प्राणियों में संरचनात्मक संगठन नोट्स कक्षा 11 जीव विज्ञान structural organisation in animals notes pdf in hindi
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प्राणियों में संरचनात्मक संगठन pdf download
प्राणियों में संरचनात्मक संगठन (Structural Organization in Animals) प्राणियों की शारीरिक संरचना और तंत्र को वर्णित करता है। प्राणियों की संरचनात्मक संगठन में कई स्तर हो सकते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं कोशिकागत, ऊतकों गत, अंगों गत, उपकोशिकागत और व्यवस्थागत संगठन। ये संगठनिक स्तर एक-दूसरे को पूरक भी हो सकते हैं।
1. कोशिकागत संगठन (Cellular Organization): प्राणियों की सबसे निम्न संरचनात्मक संगठन कोशिकागत होती है। सभी प्राणियों के शरीर के निर्माण के लिए एक या अधिक कोशिकाएं होती हैं। कोशिकागत संरचना उनके निर्माण, कार्य, और विभिन्न प्रकार के उपकरणों के बीच संचालन और संवाहन को संभव बनाती है।
2. ऊतकों गत संगठन (Tissue Organization): ऊतकों गत संगठन में कई समान कोशिकाएं मिलकर एक विशेष कार्य को सम्पादित करती हैं। प्राणियों में कई प्रकार के ऊतक होते हैं, जैसे ईपिथीलियल ऊतक (चर्मवर्ण ऊतक), मांसपेशी ऊतक, नर्वीय ऊतक और शरीर के अन्य ऊतक। ऊतकों गत संगठन शरीर की विभिन्न कार्यों को संभालता है, जैसे ऊतकों का रखरखाव, संवाहना, संयोजन और कार्यों के लिए ऊर्जा प्रदान करना।
3. अंगों गत संगठन (Organ System Organization): प्राणियों में अंगों गत संगठन में विभिन्न ऊतकों का संयोजन होता है, जो एक साथ कार्य करते हैं और एक विशेष कार्य को सम्पादित करते हैं। उदाहरण के लिए, हृदय प्रणाली, मस्तिष्क प्रणाली, श्वसन प्रणाली आदि। अंगों गत संगठन में विभिन्न अंग संबंधित कार्यों को संभालते हैं, जैसे ऊर्जा प्रदान करना, संचालन करना, वायुमंडल के अदांज में जीवन शक्ति को बनाए रखना आदि।
4. उपकोशिकागत संगठन (Subcellular Organization): उपकोशिकागत संगठन में ऊतकों के भीतर कोशिकागत संरचनाएं होती हैं। उपकोशिकाएं अक्सर घटकों, अंशों, अणुओं आदि को सम्मिलित करती हैं, जो की कोशिकागत स्तर पर कार्य करते हैं। इनमें मितोकंद्रिया, गोलगोली बॉडी, रीबोसोम, लाइसोसोम आदि शामिल हो सकते हैं।
5. व्यवस्थागत संगठन (Systemic Organization): व्यवस्थागत संगठन में प्राणी के विभिन्न अंगों गत संगठन को एक संगठित तरीके से एकत्रित किया जाता है। इसका उदाहरण मानव में नसों का संघटन है, जहां नसें एकत्र होकर नस संघटन को बनाती हैं। व्यवस्थागत संगठन प्राणी के पूरे शरीर के कार्यों को संभालता है, जैसे पाचन प्रणाली, न्यूरोलॉजिकल प्रणाली, संवाहन प्रणाली, इम्यून सिस्टम, आदि।
इस प्रकार, प्राणियों में संरचनात्मक संगठन कई स्तरों पर होता है, जो एक-दूसरे के साथ मिलकर संघटित होकर प्राणी को उच्च स्तर पर कार्य करने की क्षमता प्रदान करता है।
उपकला ऊतक
उपकला ऊतक (Subcallosal organ) एक प्राणी के संरचनात्मक संगठन का एक उदाहरण है। यह ऊतक मुख्य रूप से समुद्री जन्तुओं, जैसे केफलोपोड क्रस्टेशियां (Cephalopod crustaceans) और केफलोपोड मोलस्क (Cephalopod mollusks) में पाया जाता है।
उपकला ऊतक शरीर के अंदर स्थित होता है और मस्तिष्क के स्थानान्तरण केंद्र से संबंधित होता है। यह ऊतक खाद्य वस्त्र की प्रसंस्करण और प्रतिस्पर्धी रूप से स्नान की अवधारणा करने की क्षमता रखता है। उपकला ऊतक के माध्यम से, इन समुद्री जीवों को अपने आसपासी वातावरण में अनुकूलता और संभाव्य खतरों के साथ सही रहने की क्षमता प्राप्त होती है।
यह ऊतक मस्तिष्क के निचले भाग के नीचे स्थित होता है और ऊतक के आधिकारिक नाम “subcallosal organ” है। यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह मस्तिष्क के ऊतक को छूता है, जिसे “callosum” कहा जाता है। यह ऊतक नर्वीय प्रणाली के संचालन और समुद्री जीवों के व्यवहार के लिए महत्वपूर्ण होता है।
इस प्रकार, उपकला ऊतक एक उपकोशिकागत संगठन है जो समुद्री जीवों में पाया जाता है और उन्हें मस्तिष्क के संचालन और प्रतिक्रिया में सहायता प्रदान करता है।
सरल स्क्वेमस परती ऊतक (Simple Squamous Epithelial Tissue) हमारे शरीर के एक प्रकार का ऊतक है जो एक सतहित आकार (flat shape) की सेलों से मिलकर बना होता है। इसे हिंदी में “सरल छक्कीय परती ऊतक” भी कहा जाता है। यह ऊतक शरीर के विभिन्न भागों में पाया जा सकता है, जैसे इंटरनल ऑर्गन्स की परतों में (लंगर, वृत्त ब्रॉंचियोलस, दिल की परतें) और बाह्य ऑर्गनों की परतों में (किडनी की परत, खांसी, योनि की परत)।
सरल स्क्वेमस परती ऊतक की मुख्य विशेषता यह है कि इसमें सेलें एकत्र होकर एक बारीक परत बनाती हैं, जिसमें सेलों के बीच बहुत कम खाली स्थान होता है। इस प्रकार, यह ऊतक मुख्य रूप से संरक्षण, संवाहन और विमर्श के कार्यों में शामिल होता है। इसके अलावा, यह ऊतक पानी और रसायनिक पदार्थों की पारगमन में भी सहायता प्रदान करता है। यह ऊतक मुक्त नर्वों को रक्षा करने और संरक्षण करने का कार्य भी करता है।
Simple cuboidal epithelial tissue in hindi
सरल घनगोल परती ऊतक (Simple Cuboidal Epithelial Tissue) हिंदी में कहा जाता है। यह एक प्रकार का ऊतक है जो घनगोल आकार की सेलों से मिलकर बना होता है। यह परती ऊतक हमारे शरीर के विभिन्न भागों में पाया जाता है, जैसे किडनी, थाइरॉयड ग्रंथि, श्रोणि, ब्रोंकस, गल्ब्लडर, अप्पेंडिक्स, आदि।
सरल घनगोल परती ऊतक की सेलें घनगोल आकार की होती हैं, जिनमें ऊतक की परतों के गोलाकार कोशिकाएं होती हैं। इन कोशिकाओं के पास समान आकार और अवस्थान होते हैं, जिसके कारण इस ऊतक का नाम “घनगोल” परती ऊतक है।
सरल घनगोल परती ऊतक की मुख्य विशेषता होती है कि इसमें सेलें एकत्र होकर एक गोलाकार परत बनाती हैं, जिसमें सेलों के बीच थोड़ा खाली स्थान होता है। यह ऊतक मुख्य रूप से संरक्षण, संवाहन और विमर्श के कार्यों में शामिल होता है। इसके अलावा, यह ऊतक रसायनिक पदार्थों के पारगमन में सहायता प्रदान करता है और ऊतकों को संभालता है। यह ऊतक उत्कृष्ट प्रतिस्पर्धा और अवसंरचना प्रदान करता है।
Simple columnar epithelium in hindi
सरल स्तंभीय परती ऊतक (Simple Columnar Epithelial Tissue) हिंदी में कहा जाता है। यह एक प्रकार का ऊतक है जो ऊंचाईशीर्षक आकार की सेलों से मिलकर बना होता है। यह परती ऊतक हमारे शरीर के विभिन्न भागों में पाया जाता है, जैसे आंत, ग्रेस्ट्राइनल ट्रैक्ट, फ़लोपियन ट्यूब, ज्ञानात्मक गुदा, और मूत्रमार्ग।
सरल स्तंभीय परती ऊतक की सेलें ऊंचाईशीर्षक आकार की होती हैं, जिनमें सेलों की ऊंचाई उनकी चौड़ाई से अधिक होती है। इन कोशिकाओं के निचले भाग में सीतलीकृत नाली रहती है जिसे गोभी या वज्रायु कहा जाता है।
सरल स्तंभीय परती ऊतक की मुख्य विशेषता होती है कि इसमें सेलें एकत्र होकर एक लंबवत ऊंचाईशीर्षक परत बनाती हैं, जिसमें सेलों के बीच थोड़ा खाली स्थान होता है। यह ऊतक मुख्य रूप से संरक्षण, संवाहन, विमर्श, और खाद्य सदंतुष्टि के कार्यों में शामिल होता है। इसके अलावा, यह ऊतक संतृप्त होने, अवशोषण करने, और पदार्थों को पारगमन करने में मदद करता है। यह ऊतक भी आंत की ऊत्पीड़न और संरक्षण में सहायता प्रदान करता है।
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