JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: Physics

नेज अर्धचालक , n –  प्रकार के अर्द्धचालक , p- प्रकार का अर्धचालक

प्रश्न 1 : नेज अर्धचालक की संरचना समझाइये एवं इसमें धारा प्रवाह किस प्रकार होता है।

उत्तर :  नेज अर्धचालक (pure semiconductor) की संरचना सम चतुष्फलकीय होती है किसी अर्द्धचालक की संरचना समझने के लिए जर्मेनियम (Ge) का उदाहरण लेते है जिसका इलेक्ट्रोनिक विन्यास 2,8,18,4 होता है। इसके बाहरी कोश में ele  की संख्या 4 होती है। अतः यह अष्टक बनाने के लिए अन्य जर्मेनियम परमाणु के 4 इलेक्ट्रॉन से सह संयोजक बंध बना लेते है। इस प्रकार एक भी e स्वतंत्र नहीं है। अतः शून्य कैल्विन ताप पर पूर्ण कुचालक होता है। जैसे जैसे ताप बढ़ाते है वैसे वैसे e तापीय ऊर्जा ग्रहण करके चालन बैण्ड में पहुच जाते है। इस प्रकार संयोजकता बैण्ड में इलेक्ट्रॉन की कमी हो जाती है इस कमी को कोटर कहते है। जो धनावेशित कण की तरह व्यवहार करती है। इस प्रकार नेज अर्द्धचालक में स्वतंत्र e की संख्या ne और स्वतंत्र कोटरों की संख्या n दोनों बराबर होते है।

ne =  nn

जब नेजअर्द्धचालक को जब किसी बैटरी से जोड़ते है तो स्वतंत्र e बैटरी के धन सिरे की ओर व कोटर ऋण सिरे की ओर गति करते है। परन्तु दोनों के कारण धारा एक ही दिशा में प्रवाहित होती है यदि इलेक्ट्रॉन के कारण धारा Ie और कोटर के कारण धारा I है तो –

Ie = In

डाईग्राम

प्रश्न 2 :  n – प्रकार के अर्द्धचालक का निर्माण चित्र बनाकर समझाइये?

उत्तर :  n –  प्रकार के अर्धचालक (n – type semiconductor):-  यदि शुद्व अर्द्धचालक जैसे Ge में ऐसे अशुद्वि मिलाये जिसके बाहरी कोश में 5 e हो जैसे कि आर्सेनिक, एंटीमनी, फासफोरस आदि। इस प्रकार की अशुद्वि मिलाने से अशुद्वि के 5 e से 4 ele जर्मेनियम परमाणु के 4 e से सहसंयोजक बंध बना लेते है। अशुद्धि का 5 वाॅ इलेक्ट्रॉन सहसंयोजक बंध बनाने में काम में ही आता है अतः ऊष्मीय ऊर्जा ग्रहण करके अर्द्धचालक के चालन बैण्ड में पहँुच जाता है और धारा प्रवाह में सयंोग करता है इस प्रकार इसमें धारा प्रवाह स्वतंत्र e के कारण होताहै इसलिए इसे  n- प्रकार का अर्द्धचालक कहते है। इसमें ताप जनित कोटर भी होते है परन्तु इनकी संख्या बहुत कम होती है। इसलिए इन्हें अल्प संख्यक धारावाहक कहते है तथा स्वतंत्र e को बहु संख्यक धारावाहक कहते है। इसमें अशुद्वि धारा प्रवाह के लिए 1 e का त्याग करती है। इसलिए अशुद्वि को दाता प्रकार की अशुद्वि कहते है।

डाईग्राम

प्रश्न 3 :  p- प्रकार के अर्द्धचालक  का निर्माण चित्र बनाकर समझाइये?

उत्तर :  p –  प्रकार के अर्धचालक (p – type semiconductor):-  यदि शुद्ध अर्द्धचालक जैसे जर्मेनियम में ऐसी अशुद्वि मिलाये जिसके बाहरी  कोश में 3 e है जैसे बोराॅन, इण्डियम, एलयुमिनियम आदि तो जर्मेनियम के 4e मेंसे 3 e अशुद्धि के 3 el से सहसंयोजक बंध बना लेते है। जर्मेनियम के चौथे इलेक्ट्रॉन को संहसयोजक बंध बनाने के लिए 1e  की कमी है इस कमी को कोटर कहते है जो धनावेशित कण की तरह व्यवहार करती है धारा प्रवाह इन कोटर के द्वारा होता है इसलिए इसे p – प्रकार का अर्द्धचालक कहते है इसमें ताप जनित electron भी होते है। जिन्हें अल्प संख्यक धारा वाहक कहते है जबकि स्वतंत्र कोटरों को बहुसंख्यक धारा वाहक कहते है। अशुद्धि 1 e को ग्रहण करती है इसलिए अशुद्धि को ग्राही प्रकार की अशुद्धि कहते है।

Sbistudy

Recent Posts

सारंगपुर का युद्ध कब हुआ था ? सारंगपुर का युद्ध किसके मध्य हुआ

कुम्भा की राजनैतिक उपलकियाँ कुंमा की प्रारंभिक विजयें  - महाराणा कुम्भा ने अपने शासनकाल के…

4 weeks ago

रसिक प्रिया किसकी रचना है ? rasik priya ke lekhak kaun hai ?

अध्याय- मेवाड़ का उत्कर्ष 'रसिक प्रिया' - यह कृति कुम्भा द्वारा रचित है तथा जगदेय…

4 weeks ago

मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi

malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…

2 months ago

कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए

राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…

2 months ago

हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained

hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…

2 months ago

तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second

Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…

2 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now