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Categories: Physics

थॉमसन का परमाणु मॉडल , कमियाँ , जे जे थामसन मॉडल सीमाएँ (thomson atomic model in hindi)

(thomson atomic model in hindi) थॉमसन का परमाणु मॉडल , कमियाँ , जे जे थामसन मॉडल सीमाएँ : यह मॉडल जे जे थॉमसन द्वारा इलेक्ट्रॉन की खोज के तुरंत बाद 1904 में प्रस्तावित किया गया था , ध्यान दे कि तब तक परमाणु के नाभिक की खोज नहीं हुई थी इसलिए थॉमसन का परमाणु मॉडल तब तक की उपलब्ध जानकारियों के आधार पर दिया गया था। उस समय तक परमाणु के बारे में दो जानकारियां उपलब्ध थी पहली ये की परमाणु उदासीन होता है और दूसरी यह कि परमाणु में ऋणात्मक आवेश (इलेक्ट्रॉन) विद्यमान रहते है।
थॉमसन के परमाणु मॉडल के अनुसार –
परमाणु एक ठोस गोला है जिसकी त्रिज्या लगभग 10-10 मीटर कोटि की होती है , परमाणु का सम्पूर्ण द्रव्यमान और धनावेश का मान समान रूप से वितरित रहता है , परमाणु उदासीन रहता है इसलिए इसमें ऋणात्मक आवेश इस प्रकार वितरित रहते है कि ये सम्पूर्ण परमाणु उदासीन रह सके। थॉमसन इस इस मॉडल को प्लम पुडिंग मॉडल भी कहा जाता है।

थॉमसन के परमाणु मॉडल के मुख्य बिंदु

  • परमाणु एक धनावेशित गोला होता है जिसमे इलेक्ट्रान इस प्रकार विद्यमान रहते है कि इसका सम्पूर्ण आवेश शून्य होता है अर्थात परमाणु उदासीन होता है। जैसा चित्र में दिखाया है –
  • परमाणु में उपस्थित धनावेश तथा ऋणावेश , परिमाण में समान होते है इसलिए परमाणु पर कुल आवेश शून्य होता है और परमाणु उदासीन रहता है।
  • इस मॉडल को प्लम पुडिंग मॉडल भी कहते है क्यूंकि थोमसन ने बताया कि जिस प्रकार प्लम पुडिंग या तरबूज में बीज विद्यमान होते है ठीक उसी तरह परमाणु में इलेक्ट्रान विद्यमान रहते है और तरबूज में खाने के भाग की तरह (गुद्देदार हिस्सा) तरह धनावेश उपस्थित रहता है जैसा चित्र में दिखाया है –
इस मॉडल के आधार पर ताप आयनिक उत्सर्जन , प्रकाश विद्युत प्रभाव तथा आयनन की व्याख्या कर दी गयी।
लेकिन इस नियम द्वारा कई घटनाओं को नहीं समझाया जा सका , इस मॉडल की सीमाएं निम्न है –

थॉमसन के परमाणु मॉडल की कमियाँ या सीमाएँ

  • थॉमसन के परमाणु मॉडल के आधार पर रदरफोर्ड का α (अल्फा) प्रकीर्णन प्रयोग की व्याख्या नहीं की जा सकती है।
  • इस मॉडल के द्वारा यह नहीं समझाया जा सकता है कि धनात्मक आवेश ऋणात्मक आवेश को किस प्रकार बांधे रखता है।
  • परमाणु के स्थायित्व को समझाने में यह असमर्थ रहा।
  • इस मॉडल में परमाणु की नाभिक के बारे में कुछ नहीं बताया जा सकता है।
  • इस मॉडल के द्वारा हाइड्रोजन के स्पेक्ट्रम की व्याख्या नहीं की जा सकती है।
इस कमियों के कारण इस मॉडल को अस्वीकृत कर दिया गया।
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