JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

प्रादेशिक विषमता क्या है |  अन्तःराज्यीय (राज्यांतरिक) विषमताएँ प्रादेशिक विषमताओं के कारण Regional disparity in hindi

Regional disparity in hindi meaning प्रादेशिक विषमता क्या है |  अन्तःराज्यीय (राज्यांतरिक) विषमताएँ प्रादेशिक विषमताओं के कारण ? 

अन्तःराज्यीय (राज्यांतरिक) विषमताएँ
केवल विभिन्न राज्यों के बीच ही विषमता का अस्तित्व नहीं है अपितु यह विषमता एक राज्य के विभिन्न प्रदेशों और क्षेत्रों के बीच भी देखी जा सकती है। उदाहरण के लिए, आन्ध्र प्रदेश में तीन विभिन्न प्रदेश तटवर्ती आन्ध्र, तेलंगाना और रायलसीमा हैं जो सामाजिक-आर्थिक विकास के अलग-अलग चरणों में हैं। इसी प्रकार, उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार (अब दक्षिण बिहार का गठन एक पृथक राज्य झारखण्ड के रूप में हो चुका है) विकास के अलग-अलग चरणों में हैं तथा उनकी समस्याएँ भी एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं। उत्तर प्रदेश में अलग-अलग समस्याओं तथा सामाजिक-आर्थिक विकास के भिन्न-भिन्न स्तर वाले कम से कम चार प्रदेश हैं। अन्य राज्यों जैसे गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में विशेष रूप से पिछड़े प्रदेश हैं।

इस प्रकार की विषमताओं के आकलन के लिए योजना आयोग ने पिछड़े जिलों की पहचान के लिए परीक्षण निर्धारित किया है। ये निम्नलिखित हैं:

प) खाद्यान्नध्व्यावसायिक फसल का प्रतिव्यक्ति उत्पादन,
पप) कुल जनसंख्या में कृषि मजदूर का अनुपात,
पपप) प्रति व्यक्ति औद्योगिक निर्गत
पअ) प्रति एक लाख जनसंख्या पर द्वितीयक और सेवा कार्यकलापों, में नियोजित व्यक्तियों की संख्या,
अ) प्रति एक लाख जनसंख्या पर फैक्टरी कर्मचारियों की संख्या,
अप) विद्युत की प्रति व्यक्ति खपत, और
अपप) जनसंख्या के अनुपात में पक्की सड़क की लम्बाई अथवा रेलवे माइलेज

इन मानदंडों का उपयोग करके योजना आयोग ने प्रत्येक राज्य में सभी जिलों के लिए संमिश्र भारित सूचकांक तैयार किया है। 246 जिलों को पूर्ण रूप से पिछड़ा जिला चिन्हित किया गया है, जिसमें से 118 जिलों की उद्योगरहित जिला के रूप में पहचान की गई है।
पिछड़े जिलों का राज्य-वार वितरण तालिका 29.2 में दर्शाया गया हैः

पिछड़े जिलों के भौगोलिक वितरण पर दृष्टि डालने से निम्नलिखित दो तथ्य प्रकट होते हैं:
प) अधिक विकसित राज्यय राज्य में विकास का अधिक असमान पैटर्न
पप) सापेक्षिक रूप से विकसित अथवा अर्द्धविकसित जिलों की बीच में पड़ने वाली राज्य सीमाओं की उपेक्षा करते हुए स्थानिक केन्द्रीकरण की प्रवृत्ति।

बोध प्रश्न 1
1) संतुलित प्रादेशिक विकास से आपका क्या अभिप्राय है?
2) संतुलित प्रादेशिक विकास की आवश्यकता क्या है, बताइए।
3) क्या आप समझते हैं कि पंचवर्षीय योजना के दौरान विकास ने संतुलित प्रादेशिक विकास को बढ़ावा दिया है?
4) भारत में पिछड़े जिलों की पहचान के लिए किन मानदंडों का उपयोग किया जाता है?

प्रादेशिक विषमताओं के कारण
भारत में प्रादेशिक विषमता औपनिवेशिक शासन काल से ही रही है। उसी समय से वे क्षेत्र जो तटवर्ती इलाकों से दूर थे निकटवर्ती तटीय इलाकों की तुलना में पिछड़ते गए, हालाँकि विकास के स्तर में भिन्नता के कुछ और कारक भी थे जिन्हें सिर्फ औपनिवेशिक शासन का परिणाम नहीं माना जा सकता है।

संक्षेप में, ये महत्त्वपूर्ण कारक निम्नलिखित हैंः
प) कोलिन क्लार्क के आर्थिक क्षेत्र सिद्धान्त (इकनॉमिक सेक्टर पेरिस) पर प्रति व्यक्ति आय में विषमता की व्याख्या की जा सकती है। इस सिद्धान्त की मान्यता है कि उन क्षेत्रों में आय का स्तर उच्चतर है जहाँ कार्यशील जनसंख्या का बड़ा अनुपात विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में नियोजित है। उन राज्यों में प्रति व्यक्ति आय के अधिक होने की प्रवृत्ति होती है जहाँ जनसंख्या का बड़ा अनुपात सेवा क्षेत्र में नियोजित है।
पप) विगत में औद्योगिक विकास का अवस्थिति पैटर्न रेल मार्ग के निर्माण के पैटर्न से प्रभावित रहा था। अतएव, औद्योगिक अवस्थिति के इन केन्द्रों ने, गुन्नार मिर्डल के सिद्धान्त के अनुरूप, अपनी ओर समुच्चयन की मितव्ययिता के कारण बड़े पैमाने पर औद्योगिकरण को आकृष्ट किया है।
पपप) एक संबंधित ऐतिहासिक कारक आधारभूत संरचना का विकास रहा है। अधिक विकसित प्रदेशों में उनकी प्रगति का कारण उनकी अन्तर्निहित आधारभूत संरचना थी जिसका विकास देशी रजवाड़ों के समय में ही हुआ था। दूसरे प्रदेशों में, देशी रियासतों ने विकास पर अधिक ध्यान नहीं दिया।
पअ) नई कृषि प्रौद्योगिकी के आरम्भ से प्रादेशिक विषमताएँ बढ़ीं। नई प्रौद्योगिकी के उपयोग तथा कृषि विकास की नई प्रौद्योगिकी को सफल बनाने वाले कारकों में अंतर रहा है।
अ) मियादी ऋण प्रदान करने वाली संस्थाओं तथा वाणिज्यिक बैकों के प्रचालन ने भी सापेक्षिक रूप से अधिक विकसित राज्यों में निवेश के केन्द्रीकरण के प्रति विशेष प्रवृत्ति को भी दर्शाया है।
अप) वित्तपोषण के लिए बैंकों द्वारा रियायती ऋण वित्तीय संस्थाओं द्वारा प्रदत्त प्राथमिकता के आधार पर ऋण और पुनर्वित्त सुविधाओं से समृद्ध राज्यों को रियायती दरों पर ज्यादा निवेश योग्य निधियाँ प्राप्त करने में सहायता मिली है।
अपप) देश में विभिन्न राज्यों के बीच शैक्षिक और प्रशिक्षण सुविधाओं, विशेषकर तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था में भारी प्रादेशिक असंतुलन और विषमता है। उदाहरण के लिए, हाल ही की एक रिपोर्ट से इस तथ्य का पता चलता है कि चार दक्षिणी राज्यों आन्ध प्रदेश कर्नाटक महाराष्ट्र और तमिलनाडु में देश की कुल 1,818 तकनीकी संस्थाओं में से 1.056 संस्थाएँ हैं। उत्तरी और पूर्वी प्रदेशों में जनसंख्या का अधिक घनत्व होने के कारण पश्चिमी और दक्षिणी प्रदेशों की तुलना में इन राज्यों में प्रति छात्र भर्ती तथा औसत जनसंख्या का अनुपात दस गुणा से अधिक था।
टपपप) देश में लोक-वित्त की व्यवस्था के संचालन ने भी अन्तरराज्यीय विषमता को न सिर्फ जन्म दिया अपितु इसे बढ़ाया भी है।
क) कम आय वाले राज्यों में अधिक आय वाले राज्यों का तुलना में सार्वजनिक निवेश का स्तर, आधारभूत संरचना के विकास और प्रशासनिक सेवाओं का मानक कम होता है, इस प्रकार विषमता बढ़ती जाती है।
ख) बिक्री कर लगाने की प्रचलित व्यवस्था के कारण समृद्ध राज्य कर संबंधी अपने दायित्व का महत्त्वपूर्ण भाग गरीब राज्यों के निवासियों पर टाल देते हैं।
ग) केन्द्र सरकार से राज्यों को रियायती दर पर ऋण दिए जाने के कारण अवरोही अन्तर-सरकार अन्तरण हुआ है।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

1 month ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

1 month ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

3 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

3 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

3 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now