हिंदी माध्यम नोट्स
विभवमापी क्या है , पोटेंशियोमीटर संरचना चित्र , सिद्धान्त तथा कार्यविधि potentiometer diagram , principle in hindi
potentiometer diagram , principle working in hindi पोटेंशियोमीटर विभवमापी क्या है , संरचना चित्र , सिद्धान्त तथा कार्यविधि : एक ऐसा उपकरण जिसकी सहायता से किसी विभवान्तर या विद्युत वाहक बल का मापन किया जाता है उसे विभवमापी कहते है , इस युक्ति की सहायता से शुद्धता से विभवान्तर का मापन किया जाता है।
अतः याद रखे की जब हमें किसी सेल का विद्युत वाहक बल या दो बिन्दुओ के मध्य विभवान्तर का मान ज्ञात करना होता है तब हम विभवमापी का उपयोग करते है। यह अनंत प्रतिरोध का वोल्ट्मीटर होता है।
किसी सेल का विद्युत वाहक बल निम्न प्रकार ज्ञात करते है
किसी प्रतिरोध के सिरों पर उत्पन्न विभवांतर का मान निम्न प्रकार ज्ञात करते है
संरचना चित्र (structure diagram construction of potentiometer ):
इसमें सामान्तया: मैंगनीन या कांस्टेटन का तार इस्तेमाल करते है क्योंकि इन मिश्र धातुओं का विशिष्ट प्रतिरोध का मान अधिक होता है तथा तप गुणांक का मान बहुत कम होता है ताकि ये ताप से कम प्रभावित रहे।
इसमें एक 10 मीटर का तार लेते है जिसका अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल समान रहे अर्थात जिसकी मोटाई हर जगह पर समान हो , अब इस 10 मीटर तार को एक एक मीटर का काटकर दस भाग कर लेते है और लकड़ी के एक मीटर स्केल के समांतर तनी हुई अवस्था में बांध देते है जैसा चित्र में दर्शाया गया है , इसमें एक सर्पी कुंजी भी लगी रहती है जिसे जरुरत अनुसार सरकाया जा सके और किसी भी तार से स्पर्श करवाया जा सके इसे भी चित्र में दिखाया गया है। सभी तार तांबे की पत्तियों की सहायता से श्रेणीक्रम में जुड़े रहते है।
विभवमापी का सिद्धान्त तथा कार्यविधि (principle of potentiometer and working )
अज्ञात विभवांतर या वि.वा.बल ज्ञात करने के लिए अज्ञात विद्युत वाहक बल की तुलना विभव मापी के तार पर ज्ञात विभवांतर से करते है , जब परिपथ में लगे धारामापी में कोई विक्षेप नहीं होगा इस स्थिति में अज्ञात विभवांतर , तार पर ज्ञात विभवांतर के बराबर होगा। यही इसका सिद्धान्त है।
माना L लम्बाई का AB प्रतिरोध तार है , इस तार के सिरों पर एक सेल जोड़ते है जिसका विद्युत वाहक बल E है तथा आंतरिक प्रतिरोध नगण्य है , अतः तार के सिरों पर E विभवान्तर उत्पन्न हो जायेगा।
चूँकि तार का काट क्षेत्रफल समान है अतः तार में उत्पन्न विभव प्रवणता
K = E /L
अब जैसे मान लीजिये हमें A बिंदु से l दुरी पर विभवांतर ज्ञात करना है तो वह ( Kl) होगा।
अब हम चित्रानुसार अज्ञात विद्युत वाहक बल E’ का सेल जोड़ देते है।
E’ जोड़ने से धारामापी में विक्षेप उत्पन्न हो जाता है , अब सर्पी कुंजी को बिंदु A से B की तरफ स्पर्श करवाते हुए ले जाते है और तार पर वह बिंदु ज्ञात करते है जिस पर धारामापी में विक्षेप शून्य हो जाता है , इस बिंदु को स्केल में पढ़ते है की संतुलन की स्थिति कहा प्राप्त होती है और उस बिंदु पर तार का विभवांतर ज्ञात करते है क्योंकि सिद्धांत से उस बिंदु पर तार का विभवांतर का मान ही अज्ञात सेल का विद्युत वाहक बल होगा।
माना तार पर l लम्बाई पर धारामापी में शून्य विक्षेप प्राप्त होता है।
अतः l लम्बाई पर विभवांतर V = Kl
संतुलन की अवस्था E’ = V
अतः अज्ञात सेल का विद्युत वाहक बल E’ = Kl
Recent Posts
सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है
सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…
मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the
marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…
राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi
sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…
गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi
gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…
Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन
वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…
polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten
get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…