JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

ऊष्मा , ऊष्मागतिकी , शून्य नियम , प्रथम , द्वितीय , तृतीय नियम , तंत्र या निकाय , प्रकार , तंत्र के गुण

ऊष्मा (Heat) : कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते है।
यह ऊर्जा कई प्रकार की होती है –
उदाहरण : यांत्रिक ऊर्जा , सौर ऊर्जा , विद्युत ऊर्जा , प्रकाश ऊर्जा आदि।
ऊष्मागतिकी (thermodynamics) : ऊष्मा के प्रवाह के अध्ययन को उष्मागतिकी कहते है।
या
विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत ऊर्जा रूपान्तरण के नियमों का अध्ययन किया जाता है उसे उष्मागतिकी कहते है।
रासायनिक ऊष्मागतिकी : रसायन विज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत भौतिक तथा रासायनिक परिवर्तनों में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है , उसे ‘रासायनिक ऊष्मा गतिकी’ कहते है।
जेम्स जूल के अनुसार किये गए यांत्रिक कार्य का परिमाण (w) , उत्पन्न ऊष्मा के परिमाण (H) के समानुपाती होता है।
अर्थात w ∝ H
w = J.H
यहाँ J = जूल की ऊष्मा का यौगिक तुल्यांक
यदि H = 1 कैलोरी तो ;
W = J
जूल की ऊष्मा का यांत्रिक तुल्यांक कैलोरी ऊष्मा उत्पन्न करने के लिए किये गए कार्य का परिमाण होती है।
1 कैलोरी = 4.185 जूल
1 जूल = 107 अर्ग
1 केलोरी = 4.185 x 107 अर्ग
उष्मागतिकी की विषय वस्तु मुख्य रूप से चार मूलभूत नियमों पर आधारित है –
1. शून्य नियम (zeroth law) : यदि दो वस्तुएं A तथा B किसी तीसरी वस्तु C के साथ पृथक पृथक उष्मीय साम्य में है तो A व B को एक साथ रखने पर वे भी भी परस्पर उष्मीय साम्य में होंगी।

2. प्रथम नियम (first law) : ब्रह्माण्ड की कुल ऊर्जा स्थिर रहती है , अर्थात ऊष्मा को न तो नष्ट किया जा सकता है और न ही उत्पन्न किया जा सकता है केवल एक रूप से दुसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।
3. द्वितीय नियम (second law) : ब्रह्माण्ड की एंट्रोपी लगातार बढ़ रही है।
4. तृतीय नियम (third law) : पूर्ण क्रिस्टलीपदार्थ की परम शून्य ताप पर एंट्रोपी शून्य होती है।
ऊष्मागतिकी की मूल अवधारणायें
i. तंत्र या निकाय (system) : ब्रह्माण्ड का वह भाग जिसका उष्मागतिकी के लिए चयन किया जाता है , तंत्र या निकाय कहलाता है।
ii. परिवेश या पारिपाशर्विक (surroundings) : तंत्र या निकाय के अतिरिक्त ब्रह्माण्ड का शेष भाग परिवेश या पारीपाश्वरिक कहलाता है।
iii. परिसीमा : तंत्र या परिवेश को पृथक करने वाली सीमा रेखा परिसीमा कहलाती है।
परिसीमा वास्तविक या काल्पनिक ली जा सकती है।

तंत्र के प्रकार (types of system)

1. खुला तंत्र (open system) : वह तंत्र जो अपने परिवेश से ऊर्जा तथा द्रव्य दोनों का आदान प्रदान कर सके , खुला तंत्र कहलाता है।
2. बंद तंत्र (closed system) : वह तंत्र जो अपने परिवेश से ऊर्जा का तो आदान प्रदान कर सकता है लेकिन द्रव्य का नहीं , बंद तंत्र कहलाता है।
3. विलगित तंत्र (isolated system) : वह तंत्र जो अपने परिवेश से उर्जा तथा द्रव्य दोनों का ही आदान प्रदान नहीं कर सकता , विलगित तंत्र कहलाता है।
अर्थात
इस तंत्र में पदार्थ की मात्रा व ऊर्जा स्थित रहती है।
4. समांगी तंत्र (homogeneous system) : वह तंत्र जिसके प्रत्येक भाग का रासायनिक संघटन एवं प्रत्येक भाग के गुण समान होते है उसे समांगी तंत्र कहते है।
5. विसमांगी तंत्र (hetrogeneous system) : वह तंत्र जिसके प्रत्येक भाग का रासायनिक संघठन समान नहीं होता है अर्थात यदि किसी तंत्र में दो या दो से अधिक प्रवस्थाएं होती है तो वह तंत्र विषमांगी तंत्र कहलाता है।

तंत्र के गुण (properties of system)

तंत्र के भौतिक गुणों को दो भागो में वर्गीकृत किया गया है –
1. मात्रात्मक या विस्तीर्ण गुण : किसी तंत्र के वे गुण जो उसमें उपस्थित पदार्थ की मात्रा पर निर्भर नहीं करते बल्कि पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करते है , उन्हें मात्रा स्वतंत्र या विशिष्ट या गहन गुण कहते है।
2. विशिष्ट या मात्रा स्वतंत्र या गहन गुण : किसी तंत्र के वे गुण जो उसमें उपस्थित पदार्थ की मात्रा पर निर्भर करते है , उन्हें मात्रात्मक गुण कहते है।
उदाहरण : आयतन , द्रव्यमान , यांत्रिक उर्जा , एंट्रोपी , एन्थैल्पी आदि।
नोट : किसी पदार्थ की मात्रा से इकाई मात्रा में लिए जाने पर उसके मात्रात्मक गुण विशिष्ट गुण बन जाते है।
तंत्र की अवस्था : किसी तंत्र की अवस्था को निरुपित करने के लिए कुछ गुणों (ताप , दाब , आयतन व संघटन) की आवश्यकता होती है जिन्हें उस तंत्र की अवस्था के चर या परिवर्ती कहते है।
Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

16 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

16 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now