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thevenin theorem in hindi with example definition थेवेनिन का प्रमेय की परिभाषा क्या है उदाहरण सहित
पढ़िए thevenin theorem in hindi with example definition थेवेनिन का प्रमेय की परिभाषा क्या है उदाहरण सहित ?
थेवेनिन- प्रमेय (Thevenin Theorem)
यह प्रमेय किसी द्वि-टर्मिनल जाल के लिये वोल्टता-स्रोत तुल्य परिपथ (voltage source equivalent circuit) प्राप्त करने के लिये प्रयुक्त होती है।
थेवेनिन- प्रमेय के अनुसार ऊर्जा स्रोतों (जनित्र ) तथा प्रतिबाधाओं से युक्त कोई भी द्वि- टर्मिनल रैखिक , व श्रेणीक्रम जाल एक तुल्य परिपथ से प्रतिस्थापित किया जा सकता है जिसमें केवल एक वोल्टता स्रोत में एक प्रतिबाधा Zeq होती है । वोल्टता स्रोत का वि.वा. बल Eeq दिए हुए जाल के टर्मिनलों को खुला रख कर उनके मध्य वोल्टता के तुल्य होता है तथा प्रतिबाधा Zeq इन टर्मिनलों के मध्य मापित प्रतिबाधा होती है। जबकि सब ऊर्जा स्रोत हटा कर उन्हें उनकी आंतरिक प्रतिबाधाओं से प्रतिस्थापित कर दिया गया हो। इस प्रमेय को चित्र (1.8–8) द्वारा निरूपित किया जा सकता है जिसमें Nऊर्जा स्रोतों तथा प्रतिबाधाओं से युक्त द्वि- टर्मिनल जाल है तथा ZL लोड प्रतिबाधा है जो इस जाल से संबंधित की गई है।
व्युत्पत्ति (Proof)
थेवेनिन प्रमेय को सिद्ध करने के लिये मान लीजिये एक जटिल जाल के निष्क्रिय भाग को एक तुल्य स्टार – जाल से प्रतिस्थापित किया गया है। सरलता के लिये इसमें एक ऊर्जा स्रोत ( जनित्र ) E की कल्पना की गई है। इस जनित्र की आंतरिक प्रतिबाधा Zs है। इस जाल के निर्गम टर्मिनलों के मध्य लोड प्रतिबाधा ZL प्रयुक्त किया गया है।
चित्र (1.8-9 ) के परिपथ से निवेशी धारा
Z3 से प्रवाहित धारा (Is – IL ) होगी तथा समान्तर परिपथों में विभाजित धाराओं का अनुपात प्रतिबाधाओं के व्युत्क्रमानुपाती होता है, अत:
समी. ( 4 ) के निरीक्षण से ज्ञात होता है कि लोड प्रतिबाधा Z को हटाने पर अर्थात् निर्गम टर्मिनल खुले रहने पर तथा ऊर्जा स्रोत को केवल उसकी आंतरिक प्रतिबाधा से प्रतिस्थापित करने पर बिन्दु A
अर्थात् लोड से प्रवाहित परिणामी धारा के लिये जटिल परिपथ को Eeq वि.वा. बल के स्रोत तथा श्रेणी क्रम में प्रतिबाधा Zeq से प्रतिस्थापित कर सकते हैं। ये संबंध थेवेनिन प्रमेय की पुष्टि करते हैं।
उदाहरण-चित्र (1.8–11 ) के परिपथ के प्रतिरोध R1 से प्रवाहित धारा का मान थेवेनिन के प्रमेय का उपयोग करके ज्ञात कीजिये।
Using Thevenin’s theorem determine the current flowing through the resistance R1 in the circuit shown in Fig. (1.8-11).
हल- प्रथम चरण में प्रतिरोध R3 को हटा देते हैं (जिस शाखा में धारा का मान ज्ञात करना होता है)। इस स्थिति में परिपथ चित्र (1.8-12) में प्रदर्शित किया गया है तथा A. B निर्गम टर्मिनल की भांति कार्य करेंगे।
द्वितीय चरण में खुले परिपथ में वोल्टता E(AB) = Eeq, A तथा B टर्मिनलों के मध्य ज्ञात करते हैं। किरचॉफ के द्वितीय नियम से
अन्तिम चरण में तुल्य वोल्टता स्रोत का आन्तरित प्रतिरोध Zeg ज्ञात करते हैं। इसके लिये परिपथ में लगे वोल्टता स्रोतों की वोल्टताओं को शून्य कर देते हैं तथा उन्हें उनकी आंतरिक प्रतिबाधाओं से प्रतिस्थापित कर देते हैं। इस प्रश्न में ये आन्तरित प्रतिबाधायें शून्य है । इस स्थिति को चित्र (1.8-13 ) के परिपथ में दर्शाया गया है।
टर्मिनल A तथा B के बीच प्रतिबाधा (प्रतिरोध )
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