फास्फीन (PH3) (Phosphine)
बनाने की विधियां :
- स्वेत फास्फोरस की क्रिया NaOH के सान्द्र विलयन से करने पर
P4 + 3NaOH + 3H2O → PH3 + 3NaH2PO2
- कैल्शियम फास्फाइड की क्रिया HCl या H2Oसे करने पर
Ca2P2 + 6HCl → 3CaCl2 + 2PH3
Ca3P2 + 6H2O → 3Ca(OH)2 + 2PH3
गुण (properties) :
- यह रंगहीन सड़ी मछली के समान गंध युक्त अत्यंत विषैली गैस है।
- यह CuSO4 तथा मरक्यूरिक क्लोराइड से निम्न प्रकार से क्रिया करती है।
3CuSO4 + 2PH3 → Cu3P2 + 3H2SO4
3HgCl2 + 2PH3 → Hg3P2 + 6HCl
उपयोग (uses):
इसका उपयोग होम सिग्नल में किया जाता है , एक छिद्र युक्त पात्र में कैल्शियम कार्बाइड तथा केल्सियम फास्फाइड लेकर उसे समुद्र में डाल देते हैं , यह जल से क्रिया करके गैस बनाते हैं यह ज्वलनशील होती है अर्थार्थ आग को पकड़ लेती है जिससे पानी के जहाज के आगे आने वाले अवरोध के बारे में पता लग जाता है।
संकरण SP3 होता है।
फास्फीन की ज्यामिति पिरामिडी होती है।
फास्फोरस ट्राई क्लोराइड (PCl3) (Phosphorus tri chloride) बनाने की विधि :
- श्वेत फास्फोरस की क्रिया क्लोरीन से करने पर
P4 + 3Cl2 → 4PCl3
- फास्फोरस की क्रिया थायोनिल क्लोराइड से करने पर
P4 + 8SOCl2 → 4PCl3 + 4SO2 + 2S2Cl2
गुण (properties):
- यह रंगहीन द्रव है।
- एथिल एल्कोहल (C2H5-OH) से क्रिया
3C2H5-OH + PH3 → 3C2H5Cl + H3PO3
- एसिटिक अम्ल से क्रिया –
3CH3COOH + PCl3 → 3CH3-COCl + H3PO3
- जल के साथ क्रिया करके सफ़ेद धुआँ देता है
3H2O + PCl3 → 3HCl + H3PO3
संरचना (structure):
संकरण SP3 होता है।
ज्यामिति पिरामिड होती है।