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पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज कक्षा 10 वीं अध्याय 17 , search of life outside earth in hindi chapter 17 class 10
search of life outside earth in hindi chapter 17 class 10 , पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज कक्षा 10 वीं अध्याय 17 : जैसा कि हम जानते है कि पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह माना जाता है जिस पर जीवन संभव है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि ब्रह्माण्ड में ऐसा कोई दूसरा ग्रह नहीं है जिस पर जीवन संभव नहीं है अर्थात हो सकता है कोई ग्रह ऐसा भी हो जो हमारे वैज्ञानिको के नजरो से दूर हो या एक विशेष प्रकार की प्राणियों की जाति होना संभव हो सकता है और हमारे वैज्ञानिक लगातार इसी खोज में लगे रहते है कि पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों की खोज की जाए जहाँ पृथ्वी की तरह जीवन संभव है इसलिए इस पाठ का नाम पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज रखा गया है।
टॉपिक
- पृथ्वी की अन्तरिक्ष में स्थिति
- अंतरिक्ष में जीवन की संभावनायें
- प्रमुख अन्तरिक्ष अभियान
- अन्तरिक्ष में भारत
- अंतरिक्ष में निजी प्रयास
- अन्तराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन
बहुचयनात्मक प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1 : एलियन शब्द का अर्थ है ?
प्रश्न 2 : पृथ्वी के बाहर जीवन पाया जा सकता है ?
प्रश्न 3 : सौरमण्डल के बाहर जाने वाला पहला अन्तरिक्षयान था ?
प्रश्न 4 : अन्तरिक्ष में होने वाली फुसफुसाहट को सुनने हेतु काम आने वाले यन्त्र है ?
प्रश्न 5 : किस स्थान पर यह कर एक दिन में 15 बार सूर्योदय देख सकते है ?
अतिलघुरात्मक प्रश्न एवं उत्तर
प्रश्न 6 : पृथ्वी के बाहर मानव के रहने का स्थान कौनसा है ?
प्रश्न 7 : ग्लोबल वार्मिंग का संकट किस जीव के कारण उत्पन्न हुआ है ?
प्रश्न 8 : पृथ्वी का भौतिक वातावरण व पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीव मिलकर , एक सजीव इकाई की तरह कार्य करते है इस अवधारणा को क्या कहते है ?
प्रश्न 9 : पृथ्वी जैसा ग्रह के बनते समय वातावरण अत्यधिक गर्म व विस्फोटक था इसे ठंडा होने में लगभग कितना समय लगा होगा ?
लघुरात्मक प्रश्न तथा उत्तर
प्रश्न 10 : हमारी गेलेक्सी आकाशगंगा में पृथ्वी के जैसे कितने अन्य ग्रह हो सकते है ?
प्रश्न 11 : एलियन शब्द का क्या अर्थ है ?
प्रश्न 12 : डार्विन के अनुसार पृथ्वी पर पहले जीव की उत्पत्ति कैसे हुई होगी ?
प्रश्न 13 : पायोनियर 10 के छोड़े जाने के समय वैज्ञानिक किस बात से डर रहे थे ?
प्रश्न 14 : सृजनात्मक व विनाशात्मक बलों का क्या अर्थ है ?
निबंधात्मक प्रश्न व उनके उत्तर
प्रश्न 15 : पायोनियर 10 के छोड़े जाने के समय पृथ्वी बाहर के जीवो के विषय में मानवीय सोच क्या थी ? काल्पनिक मुसीबत से बचने के लिए क्या उपाय किये गए थे ?
प्रश्न 16 : अपने आपको अन्तराष्ट्रीय अन्तरिक्ष स्टेशन में मानकर दिनचर्या का वर्णन कीजिये।
प्रश्न 17 : पृथ्वी के बाहर जीवन के विषय में वर्तमान वैज्ञानिक सोच को समझाइये , आपकी अपनी सोच क्या है ?
प्रश्न 18 : उपग्रहों के महत्व को विस्तार से समझाइये।
प्रश्न 19 : विश्व अन्तरिक्ष अभियान में भारत का महत्व समझाइये।
महत्वपूर्ण बिंदु या पृथ्वी के बाहर जीवन की खोज पाठ का सारांश
- जो जीव पृथ्वी के बाहर पाया जाता है उस जीव को ही एलियन कहा जाता है , हम जिस पृथ्वी पर रहते है वह पृथ्वी आकाशगंगा मन्दाकिनी का एक तारा ग्रह है जिसे हम पृथ्वी कहते है और जिस पर हम रहते है। पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जिस पर विविध प्रकार का जीवन संभव है। मानव से जब से विज्ञान में तरक्की की है या चीजो को समझना शुरू किया है तब से मानव के मन में यह प्रश्न हमेशा से ही आता रहता है कि इस ब्रह्माण्ड में हम केवल अकेले जीवो वाले ग्रह पर रहते है या ब्रह्माण्ड में अन्य भी ऐसे ग्रह है जिन पर पृथ्वी की तरह जीवन संभव है और वहां भी एलियन या जीव रहते है।
- हमारे वैज्ञानिको ने रेडियो खगोलिकी में काफी तरक्की कर ली है और अपने विभिन्न प्रकार के उपकरणों और प्रयोगों से यह पाया गया है कि जिन रासायनिक अणुओं के कारण पृथ्वी ग्रह की उत्पत्ति मानी जाती है ठीक वैसे ही अणु ब्रह्माण्ड में भी पाए जाते है जिससे यह कहा जा सकता है कि पृथ्वी की तरह अन्य ग्रह भी हो सकते है जिन पर पृथ्वी की तरह जीवन संभव है।
- पायोनियर 10 नाम का एक अन्तरिक्ष यान ब्रहस्पति के पास से होते हुए सौर मण्डल से बाहर चलाया गया , इस अन्तरिक्ष यान का उद्देश्य यह पता करना था कि अन्य कोई ग्रह है क्या जिस पर पृथ्वी की तरह जीवन संभव है लेकिन इस अन्तरिक्ष यान द्वारा इस बात के कोई संकेत नहीं मिले जिनसे यह सिद्ध हो सके कि पृथ्वी के बाहर जीवन पाया जाता है।
- भारत देश द्वारा भी अन्तरिक्ष अनुसन्धान प्रारंभ किया था यह भारत देश द्वारा 1948 में अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के रूप में किया गया था। भारत देश द्वारा जल्दी ही चन्द्रमा की कक्षा में एक चंद्रयान द्वितीय को स्थापित करेगा , इसमें चन्द्रमा पर एक गाडी को चन्द्रमा पर उतारा जायेगा जो वहां से पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार की जानकारी एकत्रित करेगा इसके अलावा भारत सूर्य का अध्ययन करने के लिए भी आदित्य यान को भेजने की योजना बना रहा है इसके बाद हमारे पास सूर्य से सम्बन्धित जानकारी या डाटा उपलब्ध होगा जो भविष्य में भारत देश की इस क्षेत्र में काफी मददगार साबित होगा।
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