JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: history

राजस्थानी वेशभूषा : नाम के बारे में बताइये ? कमरबंद या पटका , बिरजस rajasthan ki veshbhusha aur pehnawa

rajasthan ki veshbhusha aur pehnawa in hindi राजस्थानी वेशभूषा कमरबंद या पटका , बिरजस नाम के बारे में बताइये क्या है ? 

राजस्थान मे पुरुषों की वेशभूषा “धोती ” बंडा (कुर्ता ), अंगरखी , कंधे पर दुपट्टा एवं आगे युत्कि हुई शिखराकार पगड़ियाँ है।

राजपूत नरेशो की शाही पोशाको मे जामा खिड़किया पाग , विरजिस , कमरबंद , कटार या तलवार थी। उदयपुर मे पुरुषों मे सामान्य दाढ़ी रखने का रिवाज था।

सिरोही की प्रसिद्द है    (1 )धोती – पुरुषों द्वारा कमर पर पहना जाने वाला वस्र (सफेद रंग ) ढेफाड़ा – डेपाड़ा (तंग धोती )

शिकारी              किसान एवं श्रमिक             बाह्राण               सैनिक               मल्ल              सन्यासी 

केवल धोती           लगोटी की तरह                  नीची बाँध            छोटी धोती            कच्छा           उत्त्तरीय एवं

पहनता है।            ऊंची बाँध वाली                 वाली धोती             छोटी पगड़ी                              कौपीन

(2 ) अंगरखी (बुगतरी ) = बहुधा सफेद एवं गर्दन से लेकर घुटनों तक पहनी जाने वाली राजस्थानी पुरुषों की पोशाक अंगरखी कहलाती है। जिस अंगरखी के गले, कंधे एवं पीठ पर कढ़ाई होती है। उसे फर्रुखशाही अंगरखी कहते है।

(3 ) पगड़ी (पाग ) पेचा , बागा (साफा ) = राजस्थान मे पुरुषों की मुख्य पोशाक का एक भाग जो सिर पर लपेटो द्वारा बांधा जाता है वह पगड़ी कहलाती है।

उदयपुर की पगड़ी एवं जोधपुर का साफा सम्पूर्ण भारत मे प्रसिद्द है। पगड़ी प्रतिष्ठा का प्रतीक है।

 

इतिहास 

-सिंधु घाटी सभ्यता के मोहनजोदड़ो मे पगड़ी का प्रांरभिक स्वरूप देख सकते है।

– भारत मे पगड़ी का वास्तविक उदारक एवं प्रचारक मुगल सम्राट अकबर था

–  राजस्थानी पगड़ी का जनक चारण कवि दुर्सा आठा  को माना जाता है।

– पगड़ी बांधने वाला ” छाबदार “कहलाता है।

नाम 

उदयशाही

अमरशाही

अरशीशाही

भीमशाही

स्वरुपशाही

विजयशाही

(मेवाड़ की पगड़ी )

महाराणा द्वारा महलो मे बखरमा पगड़ी पहनी जाती थी

जाति सूचक पगड़िया 

सुनार

आंटे वाली पगड़ी

बणजारे

मोटी पट्टेदार पगड़ियाँ

भील

पगड़ी के स्थान पर बांधे जाने वाली मोटा वस्त्र (धोतिया )

क्षेत्रानुसार पगड़िया 

जयपुर

बलदार लपेटो वाली पगड़ी

(सूरज बख्स ) (खुड़ेदार )

हाड़ौती

सादा पेंच वाली पगड़ी

उदयपुर

सादा पेंच उठा हुआ शिखर

(चपटी पगड़ी )

मारवाड़

छज्जादार एवं खिड़कीदार पगड़ी

पवानुसार पगड़िया

1. विवाहोत्स्व = मोठड़े की पगड़ी

2. होली = फूल – पती वाली पगड़ी

3. दशहरे = मंदील

4. लड़ाई = केसरिया पगड़ि

5.मृत्यु = सफेद पगड़ी

6. श्रवण = लठरिया की पगड़ी

7. शुभ अवसर = पचरंगी पगड़ी

(वसंती रंग )

4. टोपी = पगड़ी की तरह सिर को ढकने वाला वस्त्र टोपी

कांकसनुमा , चौपलिया , दुपलिया

शाही पोशाक 

अचकन 

अंगरखी का उत्तर रूप अचकन

चोगा 

अंगरखी के ऊपर पहने जाने वाला वस्त्र

(ऊनी चोगे अमृतसर )

जामा विवाह तथा दरबारी उतसव मे अकबर के समय गोल घेरे का प्रचलन था

शरीर के ऊपरी भाग मे पहने जाने वाला वस्त्र जिसमें ऊपर चोली एवं नीचे घेर होता था घुटनों तक

आतमसुख 

तेज सर्दी में प्राय ऊपर से नीचे तक पहने जाने वाला वस्त्र

(सबसे पुराना आतमसुख = सीटी पैलेस – जयपुर )

बिरजस 

चूड़ीदार पायजामे के स्थान पर काम लिये जाने वाला वस्त्र।

कमरबंद या पटका 

जामा या अंगरखी के ऊपर कमर पर बांधा जाने वाला वस्त्र लिये तलवार या कटार देसी होती है।

(अहमदाबाद के पटके प्रसिद्द है )

अन्य वस्त्र 

पछेवड़ा 

सर्दी से बचने के लिए पुरुषों के द्वारा कंबल की तरह ओढ़े जाने वाले पछवडे कहलाते है।

घुघी 

ऊन का वस्त्र सर्दियों में कंबल हाथ का बंधनन  बने इसलिए ग्रामीण कंबल की जगह बुघी बनाकर ओढ़ते है

अंगोछ 

आदिवासी पुरुषो का वस्त्र जो सिर पर बाँधा जाता है वह अंगोछ कहलाता है। केरी भांत का अंगोछ लोकप्रिय है।

सोड = रजाई के नीचे ओढ़ने का वस्त्र

बालाबंद =पगड़ी पर धारण करने वाला जरीदार वस्त्र।

बागो =घेर वाली पुरुषों की सर की पाग

धूंसौ =ओढ़ने का विशेष ऊनी वस्र

तमोटी =ओढ़ने  की चदर

आडबंद = लंगोटी

उपरणी = पगड़ी पर बांधे जाने वाला वस्त्र

                                पुरुष आभूषण = पुरूषों मे भी आभूषण पहनने का शौक था

कान 

मुरकिया , लोंग , काले , मादिकडकम

पाँव 

टोडर

हाथ 

बाजूबंद ,छेलकडी , कड़ा ,माठी ,(कलाई )

गला 

बलेवडा

चैन

अंगुलिया 

अंगुठी

नोट = रतनपेच – पगड़ी पर धारण करने वाला विशेष आभूषण है।

Sbistudy

Recent Posts

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

4 weeks ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

4 weeks ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

4 weeks ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

4 weeks ago

चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi

chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…

1 month ago

भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi

first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…

1 month ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now