JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now

हिंदी माध्यम नोट्स

Categories: geography

उपसौर और अपसौर की परिभाषा क्या है , पृथ्वी की अक्ष या धुरी किसे कहते है , कक्षा , perihelion and aphelion in hindi

perihelion and aphelion in hindi , उपसौर और अपसौर की परिभाषा क्या है , पृथ्वी की अक्ष या धुरी किसे कहते है , कक्षा , पृथ्वी की गतियाँ परिक्रमण व परिभ्रमण :
पृथ्वी (earth) :
पृथ्वी का आकार (shape of earth in hindi) :पृथ्वी का आकार गोलाभ (geoid) (जिओइड) है। पृथ्वी विषुवतीय रेखीय क्षेत्रो में अधिक विस्तृत है और ध्रुवीय क्षेत्रो में चपटी है।
पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण पृथ्वी के केंद्र से बाहर की ओर अपकेन्द्रीय बल लगता है जिससे विषुवतीय रेखीय क्षेत्रो में पृथ्वी का विस्तार अधिक हो जाता है इसलिए पृथ्वी विषुवतीय रेखीय क्षेत्रो में अधिक विस्तृत होती है।
पृथ्वी की विषुवतीय रेखीय त्रिज्या इसकी ध्रुवीय त्रिज्या से अधिक है अत: सर्वाधिक गुरुत्वाकर्षण बल ध्रुवीय क्षेत्रों पर लगता है और विषुवतीय रेखीय क्षेत्रो में सबसे कम गुरुत्वाकर्षण बल पाया लगता है।
राकेट प्रक्षेपण केंद्र मुख्य रूप से विषुवतीय रेखीय क्षेत्रो के समीप स्थापित किये जाते है क्योंकि विषुवतीय रेखीय क्षेत्रो में सबसे कम गुरुत्वाकर्षण बल पाया लगता है।
राकेट प्रक्षेपण केंद्र महाद्वीपों के पूर्वी तक पर स्थापित किये जाते है। उदाहरण : सतीश धवन स्पेस सेण्टर (आंध्रप्रदेश)

पृथ्वी की अक्ष या धुरी (axis of earth) : वह काल्पनिक रेखा जिसके चारो ओर पृथ्वी परिभ्रमण (घूर्णन) करती है उसे ही पृथ्वी पृथ्वी की अक्ष या धुरी कहते है।

पृथ्वी की धुरी या अक्ष लम्बवत रेखा से 23 1/2 (23.5) डिग्री के कोण पर झुकी है।  इसे पृथ्वी का अक्षीय झुकाव कहते है। पृथ्वी की धुरी कक्षीय तल से 66 1/2 (66.5) डिग्री का कोण बनाती है।
पृथ्वी की कक्षा (earth’s orbit) : वह स्थायी मार्ग जिस पर चलते हुए पृथ्वी सूर्य के चारो ओर परिक्रमण करती है उसे पृथ्वी की कक्षा कहते है।
पृथ्वी की कक्षा “दीर्घ वृत्ताकार” है अत: पृथ्वी तथा सूर्य के बिच दूरी बदलती रहती है।

सूर्य और पृथ्वी के बीच औसत दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है। एक खगोलीय इकाई का मान भी इतना ही होता है।
अर्थात 1 खगोलीय = 15 करोड़ किलोमीटर
उपसौर (perihelion) : पृथ्वी की कक्षा में वह स्थान जहाँ सूर्य तथा पृथ्वी के बीच सबसे कम दूरी होती है उसे उपसौर की स्थिति कहते है।
उपसोर के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच 14.7 करोड़ किलोमीटर की दूरी होती है। इस दौरान 7% अधिक सौर विकिरण पृथ्वी पर प्राप्त होती है।
उपसौर की स्थिति उत्तरी गोलार्द्ध में सर्दियों (शीत) की तीव्रता को कम कर देती है और यह दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतू की तीव्रता को बढ़ाती है। उपसौर की स्थिति 3 जनवरी को बनती है।
अपसौर (aphelion) : पृथ्वी की कक्षा में वह स्थिति जब पृथ्वी और सूर्य के बीच सर्वाधिक दूरी होती है उसे अपसौर की स्थिति कहते है। यह स्थिति 4 जुलाई को बनती है और इस स्थिति में पृथ्वी व सूर्य के मध्य की दूरी 15.2 करोड़ किलोमीटर होती है। इस दौरान सामान्य से 7% कम सौर विकिरण पृथ्वी पर प्राप्त होती है।
अपसौर की स्थिति उत्तरी गोलार्द्ध में ग्रीष्म ऋतु की तीव्रता को कम करती है तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में शीत (सर्दी) ऋतु की तीव्रता को बढाती है।
उपसौर तथा अपसौर की स्थिति उत्तरी गोलार्द्ध की मौसम परिस्थितियों के पक्ष में है और भारत उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है अत: उपसौर तथा अपसौर की स्थिति भारत के पक्ष में है।
पृथ्वी की गतियाँ :
1. परिभ्रमण (rotation)
2. परिक्रमण (revolution)
1. परिभ्रमण (rotation) : पृथ्वी द्वारा अपनी धुरी के चारों ओर की जाने वाली गति को परिभ्रमण कहते है।
पृथ्वी पश्चिमी से पूर्व की ओर गति करती है। पृथ्वी को एक परिभ्रमण पूरा करने में 23 घंटे 56 मिनट 4 सेकंड लगता है।
परिभ्रमण के प्रभाव :
(i) सूर्य का पूर्व से उदय होते हुए तथा पश्चिम में अस्त होते हुए प्रतीत होना क्योंकि पृथ्वी का परिभ्रमण पश्चिम से पूर्व की ओर होता है।
(ii) परिभ्रमण के कारण दिन और रात का निर्माण होता है। प्रदीप्ति का वृत्त वह काल्पनिक वृत्त होता है जो दिन और रात वाले स्थानों को अलग करता है। प्रदीप्ति का वृत और पृथ्वी की अक्ष दोनों एक स्थान पर स्थित नहीं है।

(iii) कोरियोलिस बल :परिभ्रमण के कारण कोरियोलिस बल का निर्माण होता है। यह बल मुक्त रूप से गति कर रही वस्तुओ पर लगता है। सर्वाधिक कोरियोलिस बल ध्रुवीय क्षेत्रो में लगता है। विषुवतीय क्षेत्रों में कोरियोलिस बल लगभग शून्य होता है।
यदि वस्तु की गति अधिक होती हो उस पर कोरियोलिस बल अधिक लगता है।
उत्तरी गोलार्द्ध = दाये तरफ
दक्षिणी गोलार्द्ध = बाएँ तरफ
घूर्णन गति ∝ 1/कोरियोलिस
कोरियोलिस बल मुक्त रूप से गति कर रही वस्तुओ को उत्तरी गोलार्द्ध में दायी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बायीं ओर मोड़ता है।
कोरियोलिस बल के कारण साइक्लोन (चक्रवात) का निर्माण होता है। उत्तरी गोलार्द्ध में चक्रवात की दिशा घडी की विपरीत दिशा (वामावर्त) (एंटी क्लॉक वाइज) होती है।
तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में चक्रवात की दिशा घडी की दिशा में (दक्षिणावर्त) (क्लॉक वाइज) होती है।
कोरियोलिस बल के कारण प्रति चक्रवात का निर्माण भी होता है। (एंटी साइक्लोन)
2. परिक्रमण (revolution) : पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर की जाने वाली गति को परिक्रमण कहते है।
पृथ्वी को एक परिक्रमण पूरा करने में 365 दिन तथा 6 घंटे का समय लगता है।
ये 6 घंटे 4 वर्षो तक जोड़े जाते है तथा जिससे एक अतिरिक्त दिन का निर्माण होता है। जिसे लीप वर्ष में जोड़ा जाता है। पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर परिक्रमण करती है। परिक्रमण तथा अक्षीय झुकाव के कारण पृथ्वी पर ऋतुओ का निर्माण होता है , दिन तथा रात की अवधि निर्धारित होता है और ध्रुवीय क्षेत्रों में 6 महीने का दिन तथा 6 महीने की रात्री का निर्माण होता है।

Sbistudy

Recent Posts

सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke rachnakar kaun hai in hindi , सती रासो के लेखक कौन है

सती रासो के लेखक कौन है सती रासो किसकी रचना है , sati raso ke…

12 hours ago

मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी रचना है , marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the

marwar ra pargana ri vigat ke lekhak kaun the मारवाड़ रा परगना री विगत किसकी…

12 hours ago

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए sources of rajasthan history in hindi

sources of rajasthan history in hindi राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोतों की विवेचना कीजिए…

2 days ago

गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है ? gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi

gurjaratra pradesh in rajasthan in hindi गुर्जरात्रा प्रदेश राजस्थान कौनसा है , किसे कहते है…

2 days ago

Weston Standard Cell in hindi वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन

वेस्टन मानक सेल क्या है इससे सेल विभव (वि.वा.बल) का मापन Weston Standard Cell in…

3 months ago

polity notes pdf in hindi for upsc prelims and mains exam , SSC , RAS political science hindi medium handwritten

get all types and chapters polity notes pdf in hindi for upsc , SSC ,…

3 months ago
All Rights ReservedView Non-AMP Version
X

Headline

You can control the ways in which we improve and personalize your experience. Please choose whether you wish to allow the following:

Privacy Settings
JOIN us on
WhatsApp Group Join Now
Telegram Join Join Now