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Categories: Physics

उपग्रह संचार क्या है , परिभाषा , कैसे होता है , अनुप्रयोग (satellite communication in hindi)

(satellite communication in hindi) उपग्रह संचार क्या है , परिभाषा , कैसे होता है , अनुप्रयोग : पृथ्वी के चारों तरफ कक्षा में स्थित किसी उपग्रह की सहायता से एक जगह से दूसरी जगह तक सूचना को पहुँचाना उपग्रह संचार कहलाता है।
इसी संचार के कारण हम दुनिया के किसी भी कोने में हो रहे मैच का लाइव टेलीकास्ट देख सकते है।
इस उपग्रह संचार व्यवस्था में एक सूक्ष्म मोडुलित तरंगों को उपग्रह की तरफ भेजा जाता है और यह उपग्रह इन तरंगों को ग्राही की तरफ मोड़ देता है और ये तरंगें ग्राही के पास पहुँच जाती है जैसा चित्र में दिखाया गया है –

उपग्रह संचार का उपयोग हम विभिन्न चीजो में करते है अत: इसके अनुप्रयोग कई है जैसे टेलीफोन में , टेलीविजन में , इन्टरनेट में , रेडियो आदि के लिए उपग्रह संचार का ही उपयोग होता है।
आप यकीन नहीं करेंगे इस वक्त हमारे सर के ऊपर 2000 से भी अधिक मानव निर्मित उपग्रह घूम रहे है जो विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए पृथ्वी की कक्षाओं में छोड़े गए है ताकि विभिन्न प्रकार का संचार अधिक अच्छा बनाया जा सके।
जिस उपग्रह के द्वारा संचार संपन्न करवाया जाता है यह पृथ्वी के सापेक्ष स्थिर रहता है क्यूंकि इस उपग्रह का परिभ्रमण काल भी 24 घंटे ही रहता है जो पृथ्वी के परिभ्रमण काल के बराबर होता है अर्थात यह उपग्रह पृथ्वी के साथ साथ घूमता रहता है या परिक्रमण करता रहता है।
उपग्रह को पृथ्वी सतह से लगभग 36000 किलोमीटर ऊपर रखा जाता है जो आयनमंडल के भी ऊपर होता है। संचार उपग्रह को रेडियो ट्रांसपोंडर भी कहते है।  यह संचार उपग्रह पृथ्वी से आने वाले सूचना तरंगों को प्रवर्धित करता है और पुन: इन सिग्नलों को ग्राही की तरफ भेज देता है।
इस संचार व्यवस्था में दो लिंक होते है –
उप लिंक : जब उपग्रह प्रेषि द्वारा भेजे गये सिग्नल को ग्रहण करता है या प्राप्त करता है तो ये सिग्नल उपग्रह उप लिंक द्वारा प्राप्त करता है।
डाउन लिंक : प्रेषि द्वारा प्राप्त सिग्नलों को उपग्रह प्रवर्धित करता है और डाउन लिंक के द्वारा इन्हें ग्राही को भेज देता है।
याद रखे की एक उपग्रह के द्वारा सम्पूर्ण भू मंडल पर भेजना संभव नहीं है , सम्पूर्ण भू मंडल पर किसी संकेत को भेजने के लिए कम से कम तीन उपग्रहों की आवश्यकता होती है।

वर्तमान समय में उपग्रह संचार के अनुप्रयोग बढ़ते जा रहे है , वर्तमान समय में हम जो जीपीएस का इस्तेमाल करते है यह भी उपग्रह संचार द्वारा ही संभव है तथा उपग्रह संचार द्वारा ही हम मौसम आदि की जानकारी प्राप्त करते है।

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