हिंदी माध्यम नोट्स
सर्वनाम की परिभाषा क्या है ? सर्वनाम किसे कहते है , उदाहरण , भेद या प्रकार , अभ्यास शब्द pronoun in hindi
pronoun in hindi , सर्वनाम की परिभाषा क्या है ? सर्वनाम किसे कहते है , उदाहरण , भेद या प्रकार , अभ्यास शब्द के वस्तुनिष्ठ प्रश्न और उत्तर ?
सर्वनाम
उस विकारी शब्द को सर्वनाम कहते हैं जो पूर्वापर सम्बन्ध से किसी भी संज्ञा के स्थान में आता है, जैसे, मैं, तुम, वे लोग, वह आदि। सब नामों (संज्ञाओं) के बदले जो शब्द आते हैं उन्हें सर्वनाम कहते हैं। यहाँ यह द्रष्टव्य है कि संज्ञा से जहाँ उसी वस्तु का बोध होता है जिसका वह नाम है, वहाँ सर्वनाम में पूर्वापर सम्बन्ध के अनुसार किसी भी वस्तु का बोष होता है। जैसे ‘लड़का’ कहने से मात्र लड़का का ही बोध होता है, घर, मोटर, स्कूल आदि का बोध नहीं हो सकता, लेकिन ‘वह’ कहने से पूर्वापर सम्बन्ध के अनुसार लड़का, घर, मोटर, सड़क, हाथी, घोड़ा आदि किसी भी वस्तु का बोध के सकता है।
हिन्दी में कुल मिलाकर 11 मुख्य सर्वनाम हैं- मैं, तू, आप, यह, वह, सो, जो, कोई, कुछ, कौन, क्या। प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के छः भेद हैं- पुरुषवाचक, निजवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, सम्बन्धवाचक, प्रश्नवाचक।
पुरुषवाचक सर्वनाम – जो पुरुषों (स्त्री-पुरुष) के नाम के बदले में आता है, वह पुरुषवाचक सर्वनाम है। इसके तीन भेद हैं-उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष । उत्तम पुरुष में वक्ता या लेखक आता है। जैसे मैं, हम । मध्यमपुरुष में पाठक या श्रोता आते हैं, जैसे तू, तुम, आप। अन्यपुरुष में लेखक और श्रोता को छोड़कर अन्य लोग आते हैं, जैसे वह, वे, यह, ये।
निजवाचक सर्वनाम – इसका रूप ‘आप’ है। लेकिन प्रयोग में यह पुरुषवाचक (आदरसूचक) ‘आप’ से बिलकुल भिन्न है। पुरुषवाचक ‘आप’ आदर के लिए नित्य बहुवचन में प्रयुक्त होता है, जैसे आप मेरे लिए पूज्य हैं, आप क्या कह रहे हैं ? पुरुषवाचक ‘आप’ का प्रयोग केवल मध्यम और अन्य पुरुष में होता है। निजवाचक ‘आप’ का प्रयोग एक ही तरह दोनों वचनों और तीनों पुरुषों में होता है। निजवाचक सर्वनाम ‘आप’ का प्रयोग अनेक अर्थों में होता है-
(1) किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चय के लिए निजवाचक ‘आप’ का प्रयोग होता है, जैसे-मैं
आप वही कार्य करता हूँ।
(2) इस ‘आप’ का प्रयोग दूसरे व्यक्ति के निराकरण के लिए भी होता है, जैसे-श्याम ने तो मुझे यहीं रहने को कहा और आप चलता बना।
(3) निजवाचक ‘आप’ का प्रयोग सर्वसाधारण के अर्थ में भी होता है, जैसे-आप भला तो जग भला।
निश्चयवाचक सर्वनाम – निश्चयवाचक सर्वनाम उसे कहते हैं जिससे वक्ता के पास या दूर की किसी वस्तु के निश्चय का बोध होता है। जैसे- यह, वह। यह मेरी पुस्तक है। वह तुम्हारी सायकिल है।
अनिश्चयवाचक सर्वनाम – अनिश्चयवाचक सर्वनाम उसे कहते हैं जिससे किसी निश्चित वस्तु का बोध न हो। जैसे, कोई, कुछ, बहुत कुछ। कोई आ रहा है। बहुत कुछ हो चुका ।
सम्बन्धवाचक सर्वनाम – जिस सर्वनाम से वाक्य में किसी दूसरे सर्वनाम से सम्बन्ध स्थापित किया जाय उसे सम्बन्धवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे–जो, सो। वह कौन है जो मेरी बात नहीं सुन रहा है। जो करें सो कम ही है।।
प्रश्नवाचक सर्वनाम – जिन सर्वनामों का प्रयोग प्रश्न करने के लिए होता है उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- कौन, क्या। कौन आ रहा है ? तुम क्या कर रहे हो ?
Recent Posts
मालकाना का युद्ध malkhana ka yudh kab hua tha in hindi
malkhana ka yudh kab hua tha in hindi मालकाना का युद्ध ? मालकाना के युद्ध…
कान्हड़देव तथा अलाउद्दीन खिलजी के संबंधों पर प्रकाश डालिए
राणा रतन सिंह चित्तौड़ ( 1302 ई. - 1303 ) राजस्थान के इतिहास में गुहिलवंशी…
हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ? hammir dev chauhan history in hindi explained
hammir dev chauhan history in hindi explained हम्मीर देव चौहान का इतिहास क्या है ?…
तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच हुआ द्वितीय युद्ध Tarain battle in hindi first and second
Tarain battle in hindi first and second तराइन का प्रथम युद्ध कब और किसके बीच…
चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी ? chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi
chahamana dynasty ki utpatti kahan se hui in hindi चौहानों की उत्पत्ति कैसे हुई थी…
भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया कब हुआ first turk invaders who attacked india in hindi
first turk invaders who attacked india in hindi भारत पर पहला तुर्क आक्रमण किसने किया…