JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

इस्पात (steel) के प्रकार व उपयोगिता , Zn (जिंक) धातु के उपयोग , Cu (कॉपर) , Al (एल्युमिनियम) ,Fe के उपयोग

(steel types and uses in hindi) इस्पात (steel) के प्रकार व उपयोगिता : इस्पात के प्रकार व उनकी उपयोगिता निम्न प्रकार है –

स्टेनलेस स्टील – 73% Fe + 08% Ni + 18% Cr + 1% C है।

इस्पात के उपयोग : ऑटोमोबाइल के पुर्जे , साइकिल , घडी , ब्लेड निर्माण के लिए।

निकेल स्टील – 97% Fe + 2.5% Ni + 0.5% C

उपयोग : वायुयानों के पुर्जे , गियर , ड्रिलिंग मशीन के निर्माण में।

टंग्स्टन स्टील : 94% Fe + 5% W + 1% C

use : उच्च दाब पर काटने वाले औजार निर्माण में।

मैग्नीज स्टील : 86% Fe + 13% Mn + 1% C

उपयोग : मजबूत तिजोरी , रेलवे लाइनों के निर्माण में।

इन्वार : 64% Fe + 36% Ni

use : पेंडुलम , मापक यन्त्र व मीटर स्केल के निर्माण में।

कोम स्टील : 98% Fe + 2% Cr

use : काटने की रेती व बेयरिंग के निर्माण में।

Zn (जिंक) धातु के उपयोग

  • बैटरियो में।
  • Ag व Au धातु के निष्कर्षण में (सायनाइड प्रक्रम)
  • लोहे के गैल्वेनिकरण में (Fe पर Zn की परत चढ़ाना)
  • मिश्र धातु जैसे – पीतल , जर्मन सिल्वर के निर्माण में
  • Zn चूर्ण का उपयोग अपचायक के रूप में।

Cu (कॉपर) धातु का उपयोग

  • कवकनाशी के रूप में जैसे – CuSO4
  • सोने व चाँदी के आभूषणों को कठोर बनाने में।
  • विद्युत का सुचालक होने के कारण , विद्युत केबल एवं कैलोरीमापी के निर्माण में।

Al (एल्युमिनियम) का उपयोग

  • वेल्डिंग कार्य में अपचायक के रूप में।
  • सिगरेट , चोकलेट के रैपर (पतली पन्नी) बनाने में।
  • विद्युत के तार , डायनमो व मोटर की कोइल के निर्माण में।
  • Cr व Mn धातु के निष्कर्षण में
  • Al चूर्ण का उपयोग point (प्रलेप) में

Fe के उपयोग

  • ढलवा लोहे का उपयोग : रेलवे के स्लिपर कोच , गटर पाइप बनाने में।
  • पिटवा लोहे का उपयोग : तार , चेन , कील , नट – बोल्ट , जाली के निर्माण में

प्रश्न 1 : जर्मन सिल्वर का संघटन लिखिए।

उत्तर : Cu (25-30%) + Zn (25-30%) + Ni (40-50%) होता है।

प्रश्न 2 : कॉपरमेट को सिलिका (SiO2) की परत चढ़े बेसेमर परिवर्तित में अपचयित किया जाता है क्यों ?

उत्तर : कॉपर मेट में FeO की अशुद्धि होती है तथा बेसेमर परिवर्तित्र के भीतरी सतह पर उपस्थित सिलिका का स्तर गालक का कार्य करता है।  अत: इस प्रक्रम में FeO की अगलनीय अशुद्धि गालक रुपी SiO2 अस्तर से क्रिया करके धातुमल बना लेती है।  इस धातुमल को धातु से पृथक कर देते है।

FeO + SiO2 → FeSiO3

प्रश्न 3 : एल्युमिनियम के धातुकर्म में निम्न लिखित की उपयोगिता बताइये।

(i) क्रायोलाइट

(ii) कार्बन चूर्ण (कॉक चूर्ण)

(iii) ग्रेफाइट छड

उत्तर: (i) क्रायोलाइट की भूमिका : यह शुद्ध एलुमिना के गलनांक को कम कर देता है।  यह शुद्ध एलुमिना को विद्युत का सुचालक बना देता है।

(ii) कार्बन चूर्ण (कॉक चूर्ण) की भूमिका : गलित मिश्रण को ठंडा होने से बचाता है।  एनोड की खपत को कम कर देता है।

(iii) ग्रेफाइट छड की भूमिका : ये एनोड का कार्य करती है। एलुमिना के अपचयन में सहायक है।

प्रश्न 4 : निम्न लिखित के उदाहरण देते हुए परिभाषित कीजिये।

(i) उताप धातुकर्म (pyrometallurgy)

(ii) विद्युत धातुकर्म (electro metallurgy)

(iii) जल धातुकर्म (hydrometallurgy)

उत्तर : (i) उताप धातुकर्म (pyrometallurgy) : धातु ऑक्साइड अयस्क में अपचायक पदार्थ मिलाकर उसे तीव्र गर्म करके अपचयन द्वारा धातु में परिवर्तित करने की प्रक्रिया , उताप धातुकर्म कहलाती है।

उदाहरण : Fe2O3 + 3C → 2Fe + 3CO

(ii) विद्युत धातुकर्म (electro metallurgy) : अधिक क्रियाशील धातुओ के गलित लवण का विद्युत अपघटन करवाकर अपचयन द्वारा धातु में परिवर्तित करने की प्रक्रिया वैद्युत धातुकर्म कहलाती है।

उदाहरण : Na , Mg , Al धातुओ का निष्कर्षण।

(iii) जल धातुकर्म (hydrometallurgy) : इस प्रक्रिया में अशुद्ध धातु अयस्क की क्रिया उपयुक्त विलायक से करवाकर धातु का विलेयशील संकुल प्राप्त करते है।  अब इस विलेयशील संकुल में उपस्थित धातु को किसी अधिक क्रियाशील धातु से प्रतिस्थापित करवाकर शुद्ध धातु प्राप्त करने की प्रक्रिया जल धातुकर्म कहलाती है।

उदाहरण : Ag व Au धातु अयस्को का निक्षालन।

प्रश्न 5 : He , Ar , Ne , Kr , Rn के उपयोग लिखो।

उत्तर : He के उपयोग :

  • आधुनिक गोताखोरी उपकरणों में
  • मौसम प्रेक्षण के लिए काम आने वाले गुब्बारों में भरने में।
  • नाभिकीय रिएक्टरो में शीतलक के रूप में
  • द्रव He का उपयोग अतिचालक चुम्बकत्व उत्पन्न करने में।
  • NMR स्पेक्ट्रोमीटर व MRI (चुम्बकीय अनुनाद प्रतिबिम्ब) में
Ar के उपयोग :
  • उच्च ताप पर धातुकर्मीय प्रक्रमो में अक्रिय वातावरण उत्पन्न करने में।
  • आर्क बेल्डिंग में
Ne के उपयोग : वनस्पति उद्यान व ग्रीनहाउस में निओन बल्बों का उपयोग किया जाता है।
Kr के उपयोग : क्रिप्टोन के बल्बों का उपयोग हवाई अड्डो पर किया जाता है , धुंध व कोहरे में इनकी रौशनी स्पष्ट दिखती है।
Rn के उपयोग : कैंसर के उपचार में।
प्रश्न 6 : कौनसे ऐरोसोल्स ओजोन है ?
उत्तर : क्लोरो फ्लोरो कार्बन , N व S के ऑक्साइड।
प्रश्न 7 : H2O द्रव है जबकि H2S गैस है , क्यों ?
उत्तर : ऑक्सीजन का आकार छोटा व विद्युत ऋणता अधिक होने के कारण H2O में H-बंध बनाने की प्रवृत्ति पायी जाती है इसलिए H2O द्रव है।
जबकि सल्फर का आकार बड़ा व विद्युत ऋणता कम होने के कारण H2S में H–बन्ध बनाने की प्रवृति नहीं पायी जाती है अत: H2S गैस है।
प्रश्न 8 : नाइट्रोजन द्विपरमाणुक अणु (N2) के रूप में पाया जाता है जबकि फास्फोरस चतुर्परमाणुक अणु (P4) के रूप में पाया जाता है , क्यों ?
उत्तर : नाइट्रोजन परमाणु का आकार छोटा व विद्युत ऋणता अधिक होने के कारण इसमें pπ-pπ बंध बनाने की क्षमता अधिक पायी जाती है इसलिए नाइट्रोजन N2 अणु के रूप में पाया जाता है।
जबकि फास्फोरस का आकार बड़ा व विद्युत ऋणता कम होने के कारण इसमें pπ-pπ बन्ध बनाने की क्षमता नहीं पायी जाती है अत: फास्फोरस एकल बंध युक्त P4 अणु के रूप में होता है।
इसी प्रकार O2 है जबकि S8 है।
प्रश्न 9 : सभी हैलोजन रंगीन होते है क्यों ?
उत्तर : क्योंकि हेलोजन को प्रकाश में रखने पर यह दृश्यक क्षेत्र से प्रकाश का अवशोषण करते है , प्रकाश के अवशोषण के कारण इनके बाह्यतम कोश में उपस्थित इलेक्ट्रॉन ऊर्जा पाकर उच्च ऊर्जा स्तर में चले जाते है अत: दृश्यक क्षेत्र से प्रकाश के अवशोषण के कारण यह रंगीन होते है।
तथा विकिरणों के भिन्न भिन्न क्वान्टा अवशोषित करने के कारण इन हैलोजन का रंग भी भिन्न भिन्न होता है।
फ़्लोरिन – पीला
क्लोरिन – हरा पीला
ब्रोमिन – लाल
आयोडीन – बैंगनी
Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now