JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

द्वितीय मतदान प्रणाली क्या है ? secondary voting system in hindi द्वितीय मतदान अधिकारी के कार्य किसे कहते है

secondary voting system in hindi  द्वितीय मतदान प्रणाली क्या है ? द्वितीय मतदान अधिकारी के कार्य किसे कहते है ?

बहुमत-आधारित व्यवस्थाएँ
हमें तीन अलग व्यवस्थाओं में स्पष्ट अंतर समझना होगा। वे हैंरू पहली फ्रांस की व्यवस्था जैसी, जिसमें विजयी प्रत्याशी के लिए आवश्यक है कि उसे कुल डाले गए मतों का स्पष्ट बहुमत प्राप्त होय दूसरी बहुलवादी, अर्थात् साधारण बहुमत प्रणाली या विजय स्तम्भ पर पहले पहुँचने की प्रणाली (जो कि भारत, इंगलैण्ड तथा अन्य अंग्रेजी-भाषी देशों में प्रचलित है), तथा तीसरी आनुपातिक प्रतिनिधित्व की अनेक पद्धतियाँ (जैसे कि एकल संक्रमणीय मत पद्धति इत्यादि)।

द्वितीय मतदान प्रणाली
यह सुनिश्चित करने के लिए कि जो भी उम्मीदवार जीतता है उसे कम से कम आधे मतों से अधिक अवश्य मत प्राप्त हुए हों, कुछ और प्रणालियों का प्रयोग भी किया जाता है। इनमें से एक पद्धति यह है कि तब तक बार-बार मतदान करवाया जाए जब तक किसी एक उम्मीदवार को स्पष्ट बहुमत न प्राप्त हो जाएद्य फ्रांस में, तीसरे और चौथे गणतन्त्र के संविधानों के अनुसार, राष्ट्रपति पद के लिए, देश की संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठकों में तब तक बार-बार मतदान करवाया जाता था जब तक किसी एक उम्मीदवार को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल जाता था लेकिन इस पद्धति का प्रमुख दोष यह था कि एक ही व्यक्ति को चुनाव जीतने के लिए बार-बार के मतदान में समय और धन का अपव्यय होता था। कुछ इसी प्रकार की मिलती-जुलती पद्धति का प्रयोग प्रति चार वर्ष बाद दोनों प्रमुख अमरीकी राजनीतिक दल अपने राष्ट्रीय सम्मेलनों में करते हैं। ऐसा पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन के लिया किया जाता है। बास्बार तब तक मतदान करवाया जाता है। जब तक कि किसी एक को स्पष्ट बहुमत न मिल जाए। स्पष्ट बहुमत प्राप्त व्यक्ति ही राष्ट्रपति पद के लिए उस दल का उम्मीदवार चुना जाता है। इसको मिली-जुली बहुमत-बहुल प्रणाली भी कहते

इस प्रणाली की दूसरी अधिक लोकप्रिय पद्धति फ्रांस के राष्ट्रपति तथा संसद के चुनाव के लिए अब प्रयोग में लाई जाती है। इस द्वितीय मतदान पद्धति (Second ballot system) में बार-बार मतदान नहीं होता। यदि आवश्यक हो तो केवल दूसरी बार मतदान करवाकर चुनाव का निर्णय कर लिया जाता है। यदि प्रथम मतदान में कोई उम्मीदवार 50 प्रतिशत से एक मत अधिक (स्पष्ट बहुमत) प्राप्त कर लेता है तो वह विजयी घोषित कर दिया जाता है, और द्वितीय मतदान नहीं होता। परन्तु यदि तीन या अधिक उम्मीदवारों में से किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता तो किसी अन्य दिन (प्रायः एक सप्ताह बाद दोबारा मतदान करवाया जाता है। परन्तु, इस बार केवल उन दो उम्मीदवारों के नाम ही मतपत्र पर होते हैं जिन्हें सबसे अधिक मत मिले हों, अर्थात् जो प्रथम दो स्थानों पर रहे हों। द्वितीय मतदान में बचे दो उम्मीदवारों में से जिस को भी बहुमत मिलता है वहीं विजयी घोषित कर दिया जाता है। फ्रांस के वर्तमान पाँचवें गणतन्त्र में राष्ट्रीय सभा के सदस्यों का चुनाव इसी द्वितीय मतदान प्रणाली से होता है।

अन्य प्रणालियाँ
बहुमत पर आधारित दो अन्य प्रणालियाँ भी हैं, जो अधिक प्रचलित तो नहीं हैं, परन्तु उनकी उपयोगिता की विशेषज्ञों द्वारा प्रशंसा की जाती है।

1) सीमित मत पद्धति : इस पद्धति की खोज राजनीति-शास्त्री स्टीवेन जे. ब्रैम्स ने की थी। यह पद्धति बहुलवादी नियम का ही संशोधित रूप है। इस प्रणाली के अनुसार मतदाता किसी एक उम्मीदवार के स्थान पर अपनी पसंद के एक से अधिक उम्मीदवारों को मत दे सकता है। उदाहरण

के लिए यदि कोई पाँच-सदस्यीय निर्वाचन क्षेत्र हो तो मतदाता एक से लेकर चार तक (जितने चाहे) मत दे सकता है। परन्तु पाँच मत देने से वे सभी अवैध हो जायंगे। यदि कई मतदाता दो या दो से अधिक मतों की सुविधा का प्रयोग करके किसी एक उम्मीदवार को विजयी बनवाना चाहें तो वह, अनेक उम्मीदवारों के होते हुए भी, उसे विजयी बना सकते हैं।

सीमित मत पद्धति, इस पद्धति को स्वीकृति पद्धति या मतदान (ंचचतवअंस अवजपदह) भी कहा जाता है। इस का प्रयोग अनेक निजी संस्थानों में किया जाता है, परन्तु अभी तक विधान मंडलों में इसका प्रयोग कहीं नहीं किया गया है सन् 1990 के रूस, बेलारुस तथा यूक्रेन के संसदीय चुनावों में बहुउम्मीदवारों की अनुमति दी गई थी। लेकिन मतदान का फार्मूला भिन्न था। इसमें मतदाताओं को कहा गया था कि वे जिन उम्मीदवारों को मत नहीं देना चाहते उनके नाम काट दें। इस प्रकार, अस्वीकृति पद्धति अपनाई गई, जिसे स्वीकृति पद्धति का पर्याय भी कहा जा सकता है। इन चुनावों में, सीमित मत पद्धति से हटकर कुछ नियम बनाए गए थे। अर्थात् यह आवश्यक था कि प्रत्येक क्षेत्र में कम से कम पचास प्रतिशत मतदाता मतदान अवश्य करें। साथ ही विजयी होने के लिए यह भी आवश्यक था कि कम से कम आधे से अधिक मत प्राप्त हों। यदि इनमें से कोई भी एक शर्त पूरी न हुई हो, तो पुनः मतदान करवाया जाना था।

2) कौन्डोर्सेट पद्धति (ब्वदकवतेमज डमजीवक)ः इस पद्धति के जनक एक फ्रांसीसी गणितशास्त्री मार्किस डिकौन्डोर्सेट थे। उन्होंने अठारहवीं शताब्दी के बहुउम्मीदवारी संघर्ष को अनेक दोउम्मीदवार संघर्षों में विभाजित करने की योजना बनाई थी। इस पद्धति के अंतर्गत मतदाताओं से कहा जाता है कि वे दो-दो उम्मीदवारों की जोड़ियों में से एक-एक के पक्ष में मतदान करें। उदाहरण के लिए यदि तीन उम्मीदवार हैंः क, ख और ग, तो मतदाताओं से अपेक्षा होगी कि वे क और ख, क और गय तथा ख और ग में से एक-एक को चुनें। उस उम्मीदवार को विजय मिलेगी जो इन जोड़ियों में अन्य सबको पराजित कर दे। उदाहरण के लिए, यदि मतदाताओं का क को ख की अपेक्षा, तथा क को ही ग की अपेक्षा अधिक मत मिलें तो क ही विजयी होगा।

कुछ लोग इस प्रणाली की बहुत प्रशंसा करते हैं, जबकि अन्य अनेक इसमें दोष पाते हैं। सबसे बड़ा दोष तो यह है कि हो सकता है कि विभिन्न जोड़ियों में से कोई भी एक ऐसा न हो जो अन्य सभी को पराजित कर सका हो। इस उदाहरण के लिए हम तीन प्रत्याशी और तीन मतदाताओं की संख्या को लेकर चलते हैं। पहले मतदाता का प्राथमिकता क्रम क, ख, ग (अर्थात् पहला मतदाता क और ख, ख और ग, ग और क को प्राथमिकता देता है। दूसरे मतदाता का प्राथमिकता क्रम ख, ग, क है तथा तीसरे मतदाता का ग, क, ख (कुल मिलाकर तीन मतदाताओं ने क और ख, ख और ग तथा ग और क) (प्रत्येक मामले में 2-1 बहुमत) प्राथमिकता दी है। इस प्रकार के उदाहरण अक्सर नहीं होते लेकिन यदि कहीं ऐसा हो जाए तो इसका समाधान वैकल्पिक मत जैसे अन्य अतिरिक्त नियम द्वारा किया जाता है।

इसके अतिरिक्त कौन्डर्सेट पद्धति मतदाताओं और गणकों दोनों के लिए ही उलझी हुई है। जब केवल तीन ही उम्मीदवार हों, और तीन ही जोड़ियाँ बनें तब तो निर्णय पर पहुँचना सरल है। परन्तु उदाहरण के लिए यदि चुनावी मैदान में आठ उम्मीदवार हों और उनकी 28 जोड़ियाँ बनें तो उनमें से किसी एक का चयन कर पाना अत्यंत कठिन कार्य होगा। तब प्रत्येक जोड़ी का तर्कसंगत आधार प्राथमिकताएँ निकालनी पड़ेंगी। कंप्यूटर के द्वारा आसानी से गणना कार्य किया जा सकता है।

Sbistudy

Recent Posts

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

3 days ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

4 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

7 days ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

7 days ago

elastic collision of two particles in hindi definition formula दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है

दो कणों की अप्रत्यास्थ टक्कर क्या है elastic collision of two particles in hindi definition…

7 days ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now