हिंदी माध्यम नोट्स
सार्थक अंक क्या है , परिभाषा , नियम significant figures or digits in hindi , सार्थक अंक पहचानने के 2 नियम
(significant figures or digits or numbers in hindi ) , सार्थक अंक पहचानने के 2 नियम , परिभाषा , नियम , सार्थक अंक डेफिनिशन
सार्थक अंक : जब किसी भौतिक राशि का मापन किया जाता है तो इसे शुद्ध रूप में व्यक्त करने के लिए कुछ अंको की सहायता से लिखा जाता है।
अत:
किसी भौतिक राशि के शुद्ध मापन को व्यक्त करने के लिए जिन अंको का प्रयोग किया जाता है उन अंको को सार्थक अंक कहते है।
अर्थात किसी भौतिक राशि को शुद्ध रूप में व्यक्त करने वाले अंको को ही सार्थक अंक कहते है।
याद रखिये एक सामान्य पैमाने की सहायता से 22.4072643 सेन्टीमीटर को नही मापा जा सकता है , यह आवश्यक नहीं है की इस प्रकार के नम्बर में सभी अंक सार्थक हो , इसलिए इन्हें पूरा नहीं लिखा जाता है , केवल वहाँ तक लिखा जाता है जहाँ तक सार्थक अंक हो।
उदाहरण : जैसे मान लीजिये हमें 3.0015 मीटर लम्बाई की डोरी लेनी है , इसमें हम देख सकते है की सार्थक अंक पाँच है। अगर हम किसी से कहे की सार्थक अंक 4 तक लम्बाई का मापन करना है तो इसका मान 3.001 हो जायेगा , अब हम देख सकते है की दोनों राशियों में अंतर आ गया जिससे इसके मापन में त्रुटि बताई जा सकती है। इसलिए मापन के साथ यह भी बताना आवश्यक है की इसमें कितने सार्थक अंक तक मापन किया गया है या किया जायेगा जिससे मापन ठीक प्रकार से लिखा जा सके।
सार्थक अंक ज्ञात करने के लिए कुछ नियम बनाए गये है जिनकी सहायता से हम किसी संख्या में यह बता सकते है की इसमें कितने सार्थक अंक है , ये नियम निम्न है –
1. सभी अशून्य अंक सार्थक अंक माने जाते है।
किसी भी मापन में 1 से लेकर 9 तक के अंको की संख्या में सभी सार्थक अंक माने जाते है , इस प्रकार का मापन स्केल , थर्मोमीटर आदि में किया जाता है।
जैसे : 35.63 में 4 सार्थक अंक है , 9.25 में 3 सार्थक अंक है।
2. दो अशून्य अंको के मध्य आने वाले सभी शून्य सार्थक अंक माने जाते है।
उदाहरण के लिए 4004 में 4 सार्थक अंक है , इसी प्रकार 2.001 में 4 सार्थक अंक है , हम यहाँ स्पष्ट रूप से देख सकते है की अशून्य अंक 2 व 1 के मध्य 2 जीरो है अत: इस नियमानुसार ये दोनों शून्य भी सार्थक अंक है अत: यहाँ 4 अंक सार्थक बाताएं गये है।
3. किसी भी संख्या में यदि दशमलव बिंदु की स्थिति को बदल दिया जाए तो सार्थक अंको की संख्या में कोई फर्क नहीं पड़ता है। उदाहरण के लिए 4004 में तथा 4.004 में सार्थक अंको संख्या 4 ही होगी।
4. किसी भी संख्या में 10 की घातों को सार्थक अंको में नहीं गिना जाता है जैसे : 2.30 x 10¯5 में सार्थक अंको की संख्या 3 ही है। अर्थात सार्थक अंको में केवल 2.30 को ही ध्यान में रखा जायेगा। घात वाली संख्या में छोड़ दिया जाता है क्यूँकि सार्थक अंको में इसका कोई योगदान नहीं होता है।
5. यदि किसी भौतिक राशि के मापन से कोई ऐसी राशि प्राप्त होती है जिसमे अन्तिम अशून्य अंक के दाई ओर शून्य हो तो सभी दाई ओर स्थित शून्य सार्थक अंक माने जाते है। जैसे किसी वस्तु का भार 2030 है तो इसमें 4 सार्थक अंक है।
6. ऐसी संख्या जो मापन से प्राप्त न हुई हो तथा जिनमे दशमलव न हो तो अशून्य संख्या के दाई ओर स्थित सभी शून्य अंक सार्थक अंक नहीं माने जाते है जैसे : 600000 में केवल 1 सार्थक अंक है।
7. किसी भी दशमलव वाली संख्या में दशमलव के बाद अशून्य संख्या के दाई ओर आने वाले सभी शून्य सार्थक अंक माने जाते है जैसे : 00000.000002000 में चार सार्थक अंक है इसमें अन्तिम अंक 2,0,0,0 सार्थक अंक है।
सार्थक अंक : भौतिक राशि का शुद्ध व निश्चित मान प्रदर्शित करने वाले अंको को सार्थक अंक कहते है।
सार्थक अंको के नियम निम्नलिखित है –
- सभी अशून्य अंक ( non zero number) सार्थक अंक होते है।
संख्या | सार्थक अंक |
17 | 2 |
178 | 3 |
1496 | 4 |
29653 | 5 |
- अशून्य अंको के मध्य सभी शून्य सार्थक अंक होते है।
संख्या | सार्थक अंक |
401 | 3 |
2008 | 4 |
- अंतिम अशून्य अंक के राइट साइड की तरफ सभी शून्य सार्थक अंको की श्रेणी में नहीं आते।
संख्या | सार्थक अंक |
20 | 1 |
200 | 1 |
210 | 2 |
- किसी दशमलव बिंदु के राईट साइड की ओर अशून्य अंक के लेफ्ट साइड की ओर स्थित सभी शून्य सार्थक अंक नहीं होते है।
संख्या | सार्थक अंक |
0.04 | 1 |
0.004 | 1 |
- दशमलव बिंदु के राईट साइड की ओर और अशून्य अंक राईट साइड की तरफ आने वाले सभी शून्य सार्थक अंक होते है।
संख्या | सार्थक अंक |
.20 | 2 |
.230 | 3 |
- विभिन्न मापन पद्धतियों में नापने पर सार्थक अंको की संख्या परिवर्तित नहीं होती।
जैसे : 14.5 सेंटीमीटर 0.145 मीटर = 14.5 x 10-2 मीटर इस सभी में सार्थक अंको की कुल संख्या 3 है।
मापन के निकटतम मान :
निम्नलिखित नियमो को मापन के निकटतम मान प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
(i) यदि किसी संख्या में हटाया गया अंक 5 से कम है तो इसमे पहले का अंक अपरिवर्तित रहता है।
जैसे :- 8.64 → 8.6
(ii) यदि किसी संख्या में हटाया गया अंक 5 से अधिक है तो इससे आगे का अंक 1 बढ़ा दिया जाता है।
जैसे : 8.66 → 8.7
(iii) यदि किसी संख्या से हटाया गया अंक 5 है या 5 को के साथ लिया जाता है तो इसे पहले के अंक 1 बढ़ा देते है , यदि विषम हो तो।
8.75 → 8.8
बिजगणितीय संख्या में सार्थक अंक :
योग व घटाव संक्रिया में : जब हम दो समान राशियों को जैसे लम्बाई को जोड़ते है तो अंतिम परिणाम न्यूनतम यथार्थ राशि या लम्बाई से अधिक हो सकता है।
जैसे : 2.3 मीटर तथा 10.54 मीटर को जोड़ते है तो इनका योग 12.84 है।
निकटतम मान में यदि हटाया गया अंक 5 के बराबर या अधिक है तो इससे पहले वाला अंक 1 बढ़ जाता है और यदि हटाया गया अंक 5 से कम है तो पहले का अंक समान होता है।
जैसे : 52.8 + 46.36 = 99.16
गुणन व भागफल संक्रिया में : गुणा व भाग की क्रिया में अंतिम परिणाम में सार्थक अंको की न्यूनतम संख्या के सार्थक अंको के बराबर होती है।
माना हमें x.y का उचित सार्थक अंक तक ज्ञात करना है।
x = 4.192
y = 2.02
x.y = 4.192 x 2.02
x.y = 8.46784
2.02 में न्यूनतम सार्थक अंक 3 है अत: निकटतम मान है अत: अंतिम परिणाम में भी सार्थक अंको की संख्या 3 होगी अत: निकटतम मान ज्ञात करने पर
x .y = 8.47
- यदि x/y का मान उचित सार्थक अंक ज्ञात करना है।
x = 7500
y = 20.83
x/y = 7500/20.33 = 360.576
चूँकि 7500 में सार्थक अंक 2 है तो अंतिम परिणाम में भी सार्थक अंकों की संख्या 2 होगी।
सार्थक अंक (significant figures meaning in hindi)
द्रव्यों के मापन के दौरान उनके मानों में कुछ अनिश्चितता होती है , उस मापन को सही बनाने के लिए सार्थक अंक की गणना की जाती है।
सार्थक अंक : सभी निश्चित अंक और उसी संख्या का एक अनिश्चित अंक मिलकर सार्थक अंक कहा जाता है।
नियम :
1. आगे आने वाले शून्य के अतिरित सभी अंक सार्थक है।
2. दशमलव के दाहिनी तरफ का शून्य सार्थक होता है।
3. वैज्ञानिक पद्धति में एक संख्या N x 10X के रूप में लिखी जाती है। जहाँ N दशमलव बिंदु के बायीं तरफ के एक अकेले अशून्य अंक की संख्या है। और X एक पूर्णांक है। इस तरह के उदाहरण में सार्थक अंक N में गिने जाते है।
4. जोड़ने और घटाने में परिणाम वही दर्शाया जाता है जिसमे दशमलव स्थानों की संख्या उतनी समान होती है जितनी उस संख्या में जिसमे दशमलव स्थानों की संख्या सबसे कम है।
5. गुणा और भाग में परिणाम में सार्थक अंकों की वही समान संख्या होती है जो न्यूनतम परिशुद्ध संख्या में है या जो न्यूनतम सार्थक अंक युक्त संख्या में है।
6. किसी निरूपण में एक यथार्थ संख्या (जैसे : 2 , 5 आदि) के लिए सार्थक अंक अनंत होते है।
टैग : सार्थक अंक translate in english लिखिए , कोटिमान क्या है बताइये ?
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…