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फास्फोरस के ऑक्साइड (oxides of phosphorus in hindi) , फास्फोरस ट्राईऑक्साइड , फास्फोरस पेंटोक्साइड

(oxides of phosphorus in hindi) फास्फोरस के ऑक्साइड : वह यौगिक जो फास्फोरस और ऑक्सीजन से मिलकर बना हुआ होता है उसे फास्फोरस का ऑक्साइड कहते है। सामान्यतया फास्फोरस कई ऑक्साइड बनता है लेकिन मुख्य रूप से यह दो ऑक्साइड बनाता है जिनका अध्ययन हम यहाँ करेंगे।
1. फास्फोरस ट्राईऑक्साइड
2. फास्फोरस पेंटोक्साइड
अब हम इन दोनों फास्फोरस के ऑक्साइड के बारे में विस्तार से पढ़ते है।
इन दोनों ऑक्साइड के अलावा फास्फोरस के कई अन्य ऑक्साइड भी पाए जाते है जैसे P4O7, P4O8, P4O9, PO and P2O6 आदि।

1. फास्फोरस ट्राईऑक्साइड

इसका रासायनिक सूत्र P2O3 या P4O6 होता है , जब सिमित वायु की उपस्थिति में श्वेत फास्फोरस को गर्म किया जाता है तो हमें फास्फोरस ट्राई ऑक्साइड प्राप्त होता है , यह अभिक्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है –
4P + 3O2 2P2O3

अब हम इसके गुणों के बारे में पढ़ते है –

  • यह सफ़ेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस होता है।
  • फास्फोरस के इस ऑक्साइड में लहसून जैसी गंध आती है।
  • यह ठंडे पानी के साथ क्रिया करता है और फास्फोरस अम्ल बनाता है , जिसकी क्रिया निम्न प्रकार होती है –
P2O3 +3H2O 2H3PO3

यह गर्म पानी के साथ शीघ्रता के साथ क्रिया करता है और उत्पाद के रूप में ज्वलनशील फॉस्फीन बनाता है।

  • यह विषैली वाष्प उत्पन्न करता है।
  • वायु में इसका धीरे धीरे ऑक्सीकरण होने लगता है और लगभग 70 डिग्री सेल्सियस ताप पर यह ज्वलन उत्पन्न करती है।

2. फास्फोरस पेंटोक्साइड

इसका रासायनिक सूत्र P2O5 या P4O10 होता है , जब वायु की अधिकता में श्वेत फास्फोरस को गर्म किया जाता है तो उत्पाद के रूप में हमें फास्फोरस पेंटोक्साइड प्राप्त होता है।
फास्फोरस पेंटोक्साइड बनने की अभिक्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है –
P4 + 5O2 P4 O10
अब हम फास्फोरस पेंटोक्साइड के गुणों के बारे में पढ़ते है –
  • यह एक सफ़ेद क्रिस्टलीय ठोस होता है।
  • यह एक अम्लीय ऑक्साइड होता है।
  • फास्फोरस पेंटा ऑक्साइड को जब गर्म किया जाता है तो यह उधर्वपातित हो जाता है।
जब यह नमी के क्रिया करता है तो मेटाफॉस्फोरिक अम्ल बनाता है , जिसकी क्रिया निम्न प्रकार संपन्न होती है –
P4O10 + 2H2O 4HPO3

 

इस में प्राप्त उत्पाद विलयन को जब गर्म किया जाता है अर्थात इस विलयन को जब उबाला जाता है तो इसमें बना मेटाफॉस्फोरिक अम्ल , ऑर्थोफोस्फोरिक एसिड में बदल जाता है जिसकी क्रिया निम्न होती है –
HPO3 + H2O H3PO4
या
P4O10 + 6H2O 4H3 PO4
  • इस ऑक्साइड का उपयोग निर्जलीकारक के रूप में किया जा सकता है।
  • यह ठन्डे पानी में यह धीरे धीरे घुलने लगता है।
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