JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: chemistry

रासायनिक अभिक्रिया का वेग किसे कहते है , प्रकार , तीव्र , मंद अभिक्रियाएँ अभिक्रिया के वेग से आप क्या समझते हैं

(rate of a chemical reaction in hindi) रासायनिक अभिक्रिया का वेग किसे कहते है , प्रकार , तीव्र , मंद अभिक्रियाएँ अभिक्रिया के वेग से आप क्या समझते हैं : किसी भी रासायनिक अभिक्रिया में एक पदार्थ दुसरे पदार्थ में कुछ परिस्थितियों और दिए गए समय में परिवर्तित होता है , कोई भी अभिक्रिया कितनी जल्दी या धीरे घटित हो रही है और पूरी तरह घटित होने में कितना समय लेती है इस बात की गणना अभिक्रिया के वेग द्वारा की जाती है जिसे निम्न प्रकार परिभाषित किया जा सकता है।
परिभाषा : इकाई समय में अभिकारक या उत्पाद की सांद्रता या मात्रा में हुए परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया का वेग कहते है।
अर्थात कोई भी अभिक्रिया कितनी तेजी के साथ आगे की तरफ बढ़ता है उसे वेग कहा जाता है , वेग को अधिकतर सांद्रता के रूप में व्यक्त किया जाता है अर्थात दिए गए समय में अभिक्रिया के अभिकारक या उत्पाद की सांद्रता में जो परिवर्तन आता है उसके आधार पर अभिक्रिया के वेग का पता लगाया जाता है।
रासायनिक अभिक्रिया को तीन प्रकार से विभाजित किया जा सकता है –
1. तीव्र या तात्कालिक अभिक्रिया
2. मन्द अभिक्रिया
3. मध्यम अभिक्रिया
1. तीव्र या तात्कालिक अभिक्रिया : वे अभिक्रिया जो बहुत ही तीव्रता के साथ घटित होती है अर्थात इस प्रकार की अभिक्रियाएँ कुछ क्षणों में ही पूर्ण हो जाती है , ये अभिक्रिया इतनी तेजी के साथ होती है कि इनके वेग की गणना नहीं की जा सकती है , अर्थात इनका वेग बहुत अधिक होता है।
उदाहरण : आयनिक अभिक्रियाएँ
2. मन्द अभिक्रिया : ऐसी अभिक्रियाएँ जो संपन्न होने में बहुत अधिक समय लेती है अर्थात ये अभिक्रियाएँ धीरे धीरे पूरी होती है , इनका वेग बहुत कम होता है और इसलिए ही इन्हें मंद अभिक्रिया कहा जाता है , इस प्रकार की अभिक्रियाओं को कुछ मिनट से लेकर कई वर्षो लग सकते है।
उदाहरण : लोहे पर जंग लगना
3. मध्यम अभिक्रिया : वे अभिक्रिया जिनका वेग तीव्र अभिक्रियाओं और मंद अभिक्रियाओं के मध्य में होता है अर्थात ये अभिक्रियाएँ मंद अभिक्रियाओं से जल्दी लेकिन तीव्र अभिक्रियाओं से देरी से संपन्न होती है अर्थात ये अभिक्रिया संपन्न होने में तीव्र अभिक्रिया से अधिक समय लेती है लेकिन मंद अभिक्रिया से कम समय लेती है।

रासायनिक अभिक्रिया का वेग

जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा कि इकाई समय में अभिकारक या उत्पाद की सांद्रता में आये परिवर्तन को उस अभिक्रिया के वेग कहते है।
जब कोई अभिक्रिया संपन्न होती है तो समय के साथ उस अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारकों की सांद्रता का मान समय के साथ कम होता जाता है अर्थात अभिकारक की सांद्रता समय के साथ कम होती जाती है।
दूसरी तरफ अभिक्रिया संपन्न होने के कारण उत्पाद की सान्द्रता का मान समय के साथ बढ़ता जाता है।
इस प्रकार समय के साथ अभिकारक की सांद्रता में आयी कमी या उत्पाद की सान्द्रता में आई वृद्धि के रूप में उस अभिक्रिया वेग को प्रदर्शित किया जाता है।
अभिक्रिया का वेग अभिकारको की सांद्रता के समानुपाती होता है अर्थात क्रियाकारक की सांद्रता जितनी अधिक होती है अभिक्रिया का वेग उतना ही अधिक होता है यही कारण कि अभिक्रिया प्रारम्भ में तेजी से संपन्न होती है लेकिन समय के साथ क्रियाकारकों की सांद्रता का मान घटता जाता है इसलिए अभिक्रिया का वेग भी घटता जाता है।
अर्थात पूरी अभिक्रिया के दौरान अभिक्रिया का वेग समान या स्थिर नहीं रहता है।
अभिक्रिया के वेग शुरू में अधिकतम होता है और फिर तेजी से कम होता और क्रियाकारको की सान्द्रता कम होने के साथ साथ अभिक्रिया का वेग भी कम होता जाता है लेकिन अभिक्रिया का वेग कभी भी शून्य नही होता है।

 

आइयें हम रासायनिक अभिक्रिया के वेग को और अच्छी तरह से समझते है , माना एक ऐसी अभिक्रिया है जिसका तंत्र का कुल आयतन नियत रहता है , माना कुछ क्रियाकारक है जिन्हें हम R से व्यक्त करते है ये क्रियाकारक अभिक्रिया के बाद उत्पाद में बदल जाते है हम उत्पाद को P से व्यक्त करते है , अर्थात अभिक्रिया निम्न है –
R → P
अर्थात R अभिक्रिया में P में बदल रहा है।
जब क्रिकारक का एक मोल क्रिया करता है तो क्रिया के बाद उत्पाद का एक मोल उत्पाद बनता है।
माना अभिक्रिया में क्रियाकारक (R) की प्रारंभिक सांद्रता का मान [R]1 है और उत्पाद की सांद्रता [P]1 है समय t1 पर।
अब समय के साथ क्रियाकारक और क्रियाफल (उत्पाद) की सान्द्रता में परिवर्तन होता है।
माना t2 समय पर क्रियाकारक की सांद्रता [R]2 है और उत्पाद की सांद्रता [P]2 है।
इस अभिक्रिया में सांद्रता में परिवर्तन में लगा समय
Δt = t2 –  t1

क्रियाकारक की सांद्रता

Δ[R] = [R]2 – [R]1

उत्पाद की सांद्रता

Δ[P] =  [P]2 – [P]1

यहाँ बड़े ब्रेकेट द्वारा सांद्रता को व्यक्त किया जाता है।
अभिक्रिया में समय के साथ क्रियाकारक की सांद्रता कम होती जाती है इसलिए अभिक्रिया के वेग को क्रियाकारक की सांद्रता के रूप में व्यक्त करते समय ऋणात्मक चिन्ह के साथ दर्शाया जाता है।
अभिकारक की सांद्रता के रूप में अभिक्रिया का वेग = – क्रियाकारक की सांद्रता में परिवर्तन /परिवर्तन में लगा समय
अत: रासायनिक अभिक्रिया के वेग को क्रियाकारक के रूप में निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है –

वेग = -Δ[R]/Δt

उत्पाद या क्रियाफल की सान्द्रता के रूप में किसी रासायनिक अभिक्रिया के वेग को प्रदर्शित करने के लिए धनात्मक चिन्ह का इस्तेमाल किया जाता है क्यूंकि समय के साथ उत्पाद की सांद्रता का मान बढ़ता जाता है।
अभिक्रिया का वेग =  + उत्पाद की सांद्रता में परिवर्तन/परिवर्तन में लगा समय
अत: रासायनिक अभिक्रिया के वेग को उत्पाद के रूप में निम्न प्रकार व्यक्त किया जाता है –
 वेग = + Δ[P]/Δt

यह रासायनिक अभिक्रिया का औसत वेग कहलाता है।

रासायनिक अभिक्रिया के वेग को तीन प्रकार से व्यक्त कर सकते है –
1. औसत वेग
2. तात्क्षणिक वेग
3. प्रारंभिक वेग
1. औसत वेग : किसी रासायनिक अभिक्रिया में एक निश्चित समय में क्रियाकारक या उत्पाद की सांद्रता में हुए परिवर्तन को समय से विभाजित करने पर अभिक्रिया का औसत वेग प्राप्त होता है।
औसत वेग = क्रियाकारक/उत्पाद की सांद्रता में परिवर्तन/परिवर्तन में लगा समय
2. तात्क्षणिक वेग : किसी क्षण पर अभिक्रिया का वेग तात्क्षणिक वेग कहलाता है।
3. प्रारंभिक वेग : t = शून्य पर किसी अभिक्रिया का वेग प्रारंभिक वेग कहलाता है अर्थात अभिक्रिया जिस वेग से शुरू होती है उसे अभिक्रिया का वेग कहते है , ग्राफ में t = 0 बिंदु पर खिंची गयी स्पर्श रेखा का ढाल अभिक्रिया का प्रारम्भिक वेग कहलाता है।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

12 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

12 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now