हिंदी माध्यम नोट्स
संघ की परिभाषा क्या है | संघ राज्य किसे कहते हैं , प्रकार का अर्थ बताओ sangh rajya kise kahate hain
sangh rajya kise kahate hain संघ की परिभाषा क्या है | संघ राज्य किसे कहते हैं , प्रकार का अर्थ बताओ ?
संघ की स्थापना
संघीय व्यवस्था को प्रोत्साहित करने वाले उपरोक्त सभी तत्त्वों के बावजूद, ऑस्ट्रेलिया में संघ की स्थापना अचानक ही नहीं हुई। संघवाद के मार्ग में दो शक्तिशाली बाधाएँ थी। वे थीं : (i) प्रत्येक राज्य की इच्छा कि उसकी अपनी स्वतन्त्र वित्तीय नीति हो, तथा (ii) अपने अधिकारों के सम्बन्ध में राज्यों की माँग।
ऑस्ट्रेलियाई उपनिवेश सरकार अधिनियम, 1850
ब्रिटिश संसद द्वारा 1850 में निर्मित कानून के द्वारा उपनिवेशों को अनेक शक्तियाँ हस्तांतरित की गई। उन्हें अपने संविधानों के प्रस्ताव (प्रारूप) तैयार करने का अधिकार भी दिया गया। सभी छह उपनिवेशों ने न केवल ब्रिटेन से स्वतंत्रता पर, तथा एक दूसरे से स्वतन्त्रता पर बल दिया, परन्तु उन्होंने पारस्परिक औपनिवेशिक सहयोग तथा एक औपचारिक संघीय एकता की आवश्यकता भी व्यक्त की। उस समय तक उपनिवेशों ने सांझी रक्षा, आप्रवास नीति तथा औपनिवेशिक सीमा शुल्क पर सहमति प्राप्त कर ली थी। रक्षा, आप्रवास पर प्रतिबंध, बुनियादी उद्योगों को प्रोत्साहन तथा सांझी सीमा शुल्क नीति कुछ महत्त्वपूर्ण समस्याएँ थी, जिन्होंने विभिन्न उपनिवेशों को अन्तऔपनिवेशिक सम्मेलनों और मीटिगों में एक मंच पर इकट्ठा कर दिया। इन सम्मेलनों ने देश में संघ सरकार की दिशा में पहल की।
सिडनी सम्मेलन 1883 तथा संघीय ऑस्ट्रेलियाई परिषद् की स्थापना
ऑस्ट्रेलिया की छह औपनिवेशिक सरकारों का एक सम्मेलन 1883 में सिडनी में हुआ, जिसमें फ्रांस और जर्मनी की औपनिवेशिक विस्तार की नीति से उत्पन्न संकट तथा दक्षिणी सागर (ैवनजी ैमं) में उनकी उपस्थिति से उत्पन्न समस्या पर विचार हुआ। सम्मेलन ने एक प्रस्ताव पारित करके यह निर्णय किया कि एक ‘‘संघीय ऑस्ट्रेलियाई परिषद्‘‘ की स्थापना की जाए। इसमें प्रत्येक उपनिवेश से एक प्रतिनिधि शामिल किया जाना था। इस परिषद् को निम्नलिखित अधिकार दिए गएय यह खुले सागर में नौसैनिक सुरक्षा की व्यवस्था करेगी। प्रशान्त महासागर के द्वीपों के साथ सम्बन्धों का प्रबंध करेगीय अपराधियों के आगमन से उत्पन्न समस्याओंय तथा अन्य उन प्रश्नों का समाधान तलाश करेगी जो उपनिवेशों द्वारा इसके विचारार्थ भेजे जाएंगे। परन्तु, परिषद् के पास न तो अपने कोई स्वतन्त्र वित्तीय संसाधन थे, और न कोई कार्यकारी निकाय इन निर्णयों को ब्रिटिश संसद द्वारा पारित, 1885 के ‘‘ऑस्ट्रेलिया के संघीय परिषद् अधिनियम‘‘ में शामिल कर लिया गया। इस कानून ने उपनिवेशों की संघीय परिषद् को विधायी शक्तियाँ प्रदान की ताकि वह प्रशान्त महासागर के द्वीपों के सम्बन्धों का संचन कर सके, रक्षा प्रबंध कर सके तथा आप्रवास को नियमित कर सके। परन्तु, अठारहवीं शताब्दी के तेरह अमरीकी राज्यों के परिसंघ की तरह ऑस्ट्रेलिया की संघीय परिषद् भी ढीली ढाली (सववेम) निकाय थी। यह इतनी शक्तिशाली नहीं थी कि यह सफलतापूर्वक बाहरी खतरों का मुकाबला कर सके। परिषद् के पास न तो कोई कार्यकारी शक्ति थी, और न राजस्व एकत्र करने या धन व्यव करने का अधिकार। यह मात्र ऐसे निर्णय कर सकती थी जो उचित कार्यवाही के लिए उपनिवेशों की सरकारों के पास भेज दिए जाते थे। इसकी सदस्यता उपनिवेशों निवार्य नहीं ऐच्छिक थी। न्यू साऊथ वेल्स इसमें शामिल हआ ही नहीं, और दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया बाद में बाहर हो गया। अन्ततः संघीय परिषद् ही लुप्त हो गई, परन्तु इसने ऑस्ट्रेलिया में संघीय आन्दोलन को सशक्त अवश्व बना दिया।
1891 का सम्मेलन
न्यू साऊथ वेल्स के तत्कालीन प्रधानमन्त्री (च्तमउपमत) सर हेनरी पार्क्स (ैपत भ्मदतल च्ंतामे) की पहल पर, सिडनी में 2 मार्च 1891 को, ऑस्ट्रेलिया के राज्यों की सरकारों का एक सम्मेलन हुआ, जिसमें वास्तविक संघीय व्यवस्था की आवश्यकता पर विचार किया गया। प्रधानमन्त्रियों के इस सम्मेलन ने राज्यों (उपनिवेशों) की जनता के पास उनके विचारार्थ संघ की स्थापना की एक नई योजना का प्रारूप भेजा। इस मसौदे में संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे ‘राज्य-अधिकार‘ वाले संघ का समर्थन किया गया, न कि कनाडा के नमूने के केन्द्रीकृत संघ काद्य परन्तु, व्यवहार में 1893 के वित्तीय संकट ने लोगों को एक दूसरे के साथ मिलकर (संघ के रूप में) कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
1897-98 का सम्मेलन
संघीय विचार के प्रसार के लिए संघ-लीग-समूहों की स्थापना हुई थी। इन समूहों की गतिविधियों के फलस्वरूप 1897-98 में विशेष सम्मेलन बुलाया गया जिसकी ऐडेलेड, सिडनी तथा मेलबर्न में तीन बैठकें हुई। इन बैठकें में वह आधार तैयार किया गया जिसके अनुसार स्वशासी उपनिवेश (राज्य) अपनी स्वतन्त्रता का त्याग करने और एक केन्द्रीय सरकार की स्थापना के लिए सहमत हुए। सम्मेलन की बैठकों में लम्बे विचार विमर्श के पश्चात् एक विधेयक का प्रारूप तैयार किया गया, जिसको राज्यों की संसदों के पास उनके विचारार्थ और उनकी स्वीकृति के लिए भेजा गया। राज्य संसदों में विचार के दौरान, मूल प्रारूप में, 286 संशोधनों के प्रस्ताव किए गए। जनवरी-मार्च 1898 में सम्मेलन की मेल्बर्न में पुनः बैठक हुई, जिसमें संशोधनों पर विचार किया गया। एक संघविधेयक तैयार करके जनता की स्वीकति के लिए भेजा गया। इस संशोधित प्रारूप को जनमत संग्रहों में राज्यों की जनता की स्वीकृति प्राप्त हुई। तत्पश्चात इसे ब्रिटिश संसद के पास भेज दिया गया। ब्रिटिश संसद ने 5 जुलाई 1900 को एक संघ अधिनियम (थ्मकमतंजपदह ।बज) पास किया, जिसे 9 जुलाई 1900 को महारानी विक्टोरिया ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। महारानी ने 15 सितम्बर को एक उद्घोषणा करके यह निश्चित किया कि 1 जनवरी 1901 के दिन संघीय ऑस्ट्रेलिया (कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया) की स्थापना होगी। इस प्रकार छह राज्यों के संघ का जन्म हुआ। यद्यपि थोड़े से लोगों ने संघीय व्यवस्था की स्थापना के लिए अभियान आरम्भ किया था, उन्हें अंततः सफलता मिली। अतः एक दूसरे से स्वतन्त्र पूर्व उपनिवेशों में सहमति के फलस्वरूप ऑस्ट्रेलियाई संघ की स्थापना हुई। यह उसी प्रकार हुआ जैसा कि अमेरिका के 13 राज्यों की सहमति से संयुक्त राज्य की स्थापना हुई थीय उस प्रकार नहीं जैसे एकात्मक भारत के विकेन्द्रीकरण से संघ बना।
बोध प्रश्न 2
नोट : क) अपने उत्तरों के लिए नीचे दिए गए स्थान का प्रयोग कीजिए।
ख) इस इकाई के अंत में दिए गए उत्तरों से अपने उत्तर मिलाइए।
1) ऑस्ट्रेलिया के संघ की स्थापना की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
बोध प्रश्न 2 उत्तर
1. ऑस्ट्रेलियाई औपनिवेशिक अधिनियम, 1850 ने उपनिवेशों को अपने संविधान बनाने की आज्ञा दी। एक 1883 के सम्मेलन में संघीय परिषद बनाने का प्रस्ताव स्वीकार हआ। इसको मुक्त सागर में नाभिक रक्षा और अपराधियों के आप्रवास का कार्य करना था। सन् 1891 में एक सम्मेलन ने संघ का प्रस्ताव किया जिसमें राज्यों को विशाल शक्तियाँ दी जानी थीं। परन्तु 1893 के वित्तीय संकट ने औपचारिक संघ की स्थापना के लिए प्रेरित किया। इसका निर्माण 1897-98 में हुआ, और 800 में इसे ब्रिटिश महारानी की स्वीकृति प्राप्त हुई।
संघवाद : संरचना तथा कार्यविधि
इकाई की रूपरेखा
उद्देश्य
प्रस्तावना
संघवाद : अवधारणा
देश की संक्षिप्त रूपरेखा
ऑस्ट्रेलिया में संघीय व्यवस्था क्यों?
संघ की स्थापना को प्रोत्साहित करने वाले तत्त्व
संघ की स्थापना
ऑस्ट्रेलियाई उपनिवेश सरकार अधिनियम, 1850
सिडनी सम्मेलन 1883 तथा संघीय ऑस्ट्रेलियाई परिषद की स्थापना
1891 का सम्मेलन
1897-98 का सम्मेलन
ऑस्ट्रेलिया की संघीय संरचना
विशिष्टताएँ
शक्तियों का विभाजन
ऑस्ट्रेलिया के राज्य : अपने संविधान
विधायी शक्तियों के क्षेत्र अनन्य नहीं
राज्यों की विधायी शक्तियों पर प्रतिबंध
सीमा शुल्क तथा उत्पाद कर लगाना
भुगतान की वैध मुद्रा
सशस्त्र सैन्यबलों का रखरखाव
केन्द्र की अन्य अनन्य शक्तियाँ
नए राज्यों की स्थापना
पार्थक्य की अनुमति नहीं
राज्यों के अधिकारों तथा हितों की सुरक्षा
प्रतिनिधित्व के द्वारा सुरक्षा
आन्तरिक गड़बड़ी/ बाहरी आक्रमण के विरुद्ध राज्यों की सुरक्षा
अन्य क्षेत्र
ऑस्ट्रेलिया में संघवाद की कार्यप्रणाली
परिवर्तन लाने वाले कारक
इंजीनियर का मुकदमा
संघीय (कॉमनवेल्थ) सरकार : विस्तीर्ण शक्तियाँ
राजस्व खाते में राज्यों की दयनीय दशा
विशेष उद्देश्यों के लिए अनुदान एवं ऋण
सहकारी संघवाद
सहयोग की एजेंसियाँ
ऋण परिषद
प्रधानमन्त्रियों के विशेष सम्मेलन
सहायता अनुदान
अन्य संस्थाएँ
ऑस्ट्रेलिया की संघ व्यवस्था का मूल्यांकन
सारांश
शब्दावली
कुछ उपयोगी पुस्तकें
बोध प्रश्नों के उत्तर
उद्देश्य
ऑस्ट्रेलिया छह राज्यों का संघ है। इस इकाई में आप पढ़ेंगे कि ऑस्ट्रेलिया में संघ की स्थापना किस प्रकार हुई, तथा उसकी प्रकृति और कार्यप्रणाली क्या है। इस इकाई का अध्ययन करने के पश्चात् आप इस योग्य होंगे कि :
ऽ ऑस्ट्रेलिया के संघीय संगठन के अर्थ, विकास और उसकी संरचना की व्याख्या कर सकें,
ऽ संघ (कॉमनवेल्थ) सरकार और राज्य सरकारों की शक्तियों और उनके कार्यों की पहचान कर सकें,
ऽ ऑस्ट्रेलिया के संघ की कार्यप्रणाली का मूल्यांकन कर सकें तथा
ऽ ऑस्ट्रेलियाई संघ की बदलती प्रकृति एवं प्रवृत्तियों की समीक्षा कर सकें,
प्रस्तावना
ऑस्ट्रेलिया की राजनीतिक प्रणाली रुचिकर होने के साथ-साथ ऐसी भी है जो समझ में (या पकड़) में आसानी से नहीं आती। यह देश स्वयं में एक महाद्वीप है, जिसकी जनसंख्या बहुत कम और बिखरी हुई (ेचंतेम) है। परन्तु, यह राजनीतिक रूप से प्रगतिशील है जिसने निरंतर लोकतान्त्रिक संस्थाओं तथा संघीय कौशल के अनुभव से लाभ उठाया है। इसकी संवैधानिक व्यवस्था ने राजनीति शास्त्र, विशेषकर सरकारों, के विद्यार्थियों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, क्योंकि अनेक प्रकार से यह ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा तथा भारत के संविधानों से मिलता जुलता है। इस इकाई में संघवाद की व्याख्या की गई है। इस इकाई में आप संघ की अवधारणा, ऑस्ट्रेलिया में उसकी कार्यप्रणाली, केन्द्र और राज्य सरकारों की शक्तियों के विषय में अध्ययन करेंगे। साथ ही ऑस्ट्रेलियाई संघ कितना प्रभावी है, इसका मूल्यांकन भी किया जाएगा।
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…