हिंदी माध्यम नोट्स
Categories: Physics
थॉमसन विधि द्वारा इलेक्ट्रॉन के विशष्ट आवेश (e/m) का मान (Thomson’s method – specific charge (e/m) in hindi)
(Thomson’s method – specific charge (e/m) of an electron in hindi) थॉमसन विधि द्वारा इलेक्ट्रॉन के विशष्ट आवेश (e/m) का मान ज्ञात करना : सन 1897 में जे.जे. थॉमसन ने कैथोड किरणों के लिए अर्थात इलेक्ट्रान के विशिष्ट आवेश का मान ज्ञात किया।
इलेक्ट्रॉन का विशिष्ट आवेश : इकाई द्रव्यमान पर उपस्थित आवेश को विशिष्ट आवेश कहते है , इसे e/m सूत्र द्वारा लिखा जाता है।
परिभाषा के लिए m = 1 तो विशिष्ट आवेश = e हो जाता है।
अत: इकाई द्रव्यमान पर उपस्थित आवेश के मान को ही विशिष्ट आवेश कहा जाता है।
थॉमसन ने बताया कि इलेक्ट्रॉन का विशिष्ट आवेश का मान अर्थात e/m का मान विसर्जन नलिका में इस्तेमाल की गयी गैस और इलेक्ट्रोड की प्रवृति पर निर्भर नहीं करता है।
सिद्धांत : कैथोड किरणें , चुम्बकीय क्षेत्र तथा विद्युत क्षेत्र के द्वारा विक्षेपित हो जाती है और इसी का प्रयोग इस विधि में e/m का मान ज्ञात करने के लिए किया जाता है।
विद्युत क्षेत्र और चुम्बकीय क्षेत्र एक दुसरे से लम्बवत होते है अत: इनके मध्य इलेक्ट्रॉन पर कार्यरत कुल बल का मान शून्य होता है। इस स्थिति में इलेक्ट्रॉन की गति चुम्बकीय क्षेत्र और विद्युत क्षेत्र दोनों के लम्बवत होता है।
प्रयोगों के आधार पर पाया गया कि e/m का मान नियत रहता है।
संरचना : एक नलिका में तंतु पर उच्च विभव आरोपित किया जाता है ताकि उच्च विभवान्तर के कारण यह इलेक्ट्रान पुंज उत्सर्जित करे , आगे चुम्बकीय क्षेत्र तथा विद्युत क्षेत्र के लिए दो प्लेट लगाईं जाती है जिनकी सहायता से चुम्बकीय व विद्युत क्षेत्र उत्पन्न किया जाता है।
कार्यविधि : इलेक्ट्रान , दोनों ही क्षेत्रों के लम्बवत गति करता है और ये दोनों क्षेत्र एक दुसरे के लम्बवत होते है अत: जब कोई इलेक्ट्रान बीम (पुंज) इन दोनों क्षेत्रों के लम्बवत गति करता है तो यह अविक्षेपित रहता है।
माना इलेक्ट्रान v वेग से दोनों क्षेत्रों के मध्य गति करता है , इस स्थिति में इलेक्ट्रान पर कार्यरत बल का मान शून्य होता है अत: इस स्थिति में इलेक्ट्रान पर लगने वाला विद्युत क्षेत्र के कारण विद्युत बल और चुम्बकीय क्षेत्र के कारण लगने वाला चुम्बकीय बल का मान समान है।
अर्थात
चुम्बकीय बल = विद्युत बल
जब विद्युत क्षेत्र न हो केवल चुम्बकीय क्षेत्र हो तो यह इलेक्ट्रान का पथ परिवर्तित हो जाता है , माना r इलेक्ट्रानों के पथ की त्रिज्या है तो
r = mv/eB
या
e/m = v/rB
समीकरण में v का मान समीकरण 2 से रखने पर
e/m =
E/rB2
E/rB2
इस समीकरण में आरोपित विद्युत क्षेत्र E , चुम्बकीय क्षेत्र B तथा r का मान रखकर हल करने पर थोमसन को विशिष्ट आवेश e/m का मान प्राप्त हुआ।
प्रयोग के द्वारा थोमसन को e/m अर्थात इलेक्ट्रान के विशिष्ट आवेश का मान 1.7 X 1011 c/kg प्राप्त हुआ।
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
4 weeks ago
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
4 weeks ago
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
4 weeks ago
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
4 weeks ago
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
1 month ago
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…
1 month ago