अनुक्रम तथा श्रेणी कक्षा 11 गणित प्रश्नावली पीडीएफ डाउनलोड हल सहित , sequence and series class 11 ncert solutions pdf download in hindi
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अनुक्रम तथा श्रेणी pdf download
अनुक्रम (Sequence) एक गणितीय पदांक होता है जो एक नियमित आदान-प्रदान के अनुसार प्रत्येक पद को प्रदान करता है। इसमें प्रत्येक पद को संख्यात्मक आदान-प्रदान के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। उदाहरण के लिए, 1, 2, 3, 4, 5, … एक अनुक्रम है जिसमें प्रत्येक पद का आदान-प्रदान बढ़ते हुए होता है। इसके अलावा, अनुक्रम अन्य प्रकार के भी हो सकते हैं, जैसे कम होने वाला अनुक्रम, अरिथमेटिक अनुक्रम, और ज्यामितिक अनुक्रम।
श्रेणी (Series) एक अनुक्रम का योग होता है, यानी वह अनुक्रम के सभी पदों का योग होता है। श्रेणी को संकेतिक रूप में प्रदर्शित किया जाता है, जैसे एक योग के रूप में। उदाहरण के लिए, 1 + 2 + 3 + 4 + 5 + … एक श्रेणी है जिसमें प्रत्येक पद को आदान-प्रदान करते हुए उनका योग होता है। श्रेणियाँ भी विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं, जैसे अरिथमेटिक श्रेणी, ज्यामितिक श्रेणी, और अनुपातिक श्रेणी।
अनुक्रम और श्रेणी गणित के महत्वपूर्ण अवधारणाओं हैं और इन्हें अधिकांशतः अंकगणित, विपणन गणित, समीकरण निर्णय, संख्यात्मक विश्लेषण, और संख्या सिद्धांत जैसे क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
अनुक्रम (Sequence) एक गणितीय पदांक होता है जिसमें पदों का आदान-प्रदान एक नियमित तरीके से होता है। इसमें प्रत्येक पद को संख्यात्मक रूप में प्रदर्शित किया जाता है। एक अनुक्रम में पदों की संख्या निर्दिष्ट होती है और प्रत्येक पद की स्थिति या मान को सुनिश्चित करने के लिए नियम का पालन किया जाता है।
उदाहरण के लिए, निम्नलिखित अनुक्रम दिया गया है:
2, 4, 6, 8, 10, …
यहां प्रत्येक पद दो से बढ़ाते हुए हैं और इसलिए पदों का आदान-प्रदान नियम “प्रत्येक पद को पिछले पद से 2 से गुणा करें” है। इस अनुक्रम में प्रत्येक पद की स्थिति या मान संख्यात्मक रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
अनुक्रम का प्रथम पद (शुरुआतिक पद) और समान्तरवादी अनुक्रम (जिसमें पदों के बीच एक समान अंतर होता है) भी हो सकते हैं। अनुक्रम के पदों के माध्यम से विभिन्न गणितीय निर्णयों को समझा जा सकता है और उनका उपयोग विभिन्न गणितीय समस्याओं के हल करने में किया जाता है।
श्रेणी (Series) एक अनुक्रम के पदों का योग होता है। अर्थात, एक श्रेणी में प्रत्येक पद को आदान-प्रदान करते हुए उनका योग लिया जाता है। श्रेणी को संकेतिक रूप में प्रदर्शित किया जाता है, जैसे “Σ” (sigma) के रूप में।
उदाहरण के लिए, निम्नलिखित श्रेणी दिया गया है:
1 + 2 + 3 + 4 + 5 + …
इस श्रेणी में प्रत्येक पद की स्थिति 1 से शुरू होती है और प्रत्येक पद एक इकाई बढ़ते हुए हैं। इसका श्रेणी के रूप में प्रतिनिधित्व किया जा सकता है जैसे:
Σn (n = 1 से अविस्मरण तक)
श्रेणियाँ विभिन्न प्रकार की हो सकती हैं, जैसे अरिथमेटिक श्रेणी, जिसमें पदों के बीच एक समान अंतर होता है, और ज्यामितिक श्रेणी, जिसमें पदों के बीच एक समान अनुपात होता है। श्रेणियों के योग को निर्धारित करने के लिए निर्दिष्ट गणितीय नियमों का प्रयोग किया जाता है। श्रेणियों को विश्लेषण, संख्यात्मक और अवकलनीयता के लिए उपयोगी माना जाता है।
श्रेणी (Series) दो प्रकार की होती है – सीमित श्रेणी (Finite Series) और अनंत श्रेणी (Infinite Series).
सीमित श्रेणी (Finite Series): सीमित श्रेणी एक ऐसी श्रेणी होती है जिसमें अंतर्निहित पदों की संख्या सीमित होती है। इसका अर्थ होता है कि श्रेणी में केवल निर्दिष्ट संख्या में पद होंगे और इन पदों का योग लिया जाएगा। उदाहरण के लिए, 1 + 2 + 3 + 4 + 5 एक सीमित श्रेणी है क्योंकि यहां पांच पद हैं और इनका योग 15 है। सीमित श्रेणियों को आसानी से हल किया जा सकता है क्योंकि उनमें संख्यात्मक पदों की संख्या सीमित होती है।
अनंत श्रेणी (Infinite Series): अनंत श्रेणी एक ऐसी श्रेणी होती है जिसमें अंतर्निहित पदों की संख्या अनंत (अविस्मरणीय) होती है। इसका अर्थ होता है कि श्रेणी में अनंत संख्या में पद होंगे और हम उन पदों का योग लेते रहेंगे। उदाहरण के लिए, 1 + 2 + 3 + 4 + 5 + … एक अनंत श्रेणी है क्योंकि इसमें पदों की संख्या निर्दिष्ट नहीं है और हम योग को लेते रहेंगे। अनंत श्रेणियों को साध
ारणतः उपसंहरण, अवकलन और संकलन के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है। अनंत श्रेणियों का विश्लेषण और गणितीय प्रयोग विभिन्न गणितीय विषयों में किया जाता है, जैसे कि कॉसाइन श्रेणी, साइन श्रेणी, और टेलर श्रेणी।
फ़िबोनाच्ची संख्या (Fibonacci Numbers) एक गणितीय अनुक्रम हैं जिसमें प्रत्येक पद पिछले दो पदों का योग होता है। इसे फ़िबोनाच्ची पदांक (Fibonacci Sequence) भी कहा जाता है।
फ़िबोनाच्ची संख्याओं की प्रारंभिक श्रृंखला निम्नलिखित होती है:
0, 1, 1, 2, 3, 5, 8, 13, 21, 34, …
इस श्रृंखला में प्रत्येक पद पिछले दो पदों के योग से प्राप्त किया जाता है। अर्थात, तीसरे पद की मान दोनों पहले पदों (पहला और दूसरा पद) के योग (0 + 1 = 1) के बराबर होती है, चौथे पद की मान दोनों पहले पदों (दूसरा और तीसरा पद) के योग (1 + 1 = 2) के बराबर होती है, और इसी प्रकार सारी श्रृंखला बढ़ती जाती है।
फ़िबोनाच्ची संख्याओं के गणितीय गुणों का अध्ययन और उनके प्रयोग विभिन्न गणितीय, विज्ञानिक, और योग्यता परीक्षाओं में किया जाता है। ये संख्याएँ विभिन्न प्राकृतिक प्रक्रियाओं और संरचनाओं में भी पाई जाती हैं।
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