JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

विशिष्ट अभिक्रिया वेग / वेग स्थिरांक (K) , वेग स्थिरांक (K) की इकाई , वेग नियम / वेग समीकरण / वेग व्यंजक

वेग नियम / वेग समीकरण / वेग व्यंजक : वेग नियम या वेग समीकरण के अनुसार किसी रासायनिक अभिक्रिया का वेग अभिकारको की सांद्रता के गुणनफल के समानुपाती होता है।

अभिक्रिया की वेग समीकरण में अभिकारको के सान्द्रता पदों पर घातांक लिखते है।  यह सांद्रता घातांक अभिकारको के स्टाइकियोमिट्रीक गुणांक के बराबर हो भी सकते है और नहीं भी हो सकते है।

जैसे :

aA + bB → उत्पाद

अभिक्रिया वेग ∝ [A][B]y

समानुपाती (∝) का चिन्ह हटाने पर –

अभिक्रिया वेग = K[A][B]y

यहाँ K = वेग स्थिरांक / विशिष्ट अभिक्रिया वेग

यहाँ A और B अभिकारको के स्टाइकियोमिट्रिक गुणांक है तथा x और y अभिकारको के सांद्रता घातांक है।  ये एक दुसरे के बराबर हो भी सकता है और नही भी।

अत: इससे स्पष्ट है रासायनिक अभिक्रिया को देखकर अभिक्रिया वेग समीकरण नहीं लिख सकते है अत: इसका प्रायोगिक रूप से निर्धारण होता है।

विशिष्ट अभिक्रिया वेग / वेग स्थिरांक (K)

यदि रासायनिक अभिक्रिया की वेग समीकरण में उपस्थित अभिकारको की सांद्रता पदों का गुणनफल इकाई हो तो उस अभिक्रिया का वेग ही विशिष्ट अभिक्रिया वेग कहलाता है।

जैसे  : aA + bB + cC → उत्पाद

अभिक्रिया वेग ∝ [A][B]y [C]z

समानुपाती (∝) का चिन्ह हटाने पर –

अभिक्रिया वेग = K[A][B][C]z

यदि [A][B][C]z = 1 हो तो

अभिक्रिया वेग = K

वेग स्थिरांक (K) की इकाई :-

aA + bB + cC → उत्पाद

अभिक्रिया वेग = K[A][B][C]z

सांद्रता/समय = K x सांद्रता(x + y + z)

K = सांद्रता1-(x+y+z) x समय-1

यदि सांद्रता को मोल लीटर-1 व समय को सेकंड में लेते है तब –

K = (मोल/लीटर)1-(x+y+z) सेकंड-1

K = मोल1-(x+y+z) लीटर(x+y+z)-1सेकंड-1

अभिक्रिया की अणु संख्यता (आण्विकता)

किसी सरल रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले उन अभिकारक अणुओं की संख्या जो रासायनिक अभिक्रिया के दौरान एक साथ टक्कर करते है उन अणुओं की संख्या को अभिक्रिया की अणुसंख्यता कहते है।

2A + B → C अणु संख्या = 2+ 1 = 3

A + B → C , अणु संख्या = 1+1=2

अणु संख्यता का मान 1 , 2 , 3 होने पर इन्हें क्रमशः एकाणुक , द्विअणुक एवं त्रिअणुक अभिक्रिया कहते है।

लेकिन अणुसंख्यता का मान कभी तीन से अधिक नहीं होता क्योंकि रासायनिक अभिक्रिया में एक साथ तीन से अधिक अभिकारक अणुओं के उचित विन्यास में टकराने की सम्भावना नही होती है।

अभिक्रिया की कोटि : किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले उन अभिकारक अणुओं की संख्या जिन पर अभिक्रिया का वेग निर्भर करता है , अभिक्रिया की कोटि कहलाती है।

या

रासायनिक अभिक्रिया की वेग समीकरण में उपस्थित अभिकारको के सांद्रता घातांको का योग , अभिक्रिया की कोटि कहलाती है।

या

किसी रासायनिक अभिक्रिया के वेग निर्धारक पद में उपस्थित अभिकारक अणुओं की संख्या को अभिक्रिया की कोटि कहते है।

2A + B → C , अणुसंख्यता = 2+1 = 3 तथा कोटि = 1+1=2

अभिक्रिया वेग = K[A]1[B]1

अभिक्रिया कोटि का मान 0,1,2 व 3 होने पर इन्हें क्रमशः शून्य कोटि , प्रथम कोटि , द्वितीय कोटि एवं तृतीय कोटि की अभिक्रिया कहते है।

अधिकांश अभिक्रिया की अणु संख्यता व कोटि का मान एक समान होता है लेकिन कुछ अभिक्रिया की अणु संख्यता व कोटि का मान भिन्न भिन्न होता है।

अभिक्रिया की अणुसंख्यता एवं कोटि में अंतर

अणु संख्यता कोटि
1.       किसी सरल रासायनिक अभिक्रिया भाग लेने वाले उन अभिकारक अणुओं की संख्या जो रासायनिक अभिक्रिया के दौरान एक साथ टकराते है , अणुसंख्यता कहलाती है | किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले उन अभिकारक अणुओं की संख्या जिन पर अभिक्रिया का वेग निर्भर करता है , अभिक्रिया की कोटि कहलाती है |
2.       सरल रासायनिक अभिक्रिया में उपस्थित अभिकारको के स्टाइकियोमीट्रिक गुणांको का योग अणु संख्यता कहलाती है | रासायनिक अभिक्रिया की वेग समीकरण में उपस्थित अभिकारको के सांद्रता घातांको का योग ही अभिक्रिया की कोटि कहलाती है |
3.       यह सैद्धांतिक राशि है | यह प्रायोगिक राशि है |
4.       अणु संख्यता का मान कभी शून्य नहीं हो सकता है | कोटि का मान शून्य हो सकता है |
5.       इसका मान पूर्णांक में होता है | इसका मान पूर्णांक या भिन्न संख्या में होता है |
6.       इससे अभिक्रिया वेग का निर्धारण नहीं कर सकते है | इससे अभिक्रिया वेग का निर्धारण कर सकते है |
7.       यह सरल अभिक्रियाओ पर लागू होती है | यह सरल एवं जटिल दोनों अभिक्रियाओ पर लागू होती है |
8.       रासायनिक समीकरण को देखकर अणुसंख्यता बता सकते है | रासायनिक समीकरण को देखकर कोटि नहीं बता सकते है |

छद्म कोटि अभिक्रिया : ऐसी अभिक्रियाएँ जिनमे अणु संख्यता एवं कोटि का मान भिन्न भिन्न हो छद्म कोटि अभिक्रियाएँ कहलाती है।

उदाहरण : जल की सतह पर सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में H2 व Cl2 के मध्य होने वाली अभिक्रिया शून्य कोटि की होती है लेकिन इसकी अणु संख्यता दो है।

उदाहरण 1 :

H2 + Cl2 → 2HCl

अभिक्रिया वेग = K[H2]0[Cl2]0

कोटि = 0

अणु संख्यता = 2

उदाहरण 2 : एस्टर के अम्लीय माध्यम में जल अपघटन प्रथम कोटि की अभिक्रिया है लेकिन इसकी अणुसंख्यता 2 है।

इस अभिक्रिया में जल को आधिक्य में लेते है अत: जल की सांद्रता में कोई मापनीय परिवर्तन नहीं होता है इसलिए अभिक्रिया का वेग केवल एस्टर की सांद्रता पर निर्भर करता है इसलिए यह प्रथम कोटि की अभिक्रिया है।

उदाहरण 3 : N2O5 का अपघटन प्रथम कोटि की अभिक्रिया है लेकिन इसकी अणु संख्यता दो है।

2N2O5 → 4NO2 + O2

अभिक्रिया वेग = K[N2O5]

कोटि = 1

अणु संख्यता = 2

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now