हमारी app डाउनलोड करे और फ्री में पढाई करे
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now
Download our app now हमारी app डाउनलोड करे

रक्त के कार्य क्या है ? Functions of blood in hindi ?

Solved936 viewsजीव विज्ञान
17

प्रश्न : रक्त के कार्य क्या है ? Functions of blood in hindi ?

Question is closed for new answers.
admin Selected answer as best January 27, 2023
15

रक्त के कार्य (Functions of blood)

रक्त के निम्नलिखित कार्य महत्वपूर्ण होते हैं-

सब्सक्राइब करे youtube चैनल
  1. गैसीय परिवहन (Transport of gases) — रक्त लाल कणिकाओं में हीमोग्लोबिन की सहायता से श्वसन अंगों (respiratory organs) से ऑक्सीजन ग्रहण करके कोशिकाओं (cells) तक पहुँचाता है तथा उपापचयी (metabolic) क्रियाओं द्वारा उत्पन्न कार्बन डाई ऑक्साइड को लेकरश्वसन अंगों तक पहुँचाता है जहाँ से यह उच्छावसन (expiration) क्रिया द्वारा बाहर निकाल दी जाती है।
  2. पोषक पदार्थों का वहन (Transport of untrients ) — रक्त पचे हुए एवं अवशोषत पदार्थों का आहार नाल से प्राप्त कर पहले यकृत में फिर अवश्यकतानुसार प्रत्येक कोशिका में लेकर जाने का कार्य करता है। कोशिकाओं में इन पदार्थों का ऑक्सीकरण होता है जिससे ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
  3. उत्सर्जी पदार्थों का परिवहन (Trasport of excretory products ) — रक्त कोशिकाओं में उपापचयी क्रियाओं से प्राप्त उत्सर्जी पदार्थ जैसे अमोनिया, यूरिया, यूरिक अम्ल आदि को स्थलों से उत्सर्जी अंग जैसे वृक्कों
  4. अन्य पदार्थों का परिवहन (Trasport of other subsatance) – अन्य पदार्थों के तक उत्सर्जन हेतु पहुँचाने का कार्य करता है। में रुधिर एण्टीबॉडीज (antibvodies), एंजाइम्स ( enzymes), एवं हारमोन्स (Hormones) इत्यादि को अपने गंतव्य स्थान पर पहुँचाता है।
  5. दैहिक ताप का नियंत्रण (Control of body temperature ) — रुधिर का प्लाज्मा, ऊष्मा (heat) उत्पन्न करने वाले अंगों की उष्मा को परिधीय भागों (peripheral regions) में ताप नियमन (temperature regulation) करता है।

शरीर में प्रवेश करने वाले रोगाणुओं को कोशिकाशण (phagocytosis) की क्रिया द्वारा भक्षण 6. रोगों से प्रतिरक्षा (Defence against infecton ) – रुधिर में उपस्थित श्वेताणु (WBC) (engulf) करके नष्ट कर देती है। इसी प्रकार रुधिर में उपस्थित लिम्फोसाइट कोशिकाएँ एण्टीबॉडी (antibody) का निर्माण करती है जो शरीर में प्रवेश करने वाले एण्टीजन्स (antigens) को नष्ट कर देती है। इन दोनों क्रियाओं से शरीर से प्रतिरक्षा ( defence ) उत्पन्न होती है।

  1. घाव का भराव (Healing of wound ) — रुधिर टूटे-फूटे (injured ) अंगों की मरम्मत (repair) करके घावों (wound) को भरने में संक्रिय योगदान होता है। श्वेताणु (WBC) जैसे लिम्फोसाइट्स क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत वृद्धि एवांस विभाजन हेतु उत्तेजित करती है।
  2. आयनिक की मात्रा का नियमन (Maintenance of ionic balance ) — रुधिर दैहिक कोशिकाओं तथा कोशिकाओं के मध्य उपस्थित अन्तरालीय तरल (interstial fluid) के बीच आयनों की मात्रा को नियमित बनाये रखता है।
  3. pH का नियमन (Maintenance of pH ) — प्लाज्मा में उपस्थित प्रोटीन्स उभध (amphoteric) प्रकृति की होती है। प्रोटीन्स की उपस्थिति के कारण रुधिर एक उभय प्रतिरोधी तंत्र (buffer system) तरह कार्य करता है जिससे इनकी pH में होने वाले परिवर्तन को रोका जा सकता है।
  4. स्कंदन (Coagulation)—- रुधिर में स्कंदन की क्षमता होती है जिससे चोट लग जाने पर शरीर में रुधिर की अधिक मात्रा क्षमिग्रस्त युक्त भाग से बाहर नहीं निकल पाती है तथा प्राणी की मृत्यु नहीं होती है।
  5. जल संतुलन का नियमन (Maintenance of water balance ) —प्लाज्मा विभिन्न उत्तकों के जल का संभरण करता है तथा उपापचय (metabolism) के फलस्वरूप निर्मित जल को निष्कासित करता है
  6. ऊष्मा का सहवन (Transport of heat) रुधिरं शरीर के भीतरी भागों (deeper tissues) से ऊष्मा को शरीर की सतह पर पहुँचाता है जहाँ से यह वातावरण को दी जाती है
  7. रक्त चाप का नियमन (Regulation of blood pressure ) —— रुधिर अपने आयतन (volume) एवं विस्कासिता ( viscosity) में परिवर्तन करके शरीर के रक्त चाप (blood pressure) को नियमित बनाये रखता है।
  8. लसीका निर्माण (Lymph formation ) – रुधिर से लसीका का निर्माण होता है। लसीका वास्तव में छना ( filtered ) हुआ रुधिर प्लाज्मा ही होता है। यह स्मप्त ऊत्तकों के नम (moist) बनाये रखता है जिनके बीच-बीच में यह भरा रहता है।
admin Selected answer as best January 27, 2023
You are viewing 1 out of 1 answers, click here to view all answers.
© 2018 &sbistudy; All Rights reserved
Forestly Theme | Powered by Wordpress
error: Content is protected !!