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विभवमापी द्वारा दो प्राथमिक सेलों के वि.वा. बलों की तुलना करना To compare the emf of two given primary cells using potentiometer
To compare the emf of two given primary cells using potentiometer in hindi ? विभवमापी द्वारा दो प्राथमिक सेलों के वि.वा. बलों की तुलना करना ?
(प्रयोग-4)
उद्देश्य (Object) :
विभवमापी द्वारा दो प्राथमिक सेलों के वि.वा. बलों की तुलना करना
उपकरण (Apparatus):
विभवमापी, संचायक सेल, डेनियल सेल, लेक्लांशी सेल, धारामापी, संयोजक तार, कुंजी व धारा नियन्त्रक ।
सिद्धान्त (Theory) : E1/E2 = l1/l2
यहाँ E1= लेक्लाशी सेल का वि. वा. बल (वोल्ट में)
E2, = डेनियल सेल का वि. वा. बल (वोल्ट में)
l1 = लेक्लांशी सेल के लिए विभवमापी तार पर सन्तुलित लम्बाई (सेमी. में)
l2 = डेनियल सेल के लिए विभवमापी तार पर सन्तुलित लम्बाई (सेमी. में)
परिपथ चित्र (Circuit Diagram) :
क्रम
संख्या विभवमापी तार पर लेक्लांशी सेल E1 के लिए सन्तुलित लम्बाई l1 सेमी. में विभवमापी तार पर डेनियल सेल E2 के लिए सन्तुलित लम्बाई l2 सेमी. में E1/ E2 = l1 l2
मात्रकहीन माध्य
E1/ E2
मात्रकहीन
1.
2.
3.
4.
5. 420
550
600
760
890 330
450
520
620
710 1.27
1.22
1.26
1.25
1.25
1.25
गणना (Calculations):
प्रथम प्रेक्षण सेट के लिए
l1 = 420 सेमी. , l1 = 330 सेमी.
E1/E2 = 420/330
= 1.27 (मात्रकहीन)
इसी प्रकार पाँचों सेट के लिए अलग-अलग E1/E2 का मान ज्ञात करके माध्य E1/E2 ज्ञात करते हैं।
सत्यापन (Verification):
(a) वोल्ट मीटर से लेक्लांशी सेल का वि.वा. बल ( E1) = 1.41 वोल्ट
(b) वोल्ट मीटर से डेनियल सेल का वि.वा. बल ( E2) = 1.08 वोल्ट
E1 / E2 = 1.30 (मात्रकहीन)
परिणाम (Result) –
दिये गये दो सेलों के वि.वा. बल का अनुपात E1 / E2 = 1.25 (मात्रकहीन) प्राप्त होता है।
सावधानियाँ (Precautions)ः
(1) दोनों प्राथमिक सेलों (डेनियल एवं लेक्लाशी सेल) के सिरे विभवमापी तार के धनात्मक सिरे से जुड़े होने चाहिए।
(2) प्राथमिक परिपथ में प्रयुक्त सीसा संचायक बैटरी का वि.वा.बल प्राथमिक सेलों के वि.वा. बल से अधिक होना चाहिए।
(3) दोनों सेलों के लिए प्रेक्षण सेट लेने की स्थिति में धारा का मान अपरिवर्तित रहना चाहिए।
(4) प्रेक्षण लेने की स्थिति में ही परिपथ में धारा का प्रवाह करना चाहिए अन्यथा अविक्षेप बिन्दु की स्थिति परिवर्तित होती रहती है।
(5) प्रयुक्त धारा नियन्त्रक कम प्रतिरोध का होना चाहिए।
(6) अविक्षेप बिन्दु जहाँ तक संभव हो, अन्तिम तारों पर प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए ताकि विभव प्रवणता कम हो।
(7) प्राथमिक परिपथ में प्रतिरोध बॉक्स को प्रयुक्त नहीं करना चाहिए।
(8) विभवमापी तार का अनुप्रस्थ काट सभी स्थानों पर एक समान होना चाहिए।
(9) सभी सम्बन्ध कसे हुए होने चाहिये।
(10) जौकी को विभवमापी के तार पर रगड़ना नहीं चाहिये।
(11) प्रयोग के दौरान प्राथमिक सेलों को हिलाना नहीं चाहिये।
(प्रयोग-5)
उद्देश्य (Object):
विभवमापी द्वारा प्राथमिक सेल का आन्तरिक प्रतिरोध ज्ञात करना।
उपकरण (Apparatus):
विभवमापी, धारामापी, सीसा संचायक सेल, प्राथमिक सेल (लेक्लांशी सेल), प्रतिरोध बॉक्स, कुंजी तथा संयोजक तार आदि। परिपथ चित्र (Circuit Diagram):
जहां
AB = विभवमापी तार Ep = संचायक सेल E = प्राथमिक सेल KI , K2 = कुंजियां R , = धारा नियंत्रक
G = धारामापी . R.B. = प्रतिरोध बॉक्स J = विसपी कुंजी
सिद्धान्त (Theory) :
चूंकि सेल का आन्तरिक प्रतिरोध r = (E–V) / V × R …….(1)
जहां E = सेल का वि.वा. बल तथा V = प्रतिरोध R में सेल से धारा प्रवाहित करने पर सेल की टर्मिनल वोल्टता।
यदि सेल के खुले परिपथ (कुंजी K2 की डॉट हटी हो) में सेल के विद्युत वाहक बल E के लिए संतुलन लम्बाई l1 तथा विभव प्रवणता x है, तो E = x l2 …….(2)
तथा यदि प्रतिरोध बॉक्स में प्रयुक्त प्रतिरोध R के लिए सेल के बन्द परिपथ में होने पर (कुंजी K2 की डॉट लगी हो) संतुलन लम्बाई l2 है तो V = x l2 …….(3)
समीकरण (1), (2) व (3) से
सेल का आन्तरिक प्रतिरोध – r = (l1– l2 / l2) R
प्रेक्षण (Observations): सारणी
क्रम
संख्या तार पर संतुलित लम्बाई जब सेल खुले परिपथ में है, l1 सेमी. में तार पर संतुलित लम्बाई जब सेल बन्द परिपथ में है, l2 सेमी. में प्रतिरोध बाॅक्स (R.B) में प्रतिरोध R (ओम) सेल का आन्तरिक प्रतिरोध
r = (l1- l2/ l2)R
(ओम)
1.
2.
3.
4.
5. 957.2
957.2
957.2
957.2
957.2 268.2
301.0
467.0
666.0
826.0 2
4
6
8
10 5.13
8.72
6.29
3.49
1.58
गणना (Calentations):
प्रथम प्रेक्षण के लिए, स1 = 957.2 सेमी., l2 = 268.2 सेमी.. R = 2 ओम
अतः R = (l1– l2 / l2) × R = (957.2 – 268.2/268.2) × 2 = 5.13 ओम
.
(इसी प्रकार प्रत्येक प्रेक्षण सेट के लिए r की गणना करें।)
परिणाम (Result) – दिये गये प्राथमिक सेल का आन्तरिक प्रतिरोध 1.58 ओम से 8.72 ओम तक परिवर्तित होता है।
सावधानियां (erecautions)
(1) प्रेक्षण न लेने की स्थिति में प्राथमिक सेल से जस्ते की छड़ को बाहर निकाल देनी चाहिए।
(2) प्रतिरोध बॉक्स में से प्रतिरोध R के मान को अधिक नहीं निकालना चाहिए। प्रतिरोध R का मान प्राथमिक सेल के
आन्तरिक प्रतिरोध की परास का होना चाहिए।
(3) विभवमापी तार के धनात्मक सिरे से ही प्राथमिक सेल का धनात्मक सिरा जुड़ा होना चाहिए।
(4) जौकी को तार पर दबाकर नहीं खिसकाना चाहिए।
(5) प्रयोग के दौरान धारा नियन्त्रक के प्रतिरोध का मान एक ही रहना चाहिए।
(6) विमवमापी की सुग्राहिता बढ़ाने के लिए धारा नियन्त्रक से l1 का मान अन्तिम तार पर प्राप्त करना चाहिए।
(7) प्रयोग के दौरान सेल को हिलाना नहीं चाहिए।
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