JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi sociology physics physical education maths english economics geography History

chemistry business studies biology accountancy political science

Class 12

Hindi physics physical education maths english economics

chemistry business studies biology accountancy Political science History sociology

Home science Geography

English medium Notes

Class 6

Hindi social science science maths English

Class 7

Hindi social science science maths English

Class 8

Hindi social science science maths English

Class 9

Hindi social science science Maths English

Class 10

Hindi Social science science Maths English

Class 11

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Class 12

Hindi physics physical education maths entrepreneurship english economics

chemistry business studies biology accountancy

Categories: sociology

अमेरिका में प्रोटेस्टैंट कट्टरपंथ (Protestant Fundamentalism in U.S.A. in hindi) नव धार्मिक अधिकार आंदोलन

नव धार्मिक अधिकार आंदोलन अमेरिका में प्रोटेस्टैंट कट्टरपंथ (Protestant Fundamentalism in U.S.A. in hindi) 

अमेरिका में प्रोटेस्टैंट कट्टरपंथ (Protestant Fundamentalism in U.S.A.)
इससे पहले के अनुभाग में हमने एक ऐसे समाज में इस्लामी कट्टरपंथ के सिर उठाने के विषय में जानकारी प्राप्त की जिसका ध्रुवीकरण अभिजात वर्गीय सामाजिक-आर्थिक नीतियों के हाथों में था और जिसका शोषण उसकी तेल संपदा के लिए तमाम विदेशी ताकतों के हाथों हुआ। हमने देखा कि इस्लाम की सार्वभौमिकता और केंद्रीयता की धारणाओं ने किस प्रकार इस्लामी राज्य की स्थापना को संभव बनाया। हमने समूचे इस्लामी इतिहास में धर्म और सरकार की अस्मिता पर गौर किया। इस अनुभाग में हम अमेरिकी राजनीतिक जीवन एवं धार्मिक मूल्यों और अमेरिकी लोकतंत्र में मौजूद कट्टरपंथी आदर्शों के बीच के घनिष्ठ संबंध का अध्ययन करेंगे। इसे और अच्छे ढंग से समझने के लिए हम पहले अमेरिकी इतिहास की पृष्ठभूमि का विवरण देंगे। फिर हम उन धार्मिक अधिकार आंदोलनों की विवेचना करेंगे जिनसे यह प्रदर्शित होता है कि कट्टरपंथी धार्मिक मूल्य, किसी प्रकार अनेक रूपों में अमेरिका के सामान्य और धार्मिक जीवन में व्याप्त रहे।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (The Historical Background)
ईसाई धर्म का राज्य के साथ संबंध अत्यंत स्पष्ट रहा है। ईसाई धर्म के प्रारंभिक वर्षों में इसके अनुयायियों को प्रताड़ित किया गया। इसने अपने आप को यूरोप के बहुसंख्यक धर्म के रूप में स्थापित कर लिया, उसके बाद भी प्रशासन के साथ इसकी अस्मिता कभी पूर्ण नहीं रही। वास्तव में चर्च और राज्य का अंतर या अलगाव यूरोपीय इतिहास की एक विशेषता है।

सोलहवीं शताब्दी में प्रोटेस्टैंटवाद के उदय न ईसाई रूढ़िवादी परंपरा को चुनौती दी। उस समय उभरने वाले प्रोटेस्टैंट मतों ने चर्च द्वारा एकत्र अपार संपदा की ओर अंगलि उठाई। यह पवित्र ग्रंथ बाइबिल की ओर वापसी का संकेत था और इसमें पादरियों की भूमिका पर प्रहार किया गया था। अधिकांश प्रोटेस्टैंट मतों ने किसी मध्यस्थ की भूमिका के बिना परमेश्वर और भक्त के बीच प्रत्यक्ष संबंध की हिमायत की। बड़ी तादाद में प्रोटेस्टैंट लोग ब्रिटेन के तटों को छोड़ अमेरिकी उपनिवेशों में जा बसे जहाँ वे शांतिपूर्वक अपने धर्म का पालन कर सकते थे। कालांतर में अमेरिका ने अपने आप को ब्रिटिश राज से आजाद कर लिया और संयुक्त राज्य अमेरिका का जन्म हुआ।

विगत दो शताब्दियों में अमेरिका धर्मों और संस्कृतियों का संगम बन गया है। पूरी दुनिया में बेहतर जीविका की तलाश करते लोगों या धार्मिक और/अथवा जातीय उत्पीड़न के शिकार लोगों ने अमेरिका को अपना घर बनाया है।

आप अच्छी तरह जानते हैं कि अमेरिका द्वितीय विश्व युद्ध के बाद एक ‘‘महाशक्ति” बन गया। यह प्राकृतिक संसाधनों, प्रौद्योगिकी और प्रशिक्षित मानवशक्ति की दृष्टि से अत्यधिक संपन्नं है। इसके नागरिकों का जीवन स्तर ऊँचा है। अमेरिका में ‘धर्म का अनुपालन व्यक्तिगत स्तर पर होता है। इतनी अधिक कौमों और संस्कृतियों की भूमि होने के कारण धार्मिक बहुलवाद. अमेरिकी लोकाचार का एक अंग रहा है।

बॉक्स 2
अमेरिका के धार्मिक जीवन की एक दिलचस्प विशेषता है वहां की धार्मिक एकजुटता का ऊंचा स्तर या अनेकानेक मतो और संप्रदायों तक इसकी पहुँच । अमेरिका में एक ही परिवार के विभिन्न सदस्यों का अलग-अलग चर्चों या संप्रदायों से संबद्ध होना आम बात है। उदाहरण के लिए, मां बैपटिस्ट हो सकती है, पिता पेंटीकोस्टल, पुत्र बौद्ध हो सकता है तो पुत्री नास्तिक।

यहाँ यह बात गौर करने लायक है कि अमिश और मोरमोन जैसे कुछ समुदाय भी हैं जिनके लिए धर्म सामुदायिक जीवन का आधार रहा है। उन्होंने उत्साहपूर्वक अपने मूल्यों और जीवनशैलियों की रक्षा की है और अपनी जीवन पद्धति को हानि पहुंचाने वाले किसी भी बाहरी प्रभाव को टाला है और उसका विरोध किया है।

इस पृष्ठभूमि के कारण आप को शायद यह बात आसानी से समझ में नहीं आएगी कि 1970 के दशक के अंत में अमेरिका में एक दक्षिणपंथी, संकीर्णतावादी (अनुदार) आंदोलन उभरा। इसके प्रवक्ता टी.वी. और रेडियों पर अपना संदेश प्रसारित करने वाले कुछ प्रचारक थे। उन्होंने लाखों अमेरिकियों को आकर्षित कर लिया, और इन अमेरिकियों ने उनके विशेष कार्य के लिए बड़ी-बड़ी रकमें दान में दी। शीघ्र ही ये प्रचारक टी.वी. चैनलों, प्रकाशन गृहों, स्कूलों और उच्चतर ज्ञान के केंद्रों के स्वामी बन गए। जनसंचार के माध्यमों के नियंत्रण और प्रयोग के कारण उनकी प्रचार पद्धति का नाम ‘‘टेलीविजन प्रचार पद्धति” पड़ गया। अब हम इस प्रकार की प्रचार पद्धति का अध्ययन करेंगे।

 ‘‘नव धार्मिक अधिकार आंदोलन‘‘
अमेरिका में हाल के संकीर्णतावादी प्रोटेस्टैंट कट्टरपंथी आंदोलन के अपने अध्ययन में वाल्टर कैप्स (1990) ने इसकी मुख्य विशेषताएँ बताई हैं।

प) नव धार्मिक अधिकार आंदोलन ने व्यक्तिगत पवित्रता और राष्ट्रीय देशभक्ति के बीच संबंध की बात करके राष्ट्र का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। इस आंदोलन ने बाइबिल के सिद्धांतों की तुलना लोकतांत्रिक समाज की आदर्शों से की। इसने अमेरिका को ‘‘ईसाई राष्ट्र के रूप में देखा और धार्मिक मूल्यों और राजनीतिक प्रतिबद्धता को मिलाने का प्रयास किया। इसी कारण इसे अमेरिकी नागरिक धर्म के संकीर्णतावादी संस्करण का रूप मिला।

पप) इस आंदोलन का यह विश्वास था कि धर्म और देशभक्ति साथ-साथ चलते हैं, इसलिए इसने धर्म को सार्वजनिक जीवन से दूर व्यक्तिगत दायरे में रखने वाले उदारवादी या प्रगतिशील विचारों को खारिज या अस्वीकार कर दिया। संकीर्णतावादी धार्मिक नेताओं का मानना था कि उदारवाद कमजोर और बेअसर था और राष्ट्र की शक्ति को सोखने वाला था। धार्मिक विश्वास के बिना अमेरिकी समाज के पुनःसशक्त होने की आशा नहीं की जा सकती।

पपप) इस आंदोलन ने पितृसत्तात्मक मूल्यों पर जोर दिया। इस आंदोलन ने ठीक उसी समय महत्ता हासिल की जब अमेरिकी समाज के पितृसत्तात्मक व्यवस्थापन को चुनौती दी जा रही थी। पुरुषों और स्त्रियों की भूमिकाओं के प्रति अभिवृत्तियाँ तो बदल ही रही थीं। परिवार के प्रतिमान भी बदल रहे थे। केवल मां या केवल पिता वाले परिवार, बिना विवाह के साथ-साथ रहने बाले जोड़े और समलैंगिक संबंध सामाजिक परिदश्य की आम प्रवृत्ति बन गए थे। आंदोलन के अधिकांश उपदेश पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों की पवित्रता, गर्भपात, नारी स्वतंत्रता, समलैंगिकता और अश्लील साहित्य के संबंध में थे जिनसे राष्ट्रीय मूल्यों और एकजुटता को क्षति पहुंच रही थी।
पअ) आंदोलन का एक नारा था “अमेरिका को फिर वापस लाओं‘‘। इस संबंध में, क्लिफोर्ड ग्यर्टस की धर्म के सामाजिक प्रकार्यों की परिभाषा महत्वपूर्ण हो जाती है। ग्यर्टस अनेक और जटिल तरीकों की बात करता है जिनसे धार्मिक अभिप्रेरणाएं और आकांक्षाएं मिल कर किसी समाज के अंदर संसक्ति और संश्लेषण की रचना करती हैं। नव धार्मिक अधिकार आंदोलन जानबूझ कर और सचेत होकर एक अपेक्षाकृत सुखी और बीते युग की बात करता है जब सामाजिक संसक्ति आस्तित्व में थीं, और साझे धार्मिक और देशभक्ति आदर्श एक ही थे।

नव धार्मिक अधिकार आंदोलन के उपदेश बहुधा उन तमाम शक्तियों की निंदा और भर्त्सना का रूप ले लेते हैं जिन्होंने अमेरिकी समाज की एकता और संसक्ति को अस्त व्यस्त या नष्ट कर दिया। उनके अनुसार, इस प्रकार की चिंता केवल तभी वापस लाई जा सकती है जब धर्म एक बार फिर सार्वजनिक जीवन की महत्वपूर्ण शक्ति बन जाए।
अ) नव धार्मिक अधिकार आधुनिकता के कुछ पहलुओं का विरोध करता है। नया, संकीर्णतावादी आंदोलन इस तथ्य से परिचित है कि अमेरिकी समाज की धर्मनिरपेक्षीकरण करने वाली प्रवृति धर्म को व्यक्तिगत दायरे में धकेल रही है। इन संकीर्णतावादियों के अनुसार अमेरिकी नागरिकों के पवित्र मूल्यों को आधुनिकता की शक्तियाँ क्षति पहुँचा रही थी। अमेरिका समाज ‘‘उच्छृखल” हो गया है, यह परमेश्वर के बताए मार्ग से हट गया है।

अप) पहले अमेरिका के धार्मिक संकीर्णतावाद और धुर दक्षिणपंथी समूहों की अभिव्यक्ति न्यूनतम होती थी। इसे बुद्धिजीवी विरोध और राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाने की प्राथमिकता दी जाती थी। वे अपने आप को राष्ट्रीय मुख्यधारा के बाहर मानते थे और वहीं रहना पसंद करते थे। इसके अत्यंत विपरीत, नव धार्मिक अधिकार आंदोलन ने राष्ट्रीय मुख्यधारा का अंग बनने की कोशिश की है। आंदोलन की आकांक्षा है कि उसे बुद्धिजीवी स्तर पर गंभीरता से लिया जाए। इसके एक अत्यंत प्रभावशाली प्रचारक फैरी फालवेल ने लिबर्टी यूनिवर्सिटी नाम के एक कालेज की स्थापना की है और उसका दावा है कि यह अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ कालेजों में है।
अपप) इसके अतिरिक्त, नव धार्मिक अधिकार आंदोलन खुले और सुविचारित तौर पर राजनीतिक मानसिकता वाला आंदोलन है। इसे रोनाल्ड रीगन प्रशासन (सरकार) का सरंक्षण प्राप्त था और यह राष्ट्रपति के आने वाले चुनावों के लिए प्रत्याशी भी तैयार कर रहा था। इसकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का स्रोत इस विश्वास का था कि समाज में नई शक्ति फूंकने के लिए धर्म की आवश्यकता थी, कि धार्मिकता और देशभक्ति एक ही बात थी और अमेरिका को उच्छंखलता से मुक्ति दिलाना अनिवार्य था।

अपपप) जैसा कि पहले बताया जा चुका है, नव धार्मिक अधिकार आंदोलन के व्यापक संपर्क और प्रभाव का श्रेय जनसंचार के माध्यमों को जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि फेरी फालवेल, पैट रॉबर्टसन, फिम और टैमैसी बेकर जैसे उसके महत्वपूर्ण नेता कुशल टी. वी संदेश प्रसारक थे। रोनाल्ड रीगन को ‘‘महान संदेश प्रसारक कहा जाता था, और जैसे उन्होंने टेलीविजन का इस्तेमाल अपने अत्यंत महत्वपूर्ण संदेशों को प्रसारित करने के लिए किया, वैसे ही नव धार्मिक अधिकार आंदोलन ने टी.वी. का इस्तेमाल प्रसारण के प्रमुख साधन के रूप में किया जिसके माध्यम से उसने अपनी विचारधारा से संबंधित संदेशों का प्रसारण किया। यह आंदोलन राष्ट्रवासियों की बैठकों तक पहुंच गया है, जहाँ पारिवारिक मूल्यों पर इसके जोर की गूंज दर्शकों के हृदयों में प्रतिध्वनित हुई है।

नव धार्मिक अधिकार आंदोलन के समर्थकों ने एक विशिष्ट धार्मिक विश्व दर्शन को अपनाया है जिसका प्रसारण उन्होंने बाइबिल से लिए गए बिम्बों और कथाओं के माध्यम से किया है। बाइबिल को इस संदर्भ में पूर्ण सत्य का स्रोत माना गया है। इस प्रवृत्ति के कारण अन्य विश्व विचारों को बढ़ावा मिलता है। बाइबिल के आदेशों और अमेरिकी जीवन शैली के लिए खतरा बनने वाली षड्यंत्रकारी प्रवृत्तियों का पता लगा कर उनकी निंदा की जाती है। विश्व की स्थितियों या तत्वों को एक दूसरे की विरोधी शक्तियों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। कोई चीज या स्थिति या तो अच्छी होती है या बुरी, वह प्रकाश का प्रतीक होती है अथवा अधंकार का, सत्य को साकार करती है या असत्य का उनकी दृष्टि में कोई मध्य मार्ग नहीं होता।

अमेरिका को परमेश्वर की चुनी हुई भूमि और अमेरिकियों को परमेश्वर के चुने हुए लोग बताया जाता है। बाइबिल को इस प्रकार पढ़ना समकालीन राजनीतिक टिप्पणी का आधार बन जाता है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के प्रति स्पष्ट अभिवृत्तियों को बाइबिल से लिया जाता है। इस तरह, इस आंदोलन ने अपने आप को राष्ट्रीय राजनीतिक जीवन के केंद्र के निकट कर दिया है।
पग) यह आंदोलन अमेरिकी संस्कृति की अनेकरूपता को क्षति पहुंचाता है। जैसे कि पहले चर्चा की जा चुकी है, अमेरिकी संस्कृति का पोषण अनेक और विविध जातीय और धार्मिक धाराओं ने किया है। अनेकरूपता विश्वासों और नीतिगत मापदंडों को प्रोत्साहित करती है। लेकिन, संकीर्णतावादी आंदोलन समग्रता के पक्ष में तर्क देता है। इसके अनुसार एकमात्र प्रोटेस्टैंट ईसाई जीवन शैली ही अमेरिकी लोकतंत्र से मेल खाती है। मनुष्यों को उपलब्ध धार्मिक अनुभवों की विविधता की प्रशंसा करने के बजाय यह आंदोलन सही शिक्षा, सही मूल्यों और एक विशिष्ट प्रोटेस्टैंट जीवन शैली का प्रचार करता है। यह बाहरी प्रभावों को विशिष्ट अमेरिकी जीवन शैली के लिए खतरा समझता है। संक्षेप में, ये थीं विशेषताएँ उन नए प्रकार के संकीर्णतावादी प्रोटेस्टैंट कट्टरपंथ की जो 1970 के दशक के अंत में और 1980 में पूरे अमेरिका में फैल गया था।

आप ‘‘नागरिक धर्म‘‘ के विषय में रॉबर्ट बेला के विचार पढ़ हो चुके हैं। अपने लेख ‘‘सिविल रिलिजन इन अमेरिका‘‘ (अमेरिका में नागरिक धर्म) में बेला ने दावा किया है कि ‘‘अमेरिका में चर्चों से बिल्कुल भिन्न एक विस्तृत और सुसंस्थापित नागरिक धर्म श्वास्तव में मौजूद है।‘‘ उसने इसे ‘‘अमेरिकी जीवन शैली का धर्म‘‘ कहा है। उसने अपने कथन के संदर्भ में कट्टरपंथ को अप्रासंगिक बताते हुए खारिज कर दिया। लेकिन कैप्स के अनुसार, नव धार्मिक अधिकार आंदोलन के धर्म ने अमेरिकी जीवन और लोकतंत्र के मूल्यों के साथ अपने मूल्यों का घनिष्ठ संबंध स्थापित करके एक नागरिक धर्म का दर्जा हासिल करने की कोशिश की है।

इस अनुभाग के प्रारंभ में हमने यह विवरण दिया था कि कैसे धर्मनिरपेक्षीकरण अमेरिकी समाज के लगभग प्रत्येक पहल में व्याप्त था। विरोधाभास है कि यह इससे यह उदाहरण स्थापित होता है कि धर्मनिरपेक्षीकरण जीवन की धार्मिक अंतरधारा को नकार नहीं सकता। रिचले ने अपनी पुस्तक ‘‘रिलिजन इन अमेरिकन पब्लिक लाइफ‘‘ (1985) में यह विचार रखा है कि अमेरिकी लोकतंत्र और अमेरिकी जीवशैली की शक्ति के लिए धार्मिक मूल्य अनिवार्य हैं।

बोध प्रश्न 2
प) अमेरिका में धार्मिक एकजुटता से आप क्या समझते हैं ? अपना उत्तर पांच पंक्तियों में दीजिए।
पप) नव धार्मिक अधिकार आंदोलन ने देशभक्ति को किस प्रकार पवित्रता के समतुल्य समझा? अपना उत्तर पाँच पंक्तियों में दीजिए।
पपप) नव धार्मिक अधिकार आंदोलन का ‘‘अमेरिका को वापस लाओ‘‘ नारे से क्या अभिप्राय था? अपना उत्तर पाँच पंक्तियों में दीजिए।

बोध प्रश्नों के उत्तर

बोध प्रश्न 2
प) अमेरिका में धार्मिक जीवन की एक दिलचस्प विशेषता ऊँचे स्तर की धार्मिक एकजुटता, या व्यापक मतों और संप्रदायों तक उनकी पहुंच रही है। वहाँ एक ही परिवार के सदस्यों का विभिन्न चर्चों या संप्रदायों से जुड़ा होना असामान्य नहीं है। व्यक्तिगत पवित्रता और राष्ट्रीय देशभक्ति के बीच संबंध बाइबिल के सिद्धांतों और लोकतांत्रिक समाज के आदर्श की तुलना से बना। इसने अमेरिका को ‘‘ईसाई राष्ट्र‘‘ बना दिया और धार्मिक मूल्यों तथा राजनीतिक प्रतिबद्धता को मिलाने का प्रयास किया।
पप) नव धार्मिक अधिकार आंदोलन जानबूझ कर और सचेत होकर उस सुखमय, पूर्ववर्ती युग की बात करता है जब सामाजिक संसक्ति मौजूद थीय जिस युग में साझे धार्मिक और देशभक्ति आदर्श एक ही थे। नव.धार्मिक अधिकार आंदोलन के उपदेश अक्सर उन कारकों की निंदा या भर्त्सना करते हैं जिसने अमेरिकी समाज की एकता और सक्ति को अस्त-व्यस्त या नष्ट किया । इस तथ्य को स्पष्ट करने वाला एक नारा

Sbistudy

Recent Posts

द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन क्या हैं differential equations of second order and special functions in hindi

अध्याय - द्वितीय कोटि के अवकल समीकरण तथा विशिष्ट फलन (Differential Equations of Second Order…

1 day ago

four potential in hindi 4-potential electrodynamics चतुर्विम विभव किसे कहते हैं

चतुर्विम विभव (Four-Potential) हम जानते हैं कि एक निर्देश तंत्र में विद्युत क्षेत्र इसके सापेक्ष…

4 days ago

Relativistic Electrodynamics in hindi आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा

आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी नोट्स क्या है परिभाषा Relativistic Electrodynamics in hindi ? अध्याय : आपेक्षिकीय विद्युतगतिकी…

6 days ago

pair production in hindi formula definition युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए

युग्म उत्पादन किसे कहते हैं परिभाषा सूत्र क्या है लिखिए pair production in hindi formula…

1 week ago

THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा

देहली अभिक्रिया ऊर्जा किसे कहते हैं सूत्र क्या है परिभाषा THRESHOLD REACTION ENERGY in hindi…

1 week ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now