इनपुट डिवाइस किसे कहते हैं , परिभाषा क्या है उदाहरण किन्हीं चार इनपुट डिवाइस को समझाइए input devices in hindi
input devices in hindi इनपुट डिवाइस किसे कहते हैं , परिभाषा क्या है उदाहरण किन्हीं चार इनपुट डिवाइस को समझाइए ?
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
इनपुट एवं आउटपुट प्रणालियां । [INPUT AND OUTPUT DEVICES]
इनपुट और आउटपुट कम्प्यूटर और मानव के मध्य सम्पर्क (Communication) की सुविधा प्रदान करते हैं। इनपुट डिवाइसेज मानवीय भाषा में दिए गए डाटा और प्रोग्राम्स को कम्प्यूटर के समझने योग्य रूप (Form) में परिवर्तित करती हैं। ये डिवाइसेज अक्षरों (Letters), संख्याओं और अन्य प्राकृतिक चिह्नों का 0 और 1 बिट (Bit) में अनुवाद करते हैं जिन्हें कम्प्यूटर समझ सकता है और डाटा प्रक्रिया सम्भव हो जाती है। दूसरी ओर आउटपुट डिवाइसेज 0 और 1 बिट के संकेतों को अनुवादित कर मानव के समझने योग्य भाषा में परिवर्तित कर प्रस्तुत करते हैं। ये डिवाइसेज आउटपुट को स्क्रीन पर या प्रिन्टर द्वारा कागज पर छापकर प्रस्तुत करती हैं। इनपुट या आउटपुट डिवाइसेज प्रायः कम्प्यूटर के सीधे नियन्त्रण में रहते हैं। डिस्प्ले डिवाइसेज (Display Devices) और प्रिण्टर (Printer) इसके उदाहरण हैं। अन्य इनपूट और आउटपुट उपकरण जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक कैश रजिस्टर (Electronic Cash Register) और सोफ्ट कोपी 4हार्ड कोपी कम्प्यूटर आउटपुट माइक्रोफिल्म (COM) डिवाइसेज सहायक उपकरण (Auxiliary Equipment) है। कम्प्यूटर की सामान्य इनपुट डिवाइसेज से भिन्न होती हैं और इनपुट किया जाने वाला डाटा एक निश्चित रूप में पहले से तैयार करके रखती हैं। आउटपुट डिवाइसेज परिणामों को दो अवस्थाओं में प्रस्तुत कर सकती हैं—हार्ड कॉपी (Hard Copy) और सॉफ्ट कॉपी (Soft Copy) किसी कागज या माइक्रोफिल्स (Micro-film) पर छपा हुआ आउटपुट हार्ड कॉपी (Hard Copy) कहलाता है, यह स्थायी होती है। स्क्रीन या मॉनीटर पर आउटपुट सॉफ्ट कापी (Soft Copy) कहलाती है जो कि अस्थायी होती है। स्क्रीन या मॉनीटर पर आउटपुट के दिखाई देने की क्रिया डिस्प्ले (Display) कहलाती है। अतः स्क्रीन या मॉनीटर, डिस्प्ले डिवाइसेज (Display Devices) हैं।
इनपुट डिवाइसेज (INPUT DEVICES)
इनपुट डिवाइसेज (Input Devices) डाटा और सूचना को कम्प्यूटर के समझने योग्य संकेतों (1 और 0 के Bit) में परिवर्तित करके कम्प्यूटर में इनपुट करते हैं। आज विभिन्न प्रकार की इनपुट डिवाइसेज बाजार में उपलब्ध हैं। इन डिवाइसेज को दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है :
- आन लाइन इनपुट डिवाइसेज (On line Input Devices)
- (ii) ऑफ लाइन इनपुट डिवाइसेज (Off line Input Devices) |
ऑन लाइन इनपुट डिवाइसेज वे उपकरण हैं जो कम्प्यूटर से सीधे सम्पर्क रहते हैं। ये डिवाइसेज समयटर के साथ सक्रिय होकर इनपुट का कार्य सम्पन्न करते हैं। ऑफ लाइन इनपुट डिवाइसेज वे उपकरण हैं जो कम्प्यूटर से सीधे सम्पर्क में नहीं रहते हैं और स्वयं अपने नियन्त्रण में कार्य करते हैं। विभिन्न प्रकार की इनपुट डिवाइसेज का विवरण निम्नलिखित है :
(1) की-बोर्ड (Keyboard) : की-बोर्ड मुख्य और सुगम ऑन लाइन इनपुट डिवाइस है। डाटा और प्रोग्राम की-बोर्ड के द्वारा कम्प्यूटर में इनपुट किए जाते हैं। यह पारस्परिक प्रक्रिया (Interactive Processing) के लिए एक आवश्यक डिवाइस है जिसमें यूजर की-बोर्ड से निर्देश या कमाण्ड (Command) कम्प्यूटर को देता है और उसका प्रभाव तत्काल ही स्क्रीन पर देखता है। की-बोर्ड एक टाइपराइटर (Typewriter) के समान कुंजियों वाला उपकरण होता है, लेकिन इसमें कंजियों की संख्या टाइपराइटर से अधिक होती है। डाटा को 1 और 0 के बिट (Bit) में बदलकर की-बोर्ड दो प्रकार से सी. पी. यू. में इनपुट कर सकता है—श्रेणीक्रम (Series) में या समानान्तर क्रम (Parallel) में। अत: की-बोर्ड दो प्रकारों में बांटे जा सकते हैं—सीरियल की-बोर्ड (Serial Keyboard) और पेरेलल की-बोर्ड (Parallel Keyboard)।
(2) माउस (Mouse) – यह एक ऑन-लाइन इनपुट डिवाइस है जिसे हम अपने हाथ में पकडकर काम में लेते हैं। समतल सतह पर माउस को हिलाने से इसमें नीचे लगी बॉल (Ball) घूमती है जो माउस में लगे छोटे-छोटे रोलरों (बॉल से स्पर्श में) को संवेदित करती है। यह गति डिजिटल मान (Digital Value) में बदलकर यह व्यक्त करती है कि माउस किस दिशा में गति कर रहा है। माउस में दो या दो से अधिक बटन होते हैं जिनको दबाने से स्क्रीन या पॉइण्टर की सहायता से स्क्रीन के अवयव चुने जाते हैं। माउस के बटन को अंगुली से दबाने की क्रिया क्लिक (Click) कहलाती है। माउस प्रायः स्क्रीन पर पॉइण्टर (Pointer) को नियन्त्रित करता है। यह स्क्रीन पर चित्र या ग्राफिक्स तैयार करने में भी काम आता है।
(3) ऑप्टीकल मार्क रीडर (Optical Mark Recognition-OMR) — यह एक ऐसी डिवाइस है जो किसी कागज पर पेन्सिल या पेन के चिह्न की उपस्थिति और अनुपस्थिति को जांचती है। इसमें चिह्नित कागज पर प्रकाश डाला जाता है और परावर्तित (Reflected) प्रकाश को जांचा जाता है। जहां चिह्न उपस्थित होगा. कागज के उस भाग से परावर्तित प्रकाश की तीव्रता कम होगी। यह तकनीक केवल छपे हुए कार्ड या फॉर्म (Forms) पर निश्चित स्थानों पर बने बॉक्सों (Boxes) और पेन्सिल से भरे बॉक्सों (Boxes) को जांचती है। OMR किसी परीक्षा की उत्तरपुस्तिका को जांचने के लिए अत्यधिक उपयोगी डिवाइस है। इन परीक्षाओं में प्रश्न-पत्र वैकल्पिक होते हैं और विद्यार्थी को चार या पांच विकल्पों में से उत्तर छांटकर बॉक्स को पेन्सिल से भरना होता है। ___OMR की प्रक्रिया गति (Rate of Processing) धीमी होती है, इसकी डाटा ट्रान्सफर दर (Data Transfer Rate) 200 से 250 पृष्ठ प्रति मिनट होती है।
(4) मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन (Magnetic Ink Character Recognition) – इसमें तथा मानव दोनों द्वारा समझी जाने वाली भाषा को सामान्य कागज पर लिखा जाता है। अक्षरों या अंको को लिए विशेष प्रकार के प्रिण्टिंग फॉण्ट का उपयोग होता है जिसमें प्रत्येक अक्षर खडी लकीय सहाय अक्षर चम्बकीय पदार्थयक्त एक विशेष प्रकार की स्याही से लिख जात हा जब इन अपर पढ़नकालिएMICR के रीडिंग हैट के नीचे से गुजारते हैं तो वह बड़ तथा छोट अन्तराल को कर बटतथा 0 बिट के रूप में पढ़ता है। इस विधि का उपयोग प्रमुख रूप सबका म हाता है जहां चेक ड्राफ्ट के नीचे वाले हिस्से में प्रिण्टेड डाटा को MICR के रूप में लिखा जाता है जो बैक की कोड संख्या ग्राहक खाता क्रमांक तथा चैक की राशि प्रदर्शित करता है।
(5) ऑप्टीकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (Optical Character Recognition) – इसमें भी डाटा लिखने के लिए अक्षरी का मानक सेट होता है जो मनुष्य तथा मशीन दोनों के द्वारा समान रूप स पढ़ा जा सकता है। OCR में डाटा पढ़ने का कार्य लाइट स्कैनिंग विधि द्वारा किया जाता है जिसमें प्रत्येक अक्षर को एक प्रकाश स्रोत से प्रकाशित किया जाता है और उससे बने हए प्रतिबिम्ब को OCR के नीचे की ओर रखी हुई फोटोसेन्सीटिव प्लेट पर प्राप्त करके पढ़ते हैं। OCR में हस्तलिखित डाटा को भी पढ़ा जा सकता है।
(6) बार कोड रीडर (Bar Code Reader) — ये सुपर बाजार या शॉपिंग मॉल्स में प्रयुक्त होने वाले फोटोइलेक्ट्रिक स्कैनर होते हैं जो उत्पाद पर लगी लम्बवत् रेखाओं (vertical bars) को पढ़ते हैं। इन रेखाओं में उस उत्पाद की कीमत की कोडिंग होती है जिसे कम्प्यूटर पढ़कर उसका बिलिंग कर देता है।
(7) डिजिटिंग टैब्लेट (Digiting Tablet) – यह एक ऐसी इनपुट डिवाइस है जिससे कम्प्यूटर में डॉडंग व स्कैचस को डाला जा सकता है। देखने में यह एक बॉल पैन जैसा होता है जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक हैड। होता है और 16 तक बटन हो सकते हैं। इनमें एक इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र होता है जो पेन की गति को पहचान कर उनका डिजिटल संकेतों में अनुवाद करके, कम्प्यूटर में भेज देता है। (8) स्कैनर (Scanner)- स्कैनर एक इनपुट डिवाइस है। ये कम्प्यूटर में किसी पृष्ठ पर बनी आकति या लिखित (Text) सूचना को सीधे इनपुट करता है। इसका मुख्य लाभ यह है कि यूजर को सूचना टाइप नहीं करनी पड़ती है।
OCR, OMR, MICR स्कैनर (Scanner) के ही उदाहरण हैं। इनके अलावा इमेज स्कैनर (Image Scanners) होते हैं जो किसी चित्र, फोटोग्राफ, आकति, आदि को कम्प्यूटर की मेमोरी में डिजिटल (Digital) अवस्था में इनपुट करते हैं। आजकल पी. सी. के लिए अनेक प्रकार के स्कैनर उपलब्ध हैं जिनकी रेजोलुशन (Resolution) 300 dpi (dot per inch) से प्रारम्भ होती है। यहां रेजोलूशन (Resolution) से अभिप्राय उस चित्र की स्पष्टता से है जिसे स्कैन (Scan) किया जाता है। इकाई क्षेत्रफल में चित्र के बिन्दुओं की संख्या रेजोलूशन (Resolution) कहलाती है। स्कैनर में स्रोत (Source) पृष्ठ को समतल सतह पर रख दिया जाता है। इसमें लगे लेन्स और प्रकाश स्रोत के द्वारा चित्र को फोटोसेन्स (Photosense) करके बाइनरी कोड में बदलकर कम्प्यूटर की मेमोरी में पहुंचा दिया जाता है जिसे कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखाता है। यदि हम इस स्कैन (Scan) किए गए चित्र को संशोधित करना चाहें तो कर सकते हैं।
हिंदी माध्यम नोट्स
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History
chemistry business studies biology accountancy political science
Class 12
Hindi physics physical education maths english economics
chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology
English medium Notes
Class 6
Hindi social science science maths English
Class 7
Hindi social science science maths English
Class 8
Hindi social science science maths English
Class 9
Hindi social science science Maths English
Class 10
Hindi Social science science Maths English
Class 11
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics
chemistry business studies biology accountancy
Class 12
Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics