांच की पट्टिका मोटी तथा साफ होनी चाहिए।
सूक्ष्मदर्शी के फोकसित करते समय लम्बन पूर्णतः समाप्त कर लेना चाहिए।
ऊपरी तल पर पाउडर की परत पतली व सभी जगह एक समान होनी चाहिए।
विवेचना (Description):
यदि कांच की पटिका का घनत्व सर्वत्र एक समान नहीं है तो यर्थाथ परिणाम प्राप्त नहीं होते अतः निकटतम यथार्थ परिणाम प्राप्त करने के लिए कांच की पट्टिका को पूर्णतः पारदर्शी एवं समांग होना चाहिए।
मौखिक प्रश्न व उत्तर:

Sbistudy

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