हिंदी माध्यम नोट्स
Categories: chemistry
रासायनिक अभिक्रिया वेग की ताप पर निर्भरता (अरहेनियस समीकरण) , अभिक्रिया का वेग ताप पर किस प्रकार निर्भर
अभिक्रिया का वेग ताप पर किस प्रकार निर्भर करता है (Temperature dependence of Rate of Reaction) , रासायनिक अभिक्रिया वेग की ताप पर निर्भरता (अरहेनियस समीकरण) : जब हम गैस पर खाना बनाते है तो यदि को कम खोला जाए अर्थात ताप को कम रखा जाए तो हम पाते है कि खाना पकने में अधिक समय लगता है और यदि को यदि खोला जाए तो पाते है कि खाना जल्दी से पक जाता है। इससे हम यह निष्कर्ष तो निकाल सकते है कि जब ताप को बढाया गया तो खाना पकने की प्रक्रिया जल्दी से होती है अर्थात ताप बढाने पर यह प्रक्रिया भी बढ़ जाती है।
अर्थात ताप बढ़ाने पर अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है , किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के वेग की ताप पर निर्भरता को अरहेनियस समीकरण (आर्हेनियस समीकरण) द्वारा आसानी से समझाया जा सकता है।
ताप बढाने पर ऊष्माक्षेपी और ऊष्माशोषी दोनों प्रकार की अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है।
प्रयोगों द्वारा यह पाया गया कि जब किसी अभिक्रिया का ताप लगभग 10 डिग्री सेल्सियस बढाया गया तो अभिक्रिया का वेग लगभग दो गुना हो जाता है , अर्थात जब ताप को 10 डिग्री सेल्सियस बढाया जाता है तो अभिक्रिया का वेग स्थिरांक लगभग दो गुना हो जाता है।
ताप और अभिक्रिया वेग में सम्बन्ध
जब अभिक्रिया में ताप में परिवर्तन किया जाता है तो अभिक्रिया के वेग में भी परिवर्तन हो जाता है , अत: जब किसी अभिक्रिया का ताप बढ़ाया जाता है तो अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए हम देख सकते है कि जब किसी धातु को पिघलाने के लिए जब ताप को बढाया जाता है तो धातु के पिघलने की दर बढ़ जाती है अर्थात ताप को बढ़ाने से धातु तेजी से पिघलने लगता है , अत: हम कह सकते है कि ताप का मान बढाने से अभिक्रिया का वेग बढ़ जाता है।
यह पाया गया कि ताप में लगभग 10° सेल्सियस की वृद्धि की जाती है तो अभिक्रिया का वेग स्थिरांक लगभग दो गुना हो जाता है जिससे अभिक्रिया का वेग भी लगभग दो गुना प्राप्त होता है।
किसी भी रासायनिक अभिक्रिया के वेग की ताप पर निर्भरता को अरहेनियस समीकरण (आर्हेनियस समीकरण) द्वारा समझाया जा सकता है।
आर्रेनियस समीकरण या अरहेनियस समीकरण (आर्हेनियस समीकरण)
यह समीकरण डच के रसायन वैज्ञानिक जे.एच. वानफ हॉफ द्वारा दी गयी थी लेकिन इस समीकरण को स्वीडिश रसायन वैज्ञानिक आर्रेनियस ने इसको सिद्ध करके दिखाया था।
आर्रेनियस की यह समीकरण संघट्ट थ्योरी पर आधारित है , आर्रेनियस की समीकरण निम्न है जो अभिक्रिया के वेग और ताप में एक सम्बन्ध स्थापित करती है।
आर्रेनियस का यह समीकरण बताता है कि ताप में वृद्धि से अभिक्रिया के वेग स्थिरांक में चार घातांकी वृद्धि होती है।
यहाँ
K = अभिक्रिया का वेग स्थिरांक
A = पूर्व चरघातांकी गुणांक या आवृत्ति गुणांक है।
R = गैस स्थिरांक है जिसका मान 8.314 J
K-1mol-1 होता है।
K-1mol-1 होता है।
Ea = संक्रियण उर्जा को दर्शाता है। जिसे जूल/मोल में मापा गया हो।
T = परम ताप है जिसे केल्विन में मापा गया हो।
ताप में लगभग 10 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि करने से अभिक्रिया का वेग लगभग दो गुना बढ़ जाता है इसे हम सामान्य संघट्ट सिद्धांत के द्वारा समझ सकते है , जब ताप को बढाया जाता है तो क्रियाकारक के अणुओं की आवृत्ति बढ़ जाती है अर्थात कणों की टक्करों की दर बढ़ जाती है लेकिन यह वृद्धि लगभग 3% होती है जबकि अभिक्रिया का वेग दो गुना (200%) होता है।
आर्रेनियस ने इसे अपने नियम या समीकरण में निम्न प्रकार समझाया
- आर्रेनियस ने बताया कि किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में उपस्थित सभी कण अभिक्रिया में भाग (हिस्सा) नहीं लेते है , अभिक्रिया में केवल सक्रीय अणु ही भाग लेते है।
- यहाँ सक्रीय अणु , सामान्य अणुओं की तुलना में कुछ अधिक ऊर्जा रखते है और इस अधिक ऊर्जा को सक्रियण ऊर्जा कहते है।
- सक्रियण ऊर्जा को निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है –
सक्रियण ऊर्जा : वह न्यूनतम ऊर्जा जो क्रियाकारक को उत्पाद में बदलने के लिए आवश्यक होती है अर्थात जिन कणों के पास सक्रियण ऊर्जा के समान ऊर्जा होती है केवल वे ही क्रियाकारक उत्पाद में बदल सकते है या अभिक्रिया में भाग लेते है।
- सामान्य अणु भी संघट्टो अर्थात टक्करों के द्वारा सक्रियण ऊर्जा प्राप्त कर लेते है , किसी भी रासायनिक अभिक्रिया का वेग सक्रीय अणुओं की सांद्रता पर निर्भर करता है , अर्थात जिस अभिक्रिया में जितने ज्यादा सक्रीय अणु उपस्थित होते है वह अभिक्रिया उतनी ही अधिक तेजी से संपन्न होती है।
- जब ताप को बढाया जाता है तो सक्रीय अणुओं की संख्या या सांद्रता बढ़ जाती है जिससे अभिक्रिया का वेग भी बढ़ जाता है।
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
17 hours ago
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
17 hours ago
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
2 days ago
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
2 days ago
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
3 months ago
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…
3 months ago