JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

तारीख-ए-फिरोजशाही के लेखक थे , तारीख-ए-फिरोजशाही तथा फतवा-ए-जहाँदारी की रचना किसने की थी ?

tarikh e firoz shahi written by in hindi तारीख-ए-फिरोजशाही के लेखक थे , तारीख-ए-फिरोजशाही तथा फतवा-ए-जहाँदारी की रचना किसने की थी ?

उत्तर : तारीख-ए-फिरोजशाही तथा फतवा-ए-जहाँदारी के रचनाकार जियाउद्दीन बरनी थे |

सल्तनत कालीन कुछ प्रमुख फारसी ग्रंथ एवं उनके रचनाकार निम्नलिखित हैं-
फारसी लेखक    –     रचना
अमीर खुसरो – खजाइन-उल-फुतूह, तुगलकनामा, तारीखेअलाई, मिफ्ताह-उल-फुतूह,
किराईन-उस-सादेन, देवलरानी। आशिका
हसन निजामी – ताज-उल-मासिर
जियाउद्दीन बरनी – तारीख-ए-फिरोजशाही तथा फतवा-ए-जहाँदारी
मिनहाज-उस-सिराज – तबकात-ए-नासिरी
मलिक इसामी – फुतूह-उस-सलातीन
शम्स-ए-सिराज-अफीफ – तारीख-ए-फिरोजशाही
जिया नक्शवी – तृतीनामा
फिरोज तुगलक – फुतूहात-ए-फिरोज शाही (आत्मा कथा)
याहिया बिन अहमद सरहिन्दी – तारीख-ए-मुबारक शाही
नुरूद्दीन मुहम्मद – लुबाब-उल-अल्बाव
जमाली कंबू – सियार-उल-अरीफन (लोदी काल) मिहरू माह
अज्ञात लेखक – सीरत-ए-फिरोजशाही
अहमद यादगार – तारीख-ए-सलातीन-ए-अफगान या तारीख-ए-शाही
नियामतउल्ला – मखजान-ए-अफगाना
आइन-उल-मुल्क – इंशा-ए-महरू
फख-ए-मुदव्विर – अदब-उल-हर्ब
इन फारसी ग्रन्थों से दिल्ली सल्तनत की संपूर्ण जानकारी मिल जाती है।

प्रश्न: सल्तनत काल में फारसी भाषा और साहित्य के विकास पर एक लेख लिखिए।
उत्तर: सल्तनत काल व मगलकाल में प्रशासन की भाषा फारसी थी। दसवीं शताब्दी में भारत में तुर्कों के आगमन के साथ फारसी भाषा का प्रवेश हुआ। दिल्ली सल्तनत की राजकीय भाषा फारसी थी। किन्तु फारसी के अलावा संस्कृत, हिन्दी, उर्दू आदि भाषाओं में भी साहित्य का सृजन हुआ। भक्ति आन्दोलन की वजह से क्षेत्रीय व प्रान्तीय भाषाओं का भी विकास हुआ।
फारसी साहित्य
दिल्ली के सल्तानों ने फारसी के विकास हेतु प्रयत्न किये। लाहौर फारसी भाषा के विकास का प्रमख कोटी जलालददीन खिलजी ने दिल्ली में अमीर खुसरो की अध्यक्षता में फारसी के विकास हेतु राजकीय पुस्तकालय खोला। अमीर खसरो सर्वश्रेष्ठ फारसी कवि था। उसने ऐतिहासिक मसनवी भी लिखी। अमीर खुसरो गर्व के साथ कहता है कि दिल्ली बखारा का बौद्धिक प्रतिस्पर्धी बन गया तथा दिल्ली को हजरत-ए-दिल्ली (पवित्र दिल्ली) तथा श्दसरा स्वर्गी बताता है। महम्मद बिन तुगलक के समय बदरूद्दीन मुहम्मद फारसी का सर्वश्रेष्ठ कवि था। मौला मइनददीन मनी भी अन्य प्रसिद्ध फारसी विद्वान था। जिया नक्शवी ने मुहम्मद बिन तुगलक के समय तूतीनामा नामक ग्रन्थ की रचना की। प्रसिद्ध फारसी कवि जामी ने युसूफ और जुलेखा की प्रेम कहानी का फारसी से संस्कृत में अनुवाद किया जो कि फारसी से संस्कृत में एकमात्र अपवाह है।

प्रश्न: मुगलकाल में संस्कृत साहित्य के विकास में अकबर द्वारा स्थापित ‘अनुवाद विभाग‘ का योगदान बताइए।
उत्तर: अकबर का राजकवि फैजी अपने समय का सर्वश्रेष्ठ कवि था। अकबर ने फैजी के अधीन एक ‘अनुवाद विभाग‘ की स्थापना की। संस्कृत को राज्याश्रय देने वाला अकबर पहला सम्राट था। संस्कृत से फारसी में अनुवादित ग्रंथ निम्न थे। अकबर ने महाभारत का अनुवाद ‘रज्मनामा‘ नाम से कराया। यह अनुवाद मुल्ला शेरी, नकीब खाँ, सुल्तान हाजी और बदायूनी ने किया। यह अनुवाद फैजी के निरीक्षण में सम्पन्न हुआ था। रज्मनामा का अर्थ होता है – युद्धों की पुस्तकों मुकम्मल खाँ गुजराती ने ज्योतिष शास्त्र की एक पुस्तक ‘तजक‘ का ‘जहाँन ए जफर‘ नाम से फारसी में अनुवाद किया। दारा शिकोह ने उपनिषद्, भगवद्गीता और योग्य वशिष्ट का फारसी में अनुवाद किया। शाहजहाँ के समय रामायण का फारसी अनुवाद ‘इबून हरकरण‘ ने किया। अकबर के समय का सर्वश्रेष्ठ कवि गिजाली था। उसके बाद फैजी था। गिजाली की सर्वश्रेष्ठ कृति ‘मानवी-नल ओ-दमन‘ है।
संस्कृत का फारसी में अनुवाद एवं अनुवादक
संस्कृत ग्रंथ फारसी नाम अनुवादक
महाभारत रज्मनामा मुल्लाशेरी, नकीब खाँ, बदायूँनी, शेख सुल्तान हाजी (फैजी
के निर्देशन में महाभारत का अनुवाद हुआ)
रामायण रम्जनामा बदायूँनी, नकीब खाँ, शेख सुल्तान, फैजी
राजतरंगिणी बहरिस्तान-ए-शाही निजामुद्दीन फरिश्ता, अबुल फजल
नलदमयन्ती मसनबी नालोदमन फैजी
अथर्ववेद नल औ दमन हाजी इब्राहिम सरहिन्दी
लीलावती, नल दमयन्ती
भगवद्गीता, योग विशिष्ट,
वेदान्त फैजी
भगवत पुराण राजा टोडरमल
हरिवंश पुराण जमये-ए-रशीदी मौलाना शैरी
राजतरंगिणी बहर-उल-अस्माद मुल्ला शाह मुहम्मद शाहाबादी
राजतरंगिणी अमार दनिश मुल्ला मुहम्मदशाह
भगवद्गीता, योग वशिष्ट दारा शिकोह
52 उपनिषदो का संग्रह सिर्र-ए-अकबर दारा शिकोह
पंचतंत्र अनवर-ए-सदत अबुल फजल
पंचतंत्र अयार दानिश फैजी
कालिया दमन अयार-ए-दानिश अबुल फजल
खगोल (ज्योतिष)ग्रंथ तजक जहाँन-ए-जफर मुम्बल खां गुजराती
पंचतंत्र का फारसा अनुवाद अनवार-ए-सदत नाम से अबल फजल ने किया जबकि पंचतंत्र का अरबी अनुवाद ‘कालीला एवं दिमना‘ कहलाता है जिसका अनुवाद अलबरूनी ने किया था।

प्रश्न: मुगलकाल में हिन्दी साहित्य एवं भाषा के विकास पर एक लेख लिखिए।
उत्तर: अकबर का काल हिन्दी कविता का स्वर्ण युग कहा जाता है। मुगल काल में हिन्दी के दरबारी कवियों में राजा टोडरमल, राजा मानसिह, राजा भगवानदास, अब्दुर रहीम खानखाना, बीरबल प्रमख थे। अन्य समकालीन कवियों में रसखान, नरहरि सहाय महापात्र, अष्टछाप सम्प्रदाय के सूरदास (अंधकवि), तलसीदास, मीरा बाई आदि थे। अब्दुर रहीम खानखाना ने ‘रहीम सतसई‘ का रचना की। यह मगल दरबार का हिन्दी का सबसे बड़ा कवि था। राजा मानसिंह ने हिन्दी में ‘मानप्रकाश‘ की रचना की। अकबर ने बीरबल को ‘कविराय‘ की उपाधि दी तथा नरहरि सहाय को ‘महापात्र‘ की उपाधि दी। नरहरि ने चैतन्य के जीवन पर आधारित जीवनी ‘भक्ति रत्नाकर‘ की रचना की।
अकबर के समय पद्मसन्दर ने ‘अक्षरशाही अंगार दर्पण‘ लिखा। रसखान ने 1634 ई. में ‘प्रेमवाटिका‘ लिखा। पद्मावत व मृगावत नामक दो श्रेष्ठ हिन्दी ग्रंथों की रचना हुई। मलिक मुहम्मद जायसी का ‘पद्मावत‘ (1540 ई.) हिन्दी का प्रथम ग्रन्थ माना जाता है। तुलसीदास ने अकबर के समय अवधि में ‘रामचरित मानस‘ की रचना की। इसे जार्ज ग्रियर्सन ने ‘हिन्दुस्तान के करोड़ो लोगों की एकमात्र बाइबिल बताया है।‘ तुलसीदास ने विनय पत्रिका, कवितावली, दोहावली, गीतावली आदि भी लिखी। अकबर के समकालीन होते हए भी आइने-अकबरी में तुलसीदास का उल्लेख नहीं है। आगरा निवासी सूरदास ‘अष्टछाप‘ के सर्वश्रेष्ठ कवि थे। अष्ट छाप कृष्ण भक्ति के मुख्य प्रवर्तक वल्लभाचार्य के आठ प्रमुख अनुयायी था ये सब सामूहिक रूप से अष्टछाप के नाम से विख्यात हए। विद्वानों का मानना है कि सूरदास ने कल सवा लाख पदों की रचना की। किन्तु इनमें से दस हजार पद ही उपलब्ध हैं। सरदास ने सूरसागर की रचना की। अष्टछाप के अन्य कवियों में ‘राम पंचाध्यायी‘ के रचियता ‘नन्ददास‘ गद्य में ‘चैरासी वैष्णवों की वार्ता‘ के लेखक विट्ठलनाथ थे तथा अन्य प्रमुख कवि परमानन्ददास, कुम्भदास और ‘रसखान‘ थे।
वृक्षराज, राजा सूरजसिंह, जगत रूप गोसाई, राम मनोहरलाल, बिशनदास आदि जहाँगीर के समय के प्रमुख कवि थे। बूटा या वृक्षराज नामक कवि जहाँगीर का विशेष कृपापात्र था। जहाँगीर का भाई दानियाल हिन्दी में कविता करता था। प्रसिद्ध हिन्दी कवि आचार्य बिहारी को आमेर के मिर्जा राजा जयसिंह ने संरक्षण दिया जिसने ‘बिहारी सतसई‘ की रचना की। कवि जटमल ने गोराबादल की कथा लिखी। जगन्नाथ को ‘पंडितराज‘ की उपाधि दी गई। कवि केशवदास जहांगीर के समय का श्रेष्ठ कवि था, उसने रागचन्द्रिका, वीरसिंह देवचरित, जहाँगीर जसचन्द्रिका, रत्नबावनी की तथा मतिराम ने फूलमंजरी की रचना की। शाहजहाँ के दरबारी कवि पण्डित जगन्नाथ ने ‘रसगंगाधर‘ एवं ‘गंगालहरी‘ की रचना की।
शाहजहाँ ने हिन्दी कवियों सुन्दरदास व चिन्तामणि को भी राजकीय संरक्षण प्रदान किया। सुन्दरदास ने सुन्दर श्रृंगार, सिंहासन बत्तीसी, बारहमासा, बावनी आदि की रचना की। सुन्दरदास को ‘कविराय‘ तथा ‘महाकविराय‘ की उपाधि प्रदान की।

Sbistudy

Recent Posts

द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन क्या हैं differential equations of second order and special functions in hindi

अध्याय - द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन (Differential Equations of Second Order…

7 hours ago

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

3 days ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

5 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

1 week ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

1 week ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now