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DNA कुण्डली का पैकेजिंग , इरविन चारण का तुल्यता नियम
Packaging of DNA horoscope in hindi इरविन चारण का तुल्यता नियम DNA कुण्डली का पैकेजिंग
- न्यूक्लिक अम्ल
- DNA
- RNA
- न्यूक्लिऑक्साइड
- न्यूक्लिओसाइड
- फास्फेट
- न्यूक्लिओसाइड
- शर्करा
- नाइट्रोजनी क्षारक
- शर्करा
- राइबोस
- डि ऑक्सी राइबोस
- नाइट्रोजनी क्षारक
- प्यूरिन
- पिरिमिडीन
वाटसन व क्रिका का द्विकुण्डलिनी माॅडल:-
चित्र
नाइट्रोजनी क्षरक
प्यूरीन – पिरिमीडीन = हाइड्रोजन बंध
A = T एडीनोसीन
G = C ग्वानोसीन
साइटीडिन
क्षारक ग्लाइकोसिडिक बंध शर्करा न्यूकिलओलाइड = थाइमीडिन
न्यूक्लिओसाइड फास्फोस्टर बंध फास्फेट समूह त्र न्यूक्लिओसाइट
न्यूक्लिओटाइड फास्फोडाइएस्टरबंध
न्यूक्लिओटाइड त्र डाइ न्यूक्लिओटाइड
पाॅली न्यूक्लिआटाइड
न्यूक्लिक अम्ल
जीवाणु भोजी
QX174 = 5282 न्यूक्लिओसाइड
λ= 48502 न्यूक्लिओसाइड
E Coli = 4ण्6 ग 10 6 bp
मनुष्य अगुणितत्र 3.5 ग 10 9 इच
इरविन चारण का तुल्यता नियम:- किसी कुण्डली में एडिलीन व थइमीन तथा ग्वानीन व साइटोसीन का अनुपात स्थिर एवं बराबर होता है इसे ही इराविन चारगाफ का तुल्यकि नियम कहते है।
क्रिक का केन्द्रीय सिद्धान्त सेण्टल डोग्मा:-
DNA = अनुलेखन RNA = अनुवादकरण = protein
द्विगुणन/प्रतिकृति रूपान्तरण
DNA कुण्डली का पैकेजिंग:-
केन्द्रक कीअतिसूक्ष्म लम्बाई-चैडाई में अत्यधिक लम्बी कुण्डली का समावेश निमन प्रकार होता है उसे क्छ। कुण्डली कापैकेजिंग कहते है।
1 प्रोफेरियोटिक असीम केन्द्रकी में:-
इनमें ऋणावेशित कुण्डली बनावेशित प्रोटीन पर दृढता पूर्वक लिपटी होती है। तथा कोशिका के केन्द्रक में छोटे से स्थान में सिचिल होती है। जिसे न्यूक्लिोआइड कहते है।
2 यूकेरियोटिक ससीमकेन्द्रकी में :-
युकेरियोटिक में हिस्टोन प्रोटीन पाई जाती है। लिस्टोन मंे लाइसीन एवं आरअीनि अमीनों अम्लों की अधिवक्ता होती है ये क्षारीय होते है तथा इनकी पाश्र्व श्रृंखला पर धन आवेश होता है अतः ये धनावेशित होते है। इसीलिए लिस्टोन क्षारीय एवं धनावेशित होता है। ऐसे आठ लिस्टोन मिलकर एक इकाईबनाते है जिसे हिस्टोन अष्ठ 5 कहते है।
धनावेशित लिस्टोन अष्टक पर ऋणावेशित कुण्डली दृढता पूर्वक लिपटी होती है। तथा न्यूक्लिओसोम बनाती है।
लिस्टोन अष्ठक + DNA कुण्डली = न्यूक्लिओसोम
चित्र
एक प्रारूपी ब्यूविलओसोत में 200 bp पाये जाते है। न्यूक्लिलोसोम आपसमें जुड़कर जिस सरंचना का निर्माण करते है उसे क्रोमेटिन कहते है जो कोशिका विभाजन के दौरान गुणसूत्र के रूप में दिखाई देते है। क्रोमेटिन दो प्रकार के होते है।
फैटेरोक्रोमेटिन:-
ये दृढतापूर्वक बंधे होते है तथा गहरे अमिरंजित होते है।
यूकेरोक्रोमेटिन:-
जो क्रोमेटिन ढिले-ढाले बंधे होते है तथा हल्के अभिरंजित होते है उन्हें यूकेरोकोन्टिन कहते है इसके अतिरिक्त गैर हिस्टोन गुणसूत्रीय प्रोटीन की भी कुछ मात्रा पायी जाती है।
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