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ऊष्मीय प्रसार : ठोस में उष्मीय प्रसार क्या है (thermal expansion of solids in hindi) , सूत्र , उदाहरण

(thermal expansion of solids in hindi) ऊष्मीय प्रसार : ठोस में उष्मीय प्रसार क्या है , सूत्र , उदाहरण : गर्म होकर पदार्थो के क्षेत्रफल या आयतन आदि में वृद्धि होने की घटना या फैलने की घटना को ऊष्मीय प्रसार कहते है।

जब किसी पदार्थ को ऊष्मा दी जाती है अर्थात गर्म किया जाता है तो इसमें उपस्थित अणुओं के मध्य की दूरी बढती जाती है , जितना अधिक ताप बढ़ाएंगे अणुओं के मध्य की दूरी भी उतनी ही अधिक बढती है , अणुओं के मध्य यह दूरी बढ़ने से पदार्थ की लम्बाई।  चौड़ाई तथा आयतन में वृद्धि होती है , ऊष्मा पाकर पदार्थो के आयतन , क्षेत्रफल , लम्बाई।  चौड़ाई आदि में वृद्धि होने अर्थात फैलने की घटना को ही पदार्थ का ऊष्मीय प्रसार कहते है। अधिकतर पदार्थ ऊष्मा पाने पर फैलते है और ठन्डे होने पर सिकुड़ने की प्रवृति रखते है।

इसका उदाहरण देखने के लिए हम यह कर सकते है जब किसी बोतल का ढक्कन बहुत अधिक टाइट बंद किया हुआ हो तो इस बंद बोतल को उल्टा करके गर्म पानी में कुछ देर डुबो लेने से यह ढक्कन आसानी से खुल जाता है क्योंकि इसका ढक्कन धातु पदार्थ का बना होता है जो ऊष्मा पाकर कुछ फ़ैल जाता है और यह आसानी से खुल जाता है।

ठीक इसी प्रकार हम थर्मामीटर का उदाहरण भी देख सकते है जिसमे मर्करी भरी हुई होती है , जब इस थर्मामीटर को किसी गर्म पानी में डुबोया जाता है तो मरकरी का स्तर बढ़ता जाता है क्योंकि यह ऊष्मा पाकर फ़ैल जाती है तथा जब इसे गर्म पानी से बाहर निकाल लिया जाता है तो ताप कम होने पर यह मर्करी का स्तर पुन: निचे गिरने लगता है क्योंकि ठण्ड में पदार्थ सिकुड़ने का व्यवहार करती है।

ठोसों में उष्मीय प्रसार (linear thermal expansion of solids)

जब ठोस की सामान्य अवस्था का अध्ययन किया जाता है तो इसमें अणु बहुत पास पास स्थित होते है , जब किसी ठोस को ऊष्मा दी जाती है तो इन अणुओं में गतिज ऊर्जा का मान बढ़ जाता है और इस गतिज ऊर्जा में वृद्धि के कारण ये अपने पास स्थित अणुओं को दूर करने का प्रयास करते है जिससे सामान्य अवस्था की तुलना में अणुओं के मध्य की दूरी बढ़ जाती है और पदार्थ फ़ैल जाता है इसे ही ठोस में उष्मीय प्रसार कहते है।
ठोसों का प्रसार तीन प्रकार से होता है –
1. ठोस का रेखीय प्रसार (linear thermal expansion of solids)
2. ठोस का क्षेत्रीय प्रसार
3. ठोस का आयतन प्रसार
अब हम यहाँ इन तीनों ठोसो के प्रकार को विस्तार से अध्ययन करते है।

1. ठोस का रेखीय प्रसार (linear thermal expansion of solids)

किसी ठोस में उसकी लम्बाई में होने वाले प्रसार को रेखीय प्रसार कहते है , जब किसी तार या छड को गर्म किया जाता है तो गर्म करने से यह तार अपनी लम्बाई के अनुरूप प्रसारित होता है इसे ही रेखीय या अनुदैर्ध्य प्रसार कहते है।
इसका उदाहरण हम गर्मी में दो खम्बो के मध्य लटके तारो में देख सकते है तो गर्मी के समय में ऊष्मा पाकर रेखीय प्रसार के कारण अधिक लम्बे हो जाते है और अधिक लटक जाते है।
यदि किसी तार की लम्बाई L है जो ऊष्मा T पाकर फ़ैल जाता है जिससे इसकी लम्बाई में परिवर्तन आ जाता है इसे निम्न सूत्र द्वारा व्यक्त करते है –
लम्बाई में परिवर्तन = αLT
यहाँ α = तार या छड के पदार्थ का रेखीय प्रसार गुणांक कहलाता है।

2. ठोस का क्षेत्रीय प्रसार

जब किसी ठोस को गर्म करने पर उस ठोस की लम्बाई तथा चौड़ाई दोनों में प्रसार होता है अर्थात दो विमाओं में प्रसार होता है तो ऐसे प्रसार को ठोस का क्षेत्रीय प्रसार कहते है।
उदाहरण के लिए , जब किसी धातु की बनी चादर को गर्म किया जाता है तो इसके क्षेत्रफल में प्रसार हो जाता है। किसी ठोस का क्षेत्रफल A है जिसको T पर गर्म करने से इसके क्षेत्रफल मे प्रसार हो जाता है जिसे निम्न सूत्र द्वारा लिखते है –
क्षेत्रफल मे प्रसार = βAT
यहाँ β  = ठोस के पदार्थ का क्षेत्रफल प्रसार गुणांक कहते है।

3. ठोस का आयतन प्रसार

जब किसी ठोस को गर्म करने पर इसकी लम्बाई , चौड़ाई तथा मोटाई , तीनो में प्रसार होता है तो इस प्रकार के प्रसार को ठोस का आयतन प्रसार कहते है। अर्थात गर्म करने से ठोस के आयतन में प्रसार होता है।
उदाहरण  – जब किसी लोहे की गेंद को गर्म किया जाता है तो इसके आयतन में वृद्धि अर्थात प्रसार हो जाता है।
माना किसी ठोस का आयतन V है जब इसे T ताप पर गर्म किया जाता है तो इसके आयतन में प्रसार हो जाता है जिसे निम्न सूत्र द्वारा ज्ञात करते है –
आयतन में परिवर्तन = γVT
यहाँ γ को ठोस पदार्थ का आयतन प्रसार गुणांक कहते है।
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