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आवर्ती गति क्या है , परिभाषा , उदाहरण (periodic motion in hindi) , आवधिक गति , आवर्तकाल
(periodic motion in hindi) आवर्ती गति क्या है , परिभाषा , उदाहरण : ब्रम्हांड में कई गति ऐसी होती है जो एक निश्चित समय बाद खुद को दोहराती है इसको हम निम्न प्रकार परिभाषित कर सकते है –
“वह गति जिसमे कोई वस्तु या पिण्ड एक निश्चित समय अन्तराल पर और एक निश्चित पथ पर खुद की गति को दोहराता है , इस प्रकार की गति को आवर्ती गति कहते है। ”
इस प्रकार की गति का पैटर्न हम आसानी से समझ सकते है और गणित के रूप में समझा भी सकते है क्योंकि इस प्रकार की गति में पैटर्न एक ही रहता है जो एक निश्चित समय बाद दोहराया जाता है।
जिस समय बाद गति का पुन: दुहराव होता है उस समय को आवर्तकाल कहते है अर्थात आवर्त काल वह समय है जिसके बाद पिण्ड अपनी गति को पुन: दोहराता है।
जैसा की नाम से प्रतीत होता है आवर्ती गति में पिण्ड एक निश्चित दूरी को , एक निश्चित समय में और एक समान पैटर्न में दोहराता है।
आवर्ती गति में वस्तु आवर्ती काल के बाद पुन: उसी बिंदु पर आ जाता है जहा से वह शुरू हुआ था और पुन: अपनी वही गति उसी काल में उसी पथ पर दोहराता है।
आवर्ती गति के उदाहरण निम्न प्रकार है –
१. घड़ी की सुई की गति : घडी में लगी सुइयाँ एक निश्चित समय बाद अपनी गति को उसी पैटर्न अर्थात उसी पथ पर दोहारती है जैसे मिनट की सुई 60 मिनट बाद पुन: वही से शुरू हो जाती है और उसी वेग से उसी पथ का अनुसरण करती हुई गति करती है इसी प्रकार सेकंड वाली सुई 60 सेकेण्ड बाद अपनी गति का दोहारन करती है इसलिए घडी भी सुई की गति को आवर्त्ति गति (आवधिक गति) गति है।
“वह गति जिसमे कोई वस्तु या पिण्ड एक निश्चित समय अन्तराल पर और एक निश्चित पथ पर खुद की गति को दोहराता है , इस प्रकार की गति को आवर्ती गति कहते है। ”
इस प्रकार की गति का पैटर्न हम आसानी से समझ सकते है और गणित के रूप में समझा भी सकते है क्योंकि इस प्रकार की गति में पैटर्न एक ही रहता है जो एक निश्चित समय बाद दोहराया जाता है।
जिस समय बाद गति का पुन: दुहराव होता है उस समय को आवर्तकाल कहते है अर्थात आवर्त काल वह समय है जिसके बाद पिण्ड अपनी गति को पुन: दोहराता है।
जैसा की नाम से प्रतीत होता है आवर्ती गति में पिण्ड एक निश्चित दूरी को , एक निश्चित समय में और एक समान पैटर्न में दोहराता है।
आवर्ती गति में वस्तु आवर्ती काल के बाद पुन: उसी बिंदु पर आ जाता है जहा से वह शुरू हुआ था और पुन: अपनी वही गति उसी काल में उसी पथ पर दोहराता है।
आवर्ती गति के उदाहरण निम्न प्रकार है –
१. घड़ी की सुई की गति : घडी में लगी सुइयाँ एक निश्चित समय बाद अपनी गति को उसी पैटर्न अर्थात उसी पथ पर दोहारती है जैसे मिनट की सुई 60 मिनट बाद पुन: वही से शुरू हो जाती है और उसी वेग से उसी पथ का अनुसरण करती हुई गति करती है इसी प्रकार सेकंड वाली सुई 60 सेकेण्ड बाद अपनी गति का दोहारन करती है इसलिए घडी भी सुई की गति को आवर्त्ति गति (आवधिक गति) गति है।
२. पृथ्वी की सूर्य के चारो तरफ कक्षीय गति
३. किसी सेटेलाईट का पृथ्वी के चारो और चक्कर लगाना भी आवर्ती गति का उदाहरण है।
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