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अध्यारोपण प्रतिबिम्ब क्या होता है ? Super position Image in hindi (प्रतिबिंब) Superposition

Solved591 viewsजीव विज्ञान
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प्रश्न : अध्यारोपण प्रतिबिम्ब क्या होता है ? Super position Image in hindi (प्रतिबिंब) Superposition ?

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admin Selected answer as best November 10, 2022
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अध्यारोपण प्रतिबिम्ब (Super position Image)

रात्रि के मन्द प्रकाश में वर्णक कोशिकाएँ संकुचित होकर नेत्रांशकों के निचले भागों में एकत्र हो जाती हैं। जिसके कारण पडौसी नेत्रांशक एक-दूसरे के सम्पर्क में आकर एक साथ मिलकर प्रतिबिम्ब बनाते हैं। इस प्रक्रिया में प्रकाश की सभी किरणें, जो कॉर्निया से टकराती है, सभी प्रतिबिम्ब बनाने की क्षमता रखती हैं। विभिन्न कोणों से पड़ने वाली किरणें भी नेत्रांशकों द्वारा ग्रहण कर ली जाती हैं तथा मार्ग में पड़ने वाले अन्य नेत्रांशकों में भी चली जाती है। इस तरह प्रत्येक नेत्रांशक केवल अपने सामने पड़ने वाले वस्तु के भाग को ही नहीं देखता है बल्कि दूसरे नेत्रांशकों के सामने वाले भाग से आने वाली किरणों को भी ग्रहण कर उसे भी देखता है। इस पकार प्रतिबिम्ब पूर्व की तरह छोटे-छोटे टुकड़ों में न बन कर अविच्छन (continuous) होता है तथा इसे अध्यारोपण प्रतिबिम्ब (apposition image) कहते हैं। इस तरह का प्रतिबिम्ब केवल वस्तु का आभास देता है क्योंकि यह प्रतिबिम्ब स्पष्ट नहीं होता है।

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  1. स्पर्श ग्राही (Thigmoreceptor): कॉकरोच की शृंगिकाओं पर पाए जाने वाले संवेदी रोम, स्पर्शकों, टांगों व देह पर पाये जाने वाले शुक, स्पर्श ग्राही संवेदी संरचनाओं का निर्माण करते हैं। ये मुख्य रूप से भोजन की खोज में सहायक होते हैं।
  2. रसायन ग्राही (Chemoreceptor) : कॉकरोच के मुखांगों पर स्वाद ग्राही शूक (gustatory setae) पाये जाते हैं जो स्वाद ज्ञान कराते हैं। ये मुख्य रूप से प्रथम जोड़ी जम्भिकाओं उनके स्पर्शकों, लेबियल स्पर्शकों तथा अधोग्रसनी में पाये जाते हैं।
  3. श्रवण ग्राही (Auditory receptor) : गुदालूमों (anal cirri) पर पाये जाने वाले संवेदी रोम वायु या पृथ्वी द्वारा उत्पन्न ध्वनि तरंगों को ग्रहण कर उनके प्रति अनुक्रिया प्रदर्शित करते हैं।
  4. प्रॉप्रिओरिसेप्टर (Proprioreceptors) : ये संवेदी अंग जम्भिका स्पर्शकों तथा टांगों के जोडों पर पाये जाते हैं तथा भोजन ग्रहण करने के समय तथा गति करते समय क्यूटिकल में होने वाली विकृतियों को ग्रहण करते हैं।
  5. ताप एवं घ्राण ग्राही (Thermo and olfactory receptors): ये संवेदांग मुख्य रूप से शृगिकाओं तथा स्पर्शकों पर संवेदी रोमों के रूप में पाये जाते हैं।
admin Selected answer as best November 10, 2022
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