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ओस्कर श्लेमर Oskar Schlemmer in hindi

(Oskar Schlemmer in hindi) ओस्कर श्लेमर का जन्म 4 सितम्बर 1888 को हुआ था , वे एक जर्मन नागरिक थे अर्थात उनका जन्म जर्मनी में हुआ था तथा उनकी मृत्यु 13 अप्रेल 1943 को हुई।

अब बात करते है उन्होंने ऐसा क्या किया था जिससे आज उनको गूगल ने अपने डूडल पर लगा क्र उनके जन्मदिन पर याद किया है और हमें भी उनके बारे में बताया है।

ओस्कर श्लेमर जर्मनी के एक महान मूर्तिकार के साथ साथ एक अच्छे डिजाइनर और पैन्टर भी थे , इन सबके के साथ साथ उनमें कोरियोग्राफर का भी अद्भुद गुण था।

वे सबसे ज्यादा एक पेंटर के रूप में जाने जाते है उनकी पेन्टिंग आजा भी लोगो के मन में जिज्ञासा पैदा करती है की इतने समय पहले भी पेन्टिंग में इन्होने इतनी कला कहा से हासिल की।

अब हम इनके जीवन की तरफ बढ़ते है और देखते है की इन्होने कहा से शिक्षा प्राप्त की और कहा से क्या सिखा तथा इनके निजी जीवन के बारे में भी जानते है।

ओस्कर श्लेमर का जन्म स्टटगार्ट नामक जगह पर हुआ जो जर्मनी का एक शहर है तथा इनकी मृत्यु जर्मनी के baden – baden (बडान-बडान) नामक शहर में हुआ।

उनके पिता का नाम कार्ल लियोहार्ड श्लेमर था और उनकी माता का नाम मीना नेहौस था , इनके माता पिता का निधन लगभग 1900 में हुआ तथा इनके माता पिता के कुल 6 संताने थी इन छ: भाई बहनों में ओस्कर श्लेमर (Oskar Schlemmer) सबसे छोटे थे।

इनके माता-पिता के मृत्यु के बाद वे अपनी बहन के पास रहे , और छोटी ही उम्र में उन्होंने खुद को संभाल लिया अर्थात खुद का खर्चा खुद से ही करने लगे , 1903 के बाद वे पूरी तरह से खुद पर ही आश्रित हो गए

इन्होने 1903 से 1905 तक अपने जन्म स्थान अर्थात स्टटगार्ट शहर में स्थित marquentry नामक वर्कशॉप में ग्राफिक्स डिजाईन का को सिखा इसके बाद 1906 और 1910 में कुछ समय के लिए कला का ज्ञान प्राप्त किया , यहाँ इनका अद्भुद ज्ञान देखकर इनको छात्रवृति प्राप्त हो गयी और इन्हें akedemie der kunste (जर्मन नाम) नामक कला की अकादमी में प्रवेश मिल गया और वे छात्रवृति पर वहां पढने लगे।

1911 से लेकर 1912 के मध्य उन्होंने एक पेंटर के रूप में बर्लिन में काम किया जिसे वे एक शौक और पार्ट टाइम करते थे जिससे उनको कुछ पैसा मिल जाता है इस काम के चलते उनका संपर्क हेर्वार्थ वाल्डेन की गैलरी से हो गया था।

इसके बाद वे वापस अपने शहर लौट आये और एडॉल्फ होल्ज़ेल के मास्टर विद्यार्थियों में से एक बन गए , एडॉल्फ होल्ज़ेल एक महान जर्मन पेंटर थे।

इसके बाद 1913-1914 में उन्होंने अपना खुद का कला सैलून खोल लिया , इस काम में उनके दो साथी थे जिनका नाम वि ली बाउमिस्टर और हरमन स्टेनर था।

1914 में उन्होंने जर्मनी वर्क फेडरेशन के लिए कुछ शानदार मूर्तियों का निर्माण और डिजाईन किया जिसे इसके मुख्य हॉल में लगाया गया।

1914  से लेकर 1918 तक उन्होंने युद्ध में अपना योगदान दिया युद्ध के दौरान इनको घाव लग गया था जिससे ये वापस अपने शहर आ गए।

इसके बाद इन्होने कला के क्षेत्र में अद्भुद रचनाएँ की और विभिन्न जगहों पर जाकर अपना ज्ञान भी नए बच्चो को बांटा , कई मूर्तियाँ बनाई , विभिन्न कार्यक्रम के लिए बहुत ही शानदार स्टेजो को अपनी कला से सजाया , वे नृत्य में भी विशेष स्टेज आईडिया के धनी थे , चाहे डांस कोई भी हो स्पेस , रोड हूप , जेस्चर आदि सभी प्रकार के डांस के लिए ओस्कर श्लेमर पोशाक का निर्धारण करते थे , स्टेज को डिजाईन करते थे और नृतकों के लिए मास्क बनाते थे जो वे मास्क्ड डांस में प्रयोग करते थे।

उनकी कला अद्भुद थी , आज भी उनकी मूर्तियों तथा डिजाईन को देखा जाता है तो यह अनुमान लगाया जाता है की डिजाईन का प्रारंभ अद्भुद था।

आज इस महान कलाकार का जन्म दिन है ,और इस जन्म दिन के अवसर पर गूगल ने पूरी दुनिया को उनकी कला के बारे में बताया है।

Sbistudy

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