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The Virgin and Child with Saint Anne in hindi वर्जिन एंड द चाइल्ड विद सेंट एन पेंटिंग किसने बनाई थी

जाने The Virgin and Child with Saint Anne in hindi वर्जिन एंड द चाइल्ड विद सेंट एन पेंटिंग किसने बनाई थी  ?

प्रश्न: वर्जिन एन्ड द चाइल्ड विद सेन्ट एन
उत्तर: विश्व प्रसिद्ध इस चित्र को पुनर्जागरणकालीन चित्रकार लियोनार्डो दे विन्ची ने बनाया था। इसमें मदर मेरी को पुत्र यीशु के साथ संत ऐन के साथ दर्शाया गया है।

प्रश्न: लियोनार्डो दे विन्ची
उत्तर: लियोनार्डो फ्लोरेन्स के विन्ची गांव का रहने वाला था। उसे फ्लोरेन्स में मैडीसी (डमकपबप) परिवार का संरक्षण प्राप्त हुआ। उसके प्रमुख चित्रों में हैं – मोनालीसा, लास्ट सपर, वर्जिन आफ द रॉक्स ‘वर्जिन एण्ड चाइल्ड विध सेन्ट ऐन‘ आदि।
प्रश्न: वर्जिन ऑफ द रॉक्स
उत्तर: विश्व प्रसिद्ध इस चित्र को पुनर्जागरणकालीन चित्रकार लियोनार्डो दे विन्ची ने बनाया था। इस चित्र में वर्जिन मेरी (मरद मेरी) को ईसा व अन्य के साथ चट्टानों के बीच क्रीड़ा करते (खेलते) हुए दर्शाया गया है।

प्रश्न: पुनर्जागरण किस भाषा का शब्द है एवं इसका शब्दिक अर्थ क्या है ?
उत्तर: पुनर्जागरण का अंग्रेजी शब्द Renaissance फ्रेंच भाषा से निकला है, जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘पुनर्जन्म‘/बौद्धिक पुनरुत्थान या पुनः जागना अथवा ‘फिर से जागना‘। ररेनेसां एक राजनीतिक या धार्मिक आंदोलन नहीं था बल्कि यह एक मानसिक क्रांति और सांस्कृतिक आंदोलन था।
प्रश्न: रेनेसां मैन 
उत्तर: ‘रेनेसाँ व्यक्ति‘ शब्द का प्रयोग प्रायः उस मनुष्य के लिए किया जाता है जिसकी अनेक रुचियाँ हों और अनेक हुनर में उसे महारत प्राप्त हो। पुनर्जागरण काल में अनेक महान लोग हुए जो अनेक रुचियाँ रखते थे और कई कलाओं में कुशल थे। उदाहरण के लिए, एक ही व्यक्ति विद्वान, कूटनीतिज्ञ, धर्मशास्त्रज्ञ और कलाकार हो सकता था। जैसे- लियोनार्दो द विंची, माइकल एंजेलो आदि।
प्रश्न: रेनेसां शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किसने व किस संदर्भ में किया।
उत्तर: ‘रेनेसां व्यक्ति‘ शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग जॉनसन टॉमस वैसारी ने किया था। इसका प्रयोग 14वीं शताब्दी में इटली की कला एवं ज्ञान के पुनरुत्थान् के संदर्भ में किया है।
प्रश्न: पुनर्जागरण का अर्थ क्या है?
उत्तर: पुनर्जागरण मानव के स्वातंत्रय प्रिय साहसी विचारों को जो मध्य युग में धर्माधिकारियों द्वारा जकड़े व बंदी लिये गये थे, को व्यक्त करता है। रेनेसां एक राजनीतिक या धार्मिक आंदोलन नहीं था बल्कि यह एक मानसिक क्रांति और सांस्कृतिक आंदोलन था।
प्रश्न: मानववाद से क्या अभिप्राय है?
उत्तर: मानववाद शब्द लेटिन भाषा के भ्नउंदपजपमे से निकला है जिसका शाब्दिक अर्थ है ‘उन्नत ज्ञान।‘ मानववाद का तात्पर्य उस उन्नत ज्ञान से है जिसमें मानवता का माधुर्य और जीवन की वास्तविकता निहित है। पैट्रॉर्क प्रथम मानवतावादी था। इसलिए उसे ‘मानववाद का जन्मदाता‘ (मानववाद का पिता) कहा जाता है।
प्रश्न: पुनर्जागरण का प्रभाव क्या पड़ा?
उत्तर: पुनर्जागरण का सबसे महत्वपूर्ण प्रभाव धार्मिक क्षेत्र था। मध्यकालीन रूढ़ियों व अन्धविश्वास का पतन तथा इसी के प्रभाव स्वरूप भौगोलिक एवं वैज्ञानिक खोजों का मार्ग प्रशस्त हो गया।
प्रश्न: गियोवेनी बोकेचिया कौन था?
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन बोकेचिया को लैटिन गद्य साहित्य का जनक कहा जाता है। इससे डोकेमेरान नामक ग्रंथ लिखा। यह 100 हास्य कहानियों का संग्रह है जो उस समय के समाज का वर्णन करता है।
प्रश्न: लोरेन्जो वाला के बारे में बताइए।
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन लोरेन्जो 16वीं शताब्दी का इटैलियन विद्वान था उसे ऐतिहासिक आलोचना का जनक कहा जाता है। उसने ‘डोनेशन ऑफ कोन्स्टेन्टाइन‘ नामक प्राचीन ग्रंथ की आलोचना की।
प्रश्न: फ्रांस्वा रेबेलास कौन था?
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन रेबेलास 15वीं शताब्दी का एक फ्रांसीसी विद्वान था। उसने गद्य साहित्य को उपन्यास पद्धति में लिखना प्रारंभ किया। इसकी प्रमुख कृति का नाम ‘गर्गन्तुआ एण्ड पेन्टाग्रुअल‘ है जिसमें फ्रांस के दो महान नायकों का वर्णन है। रेबेलास ने समकालीन शिक्षा पद्धति की कड़ी आलोचना की तथा समकालीन समाज का वर्णन किया।
प्रश्न: मोन्टेन व मौत्थे
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन मोन्टेन व मौत्थे फ्रांस के दो प्रमुख निबंधकार थे। इन्होंने विभिन्न विषयों पर निबन्ध लिखे। उदाहरण के लिए प्रेम, रोमांच, देशभक्ति, राजनीति, युद्ध आदि।
प्रश्न: टॉमस मूर
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन ब्रिटिश साहित्यकार जिसने ‘यूटोपिया‘ नामक एक काल्पनिक ग्रंथ लिखा। जिसमें आदर्श राज्य व समाज की कल्पना की गई। यह पुस्तक मूल रूप में लेटिन में लिखी गई परंतु इसका अंग्रेजी में अनुवाद कर दिया गया। उसके अन्य ग्रंथों में हैं – डायलॉग, अपोलॉजी आदि।
प्रश्न: एडमंड स्पेन्सर
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन ब्रिटिश साहित्यकार जिसने फेयरी क्वीन (Faerie Queen) नामक पुस्तक लिखी जिसमें कहानी के नायक प्रिंस आर्थर के गुण दोषों का वर्णन किया गया है।
प्रश्न: सेरेवेन्टीज
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन स्पेनिश साहित्यकार जिसने डॉन क्विक्जोट (Don Quiscate) नामक ग्रंथ लिखा।
प्रश्न: ब्रूनो
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन यह वैज्ञानिक इटैलियन खगोलशास्त्री था। इसने कॉपरनिकस के सिद्धांत का समर्थन किया व उसका प्रचार किया। चर्च ने इसे जिंदा जला देने के आदेश दिये। ब्रूनो 7 वर्ष तक अपने देश से बाहर रहा। जब वह इटली पहुंचा तो उसे जला दिया गया।
प्रश्न: गैलीलियो
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन यह वैज्ञानिक इटली का खगोलशास्त्री था। उ. इटली में पैडवा (Padva) विश्वविद्यालय में प्रोफेसर था। इसने टेलिस्कोप का आविष्कार किया। ग्रहों की गतिविधि का अध्ययन किया। इसने कॉपरनिकस के सिद्धांत का समर्थन किया।
प्रश्न: आइजैक न्यूटन
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन यह एक ब्रिटिश वैज्ञानिक था। इसने अपने ग्रंथ श्प्रिंसीपिया मेथेमेटेसियाश् में दो सिद्धांत दिये (1) गुरूत्वाकर्षण का सिद्धांत तथा (2) गति के नियम का सिद्धान्त।
प्रश्न: रेज दैकार्ते
उत्तर: देकार्ते पुनर्जागरणकालीन फ्रांसीसी दार्शनिक व गणितज्ञ था। इसने बीजगणित का प्रयोग ज्यामिती में करना बताया।
प्रश्न: तारतग्लिया
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन यह इटैलियन गणितज्ञ था। इसने कई गणित के नियम व सिद्धांत दिये।
प्रश्न: स्टेविनस
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन यह हॉलैण्ड (डच) का वैज्ञानिक था। इसने दशमलव प्रणाली का प्रयोग मुद्रा, नाप व तौल आदि में करना सिखाया।
प्रश्न: विलियम गिलबर्ट
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन यह ब्रिटिश वैज्ञानिक था। इसने चुम्बक की खोज कर चुंबकत्व का सिद्धांत दिया।
प्रश्न: हैलमोण्ट
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन यह हालैण्ड का वैज्ञानिक था। इसने ‘गैस‘ शब्द का आविष्कार किया। इसने व्2 गैस की खोज की।
प्रश्न: पैसेटियम
उत्तर: पुनजागरणकालीन हालैण्ड का वैज्ञानिक जिसने मानव शरीर का अध्ययन किया। इसने मानव शरीर की संरचना का अध्ययन किया।
प्रश्न: विलियन हार्वे
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन यह इंग्लैण्ड का वैज्ञानिक था। इसने रक्त परिसंचरण तंत्र की खोज की।
प्रश्न: जोहन नेपियर
उत्तर: पुनर्जागरणकालीन नेपियर स्कॉटलैण्ड का वैज्ञानिक था। इसने स्वह ज्ंइसमे दी। गणित के चिन्ह ($, -, ×, ÷, ( ), v etc.) भी रैनेसा काल में लोकप्रिय हुए। पेण्डुलम का सिद्धांत भी रैनेसा काल की देन है। इसी सिद्धांत से दीवार घड़ी बनाई गई।
प्रश्न: जियटो
उत्तर: जियटो रैनेसाकालीन चित्रकला का प्रथम प्रवर्तक था। उसने प्राकृतिक सौन्दर्य व जनसाधारण से संबंधित चित्र बनाये। पहला चित्रकार जिसने कैनवास (कपड़ा) का प्रयोग किया तथा तैल चित्रों में महारत (दक्षता) प्राप्त की।

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