इंटरप्रेटर किसे कहते हैं , क्या कार्य होता है इंटरप्रेटर किस प्रकार का सॉफ्टवेयर है , interpreter in hindi
जाने इंटरप्रेटर किसे कहते हैं , क्या कार्य होता है इंटरप्रेटर किस प्रकार का सॉफ्टवेयर है ? interpreter in hindi ?
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उच्च स्तरीय भाषाएं (HIGH LEVEL LANGUAGES)
कम्प्यूटर के विकास के समय सन् 1955 तक कम्प्यूटर धीमी गति के और कम मेमोरी वाले दोन असेम्बली भाषा में प्रोग्रामिंग होती थी इसलिए कम्प्यूटर का उपयोग केवल वैज्ञानिकों (Scientists सीमित था। तकनीक के विकास के साथ-साथ कम्प्यूटर में अधिक मेमोरी क्षमता, उच्च गति और अधिक विश्वसनीयता आई। कम्प्यूटर विभिन्न नए क्षेत्रों में प्रयोग में लिया जाने लगा, लेकिन इसमें प्रोग्राम के करने के लिए असेम्बली भाषा (Assembly Language) और मशीनी भाषा (Machine Language) ज्ञान की आवश्यकता होती थी जिसमें अधिक जटिलता थी। इस समस्या के निवारण हेतु एक ऐसी कम्य भाषा की आवश्यकता महसूस की गई जो सीखने में सरल हो और जिसमें प्रोग्राम तैयार करने के लिए कम्प्यूटर के आन्तरिक तार्किक परिपथ के पूर्ण ज्ञान की आवश्यकता न हो। इस भाषा को अंग्रेजी में लिखने का विचार दिया गया जिससे इसे समझने और याद करने में आसानी रहे। अन्त में ऐसी कम्प्यूटर भाषाओं का विकास हुआ जिनके शब्द और नियम अंग्रेजी भाषा में होते थे।
वे कम्प्यूटर भाषाएं जिनके निर्देश अंग्रेजी में लिखे जाएं और इन्हें अन्य विशेष प्रोग्राम के द्वारा मशीनी भाषा (Machine Language) में अनुवादित किया जा सके, उच्चस्तरीय भाषाएं (High Level Languages) कहलाती हैं। उच्चस्तरीय भाषा के प्रोग्राम को कम्प्युटर सीधे नहीं समझ सकता है, क्योंकि इसके निर्देश मशीनी स्तर पर मशीन कोड (1 और 0) में न होकर अंग्रेजी भाषा में होते हैं। उच्चस्तरीय भाषा में लिखे हुए प्रोग्राम, क्योंकि मशीन स्तर पर नहीं लिखे जाते हैं इसलिए ये मशीन पर आधारित (Machine Dependent) नहीं होते हैं। अतः उच्च स्तरीय भाषा में लिखे प्रोग्राम एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर में स्थानान्तरित करके भी आसानी से प्रयोग किए जा सकते हैं।
प्रत्येक उच्च स्तरीय भाषा के प्रोग्राम को कम्प्यूटर में क्रियान्वित (Execute) करने से पहले मशीनी भाषा में अनुवादित करना आवश्यक है। इस कार्य के लिए अनुवादक प्रोग्राम (Translator Program) की सहायता ली जाती है। अनुवादक प्रोग्राम प्रायः कम्प्यूटर की असेम्बली भाषा में लिखे जाते हैं। चित्र 2.35 (a) में उच्चस्तरीय भाषा के प्रोग्रामों के विभिन्न अनुवाद समझाए गए हैं। चित्र 2.35 (b) में यह समझाया गया है कि किस प्रकार मशीन से स्वतन्त्र अनुवाद करने की विधि का प्रयोग करके एक उच्चस्तरीय भाषा के प्रोग्राम को मशीनी भाषा में अनेक कम्प्यूटरों के लिए अनुवादित किया जाता है।
उच्चस्तरीय भाषा के प्रोग्राम को मशीनी भाषा में अनुवादित करने वाले प्रोग्राम, अनुवादक प्रोग्राम (Translator Program) कहलाते हैं।
अनुवादक प्रोग्राम (Translator Program) दो प्रकार के होते हैं :
(a) इण्टरप्रेटर (Interpreter) : अनुवादक (Translator) जो उच्चस्तरीय भाषा के प्रोग्राम के एक-एक निर्देश को बारी-बारी से सभीनी भाषा में अनवादित करके क्रियान्वित (Execute) करते हैं. इण्टरप्रेटर कहलाते हैं। ये प्रोग्राम को क्रियान्वित (Execute) करने में कम समय लेते हैं।
(b) कम्पाइलर (Compiler) : वे अनुवादक जो उच्चस्तरीय भाषा (High Level Language) के प्रोग्राम के सभी निर्देशों को एक बार में ही मशीनी भाषा में अनुवादित (Translate) करते हैं, कम्पाइलर कहलाते हैं। ये प्रोग्राम को क्रियान्वित (Execute) करने में अधिक समय लेते हैं। उच्चस्तरीय भाषा में प्रोग्राम तैयार करने से पहले समस्या (Problem) जिसको हल करना है, कि एक कार्यविधि हम अपनी मानवीय भाषा (Manual Language) में कागज पर लिख लेते हैं जिसने प्रोग्राम लिखने में सहायता मिलती है। मानवीय भाषा (जैसे—अंग्रेजी) में लिखी गई समस्या के हल की कार्यविधि या तर्क (Logic) या एल्गोरिथ्म (Algorithm) कहलाती है।
उच्च स्तरीय भाषा के प्रकार (Types of High Level Language)
उच्च स्तरीय भाषाएं उपयोग के आधार पर दो प्रकारों में बांटी गई हैं :
(A) प्रोसीजर पर आधारित भाषाएं (Procedure Oriented Languages)
(B) समस्या पर आधारित भाषाएं (Problem Oriented Languages)
इन भाषाओं में समस्याओं के हल की पूर्व निर्मित (Ready-made) विधियां (Procedures) संगृहीत रहती हैं। FOXPRO, ORACLE, MS-SQL आदि भाषाएं समस्या पर आधारित भाषाओं (Problem Oriented Languages) की श्रेणी में आती हैं।
निम्नलिखित FOXPRO में लिखा निर्देश इसके समस्या पर आधारित गुण को दिखाता है : DISPLAY NAME FOR SALARY > 5,000
उच्चस्तरीय भाषाओं के उदाहरण (Examples of High Level Languages) वर्तमान में अनेक उच्च स्तरीय भाषाएं उपलब्ध हैं। कुछ लोकप्रिय उच्च स्तरीय भाषाओं के उदाहरण निम्नलिखित हैं : (A) FORTRAN-FORTRAN शब्द FORmula TRANslation का संक्षिप्त रूप है। यह भाषा IBM (International Business Machines) के जॉन बेकस (John Backus) ने सन् 1957 में विकसित की थी। यह भाषा वैज्ञानिक और गणितीय समस्याओं को हल करने के लिए एक उच्च स्तरीय भाषा है। __FORTRAN भाषा सबसे पहली उच्च स्तरीय भाषा है। इस भाषा के संस्करण FORTRAN IV और FORTRAN 77 बहुत ही लोकप्रिय संस्करण थे।
(B) COBOL (कोबोल) : COBOL शब्द Common Business Oriented Language का संक्षिप्त रूप है। यह भाषा व्यापारिक डाटा प्रक्रिया (Business Data Processing) की समस्याओं को हल करने वाला उच्च स्तरीय भाषा है। इस भाषा के विकास का कार्य सन् 1959 में कमाण्डर ग्रेस मरे हॉपर (Grace Murray Hopper) के मार्गदर्शक में अमेरिका के रक्षा विभाग में हुआ। बाद में इस भाषा के विकास का काय एक समूह ‘कोडासिल’ (CODASYL-Conference on Data Systems Languages) को सौंप दिया गया। सबसे पहली औपचारिक COBOL भाषा की रिपोर्ट (Report) सन् 1960 में छपी। इसके बाट COBOL भाषा में कुछ सुधार हुआ और सन् 1968 में इसका नया संस्करण (Version) आया।
(C) BASIC (PAF) : BASIC STC Beginner’s All purpose Symbolic Instruction Code का संक्षिप्त रूप है। यह माइक्रोकम्प्यूटर में बहत अधिक उपयोग की जाने वाली और सीखने में सरल उच्च स्तरीय भाषा है। यह सन् 1964 में डार्ट माउथ कॉलेज (Dart Mouth College), अमारक ज (Dr. John Kemeny and Thomas Kurtz) ने विकसित की थी। बेसिक (BASIC) भाषा कम्प्यूटर में प्रोग्रामिंग (Programming) सीखने के लिए एक उपयुक्त उच्चस्तरीय भाषा है। यह अधिकतर माइक्रोकम्प्यूटर और पी. सी. में उपलब्ध होती है। ___
(D) PASCAL (पास्कल)
यह ALGOL 60 भाषा से जनित भाषा है। इस भाषा का नाम महान। गणितज्ञ ब्लेज पास्कल (Blaise Pascal) के नाम पर दिया गया है। इसे निक्लस वर्थ (Niklaus Wirth) ने सन् 1970 में विकसित किया था। इसका विकास सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) का तैयार करने के लिए किया गया था। यह भाषा एक ब्लॉक संरचना भाषा (Block Structured Language) है। यह पास्कल इण्टरप्रिटेटर और कम्पालयर दोनों ही रूपों में उपलब्ध है।
सी-लैंग्वेज यह सॉफ्टवेयर विकास की कडी में महत्वपूर्ण लैंग्वेज है। लैंग्वेज के अधिकांश उन्नत संस्करण (एडवांस्ड वर्जन) सी लैंग्वेज पर आधारित होते हैं। ऑपरेटिंग सिस्टम (ओएस) आदि इसी भाषा के जरिए विकसित किए जाते हैं। सी लैंग्वेज हाई लेवल स्टेटमेटस तथा लो लेवल मशीन लैंग्वेज का सम्मिश्रण है। इस भाषा में ग्राफिक्स तथा एनीमेशन भी किए जा सकते हैं। सी की शक्तिशाली लाइब्रेरी फक्शन (रडीमेड कोड) से अधिकांश समस्याओं का हल किया जा सकता है। सी++-लैंग्वेज सी भाषा का ही आधनिक रूप है सी प्लस-प्लस। बेजान स्टोरटिप ने इसे विकसित किया था। सी प्लस-प्लस भाषा के लोकप्रिय होने का प्रमख कारण यह है कि इसमें सी भाषा के सभी पारम्परिक फीचरों के अलावा आब्जेक्ट ऑरिएनटेड प्रोग्रामिंग की भी क्षमता थी। माइक्रोसॉफ्ट का विजुल सी प्लस-प्लस सबसे अधिक उपयोग में लाए जाने वाला सी प्लस का कम्पालयर है।।
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