(pollutants meaning in hindi) प्रदूषक किसे कहते है | प्रदूषक की परिभाषा क्या है ? प्रकार , उदाहरण अर्थ |
प्रदूषक की परिभाषा :
सीधी भाषा में प्राकृतिक साधनों में अवान्छनीय पदार्थो अथवा तत्वों की मिलावट को ही पर्यावरण प्रदूषक कहते है।
आधुनिक युग में वैसे तो मानव जनित सभी औद्योगिक पदार्थ प्रदूषक का कार्य करते है लेकिन नित्य प्रति उपयोग में आने वाले अनेकों पदार्थ विभिन्न प्राकृतिक चक्रो तथा प्रक्रियाओं के माध्यम से फिर दोबारा उपयोगी रूप में परिवर्तित हो जाते है। अनेको ऐसे पदार्थो का भी आविष्कार हो गया है , जिन पर प्राकृतिक विघटकों अथवा चक्रों का प्रभाव नहीं होता है एवं ये पदार्थ उपयोग के पश्चात् गंभीर समस्या उत्पन्न करते है। विभिन्न पदार्थो के इसी गुण के आधार पर रासायनिक दृष्टिकोण से प्रदूषक निम्नलिखित दो श्रेणियों में विभाजित किये जाते है।
1. जैव विघटनात्मक या जैव निम्नीकरण प्रदूषक (biodegradable pollutants)
इस प्रकार के प्रदूषक मुख्यतः जीव जंतुओं एवं वनस्पतियों की जैविक क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न होते है तथा इनकी रासायनिक संरचना अधिक स्थायी नहीं होती है। ये पदार्थ बैक्टीरिया अथवा कवक द्वारा सरल रासायनिक अवयवों में टूट कर मिट्टी की उपज बढाने में सहायक होते है। लेकिन जब इनका उत्पादन विघटन क्षमता से अधिक होता है , तब वह जल , मिट्टी एवं वायु प्रदूषण का कारण बन सकते है। उदाहरण के लिए , मानव सहित अनेकों जन्तुओ के उत्सर्जित पदार्थ तथा फल , सब्जियों और खाद्य पदार्थो आदि का घरेलू कचरा एक सिमित मात्रा में मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए उपयोगी है , लेकिन अनियंत्रित जनसंख्या के कारण आज बड़े नगरों की सबसे गंभीर समस्या इस कचरे का निपटारा ही है। भारतवर्ष में अधिक जनसंख्या के कारण कचरे ने गम्भीर पर्यावरण समस्या का रूप ले लिया है। भारतवर्ष में गंदगी मिट्टी , जल तथा वायु प्रदूषित करती है , क्योंकि कचरा उत्पादन की गति , प्राकृतिक विघटन क्षमता से बहुत अधिक है।
2. अजैव विघटनात्मक या अजैव निम्नीकरणशील प्रदूषक (non biodegradable pollutants)
मानव निर्मित अनेकों औद्योगिक पदार्थ ऐसे है जिन पर प्राकृतिक विघटकों एवं चक्रों का प्रभाव नहीं होता है। अत: इस प्रकार के पदार्थों की समस्या अधिक गंभीर है। एल्युमिनियम तथा टिन के केन्स , मर्करी (पारा) के लवण , फिनोलिक यौगिक और डी.डी.टी. , बी.एच.सी. , एल्ड्रीन , टोक्साफीन आदि अनेकों जहरीले पदार्थ इस श्रेणी के प्रदूषक है। ये पदार्थ अधिक स्थायी है तथा निरंतर प्रयोग से वातावरण के विभिन्न स्रोतों में एकत्रित होते रहते है। कभी कभी ये पदार्थ अन्य प्राकृतिक तत्वों से मिलकर अनेकों अन्य जहरीले पदार्थ भी बनाते है। इस प्रकार के पदार्थ पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा उत्पन्न कर रहे है।
.,उपरोक्त दोनों श्रेणियों के प्रदूषकों को अन्य प्रकार से , जल , वायु एवं मिट्टी के प्रदूषकों के रूप में विभक्त कर सकते है।
विभिन्न प्रदूषक और उनके प्रभाव
प्रदूषक | मुख्य स्रोत | प्रभाव | टिप्पणी |
1. कार्बन डाइ ऑक्साइड |
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लोगों पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता।
कालांतर में हरितगृह प्रभाव द्वारा पृथ्वी का तापमान बढ़ सकता है। |
वातावरण का सामान्य अंग है। पेड़ों के लिए अति आवश्यक है। |
2. कार्बन मोनो ऑक्साइड | इंधन का अधूरा दहन (जैसे – मोटर वाहन) | उत्तक के ऑक्सीजन को घटाता है।
साँस के रोगियों पर विशेष प्रभाव |
प्राकृतिक स्रोतों का योगदान कम। शरीर पर वातावरण के धुंए से भी अधिक बुरा प्रभाव धूम्रपान से पड़ता है। |
3. सल्फर डाइ ऑक्साइड | गंधक युक्त इन्धन का जलना ,
जैसे कोयला और तेल।
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4. सस्पेण्डेड पार्टिकुलेट मैटर | विशेष मिश्रण के अनुसार जहरीला प्रभाव अलग अलग होता है।
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रासायनिक दृष्टि से अत्यधिक विविधता वाला पदार्थ है। | |
5. नाइट्रोजन ऑक्साइड |
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इसके दो अंग है – नाइट्रोजन ऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड |
6. वाष्पशील (वोलेटाइल) हाइड्रोकार्बंस |
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ओजोन प्राकृतिक है तथा वातावरण के ऊपरी भाग का भी एक प्रमुख अंग है। |
7. ऑक्सीडेट एवं ओजोन |
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स्ट्रेटोस्फेरिक ओजोन विश्व के लिए लाभदायक है। |
मुख्य पर्यावरण प्रदुषण :-
- जल प्रदूषण
- वायु प्रदूषण
- भूमि अथवा मृदा प्रदुषण
- सामान्य प्रदूषक
कुछ प्रदूषक ऐसे होते है जो उपरोक्त तीनों प्रकार की श्रेणी में आ सकते है। उदाहरण के लिए बहुत से कीटनाशक रसायन अविघटनात्मक होने के साथ साथ जल , वायु और भूमि को भी प्रदूषित करते है।